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Robot Prahasta: हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी ने Army के लिए बनाया खतरनाक रोबोट प्रहस्त, जानें क्या हैं खूबियां

प्रहस्त (Prahasta) AI से लैस रोबोट है. यह असॉल्ट राइफल से लैस है. जरूरत पड़ने पर इसमें रॉकेट लॉन्चर भी फिट किया जा सकता है. इस रोबोट में कई खूबियां हैं. अगर सेना के किसी ऑपरेशन में जरूरत पड़ी तो यह 80 किलोग्राम तक के जवान को लिफ्ट कर सकता है. यह रोबोट किसी हादसे में पलटने के बाद खुद ही सीधा हो सकता है.

Robot Prahasta (Photo/Zentechnologies.com) Robot Prahasta (Photo/Zentechnologies.com)

हैदराबाद की एक निजी कंपनी जेन टेक्नोलॉजीज ने सेना के लिए एक खतरनाक रोबोट बनाया है. ये रोबोट AI से लैस है. कंपनी ने इस घातक रोबोट को प्रहस्त नाम दिया है. कंपनी ने इस रोबोट को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बनाया है. यह रोबोट 3डी नक्शे बनाने में माहिर है. यह असॉल्ट राइफल से लैस है. यह रोबोट युद्ध के मैदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यह चुनौतीपूर्ण इलाकों में नेविगेट कर सकता है. जरूरत पड़ने पर यह जवान की मदद भी कर सकता है. 

क्या है रोबोट प्रहस्त-
प्रहस्त चार पैरों वाला एक ऑटोमेटिक रोबोट है. यह खतरे को भांपकर LIDAR तकनीक से 3डी इमेज बनाने में सक्षम है. इस रोबोट को 9mm, 5.56mm और 7.62mm जैसे कैलिबर हथियारों से लैस किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल 26.11 जैसे आतंकी हमलों के दौरान ऑपरेशन में किया जा सतका है और लोगों की जान बचाई जा सकती है. ये रोबोट असॉल्ट राइफल से लैस है और बिना गिरे सीढ़ियों पर चढ़ सकता है.

क्या हैं खूबियां-
खतरनाक रोबोट प्रहस्त सेना के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है. इसकी कई खूबियां है. ये रोबोट LIDAR तकनीक से 3डी नक्शा बनाने में सक्षम है. यह जानवरों की तरह आसानी से सीढ़ियों पर चढ़ सकता है. यह असॉल्ट राइफल से लैस है. जरूरत पड़ने पर इसमें छोटे-छोटे हथियार और रॉकेट लॉन्चर भी फिट किया जा सकता है. 

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प्रहस्त 45 किलोग्राम का भार लेकर लगातार 2.5 घंटे तक काम कर सकता है. ये रोबोट 40 सेंटीमीटर के कभी भी अवरोध को पार कर सकता है. इन अवरोधों को पार करने के लिए रोबोट को किसी कैमरा या सेंसर की जरूरत नहीं पड़ेगी.

जवान की तरह फुर्तीला है रोबोट प्रहस्त-
प्रहस्त सैनिक की तरह फुर्तीला है. अगर किसी हादसे में यह पलट जाता है तो खुद सीधा हो सकता है. आपातकाल में रोबोट प्रहस्त घायल सैनिकों की मदद भी कर सकता है. ये 80 किलोग्राम तक के जवान को उठाकर सुरक्षित जगह ले जा सकता है. आतंकी हमलों से निपटने के साथ सेना के किसी भी तरह के ऑपरेशन में मददगार साबित हो सकता है. इसकी मदद से सेना हर काम को आसान बना सकती है.

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