भारत ने अपनी सरहदों को हर खतरे से महफूज रखने का पूरा इंतजाम कर लिया है. सेनाओं को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है. नई तकनीक की मदद से तीनों सेनाओं ने हिंदुस्तान के लिए सुरक्षा का ऐसा चक्रव्यूह बनाया है, जिसे तोड़ पाना किसी भी दुश्मन के बस की बात नहीं है. इसी कड़ी में भारत ने एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. 19 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात ये सैनिक अब चौबीसों घंटे इंटरनेट से जुड़े रहेंगे. इंटरनेट की सुविधा शुरू होने से अब इमरजेंसी में हेड क्वार्टर को फौरन महत्वपूर्ण जानकारी दी जा सकती है. अब सैनिकों के लिए घर परिवार और रिश्तेदारों से बात करना आसान हो गया है.
इंटरनेट का नेटवर्क हुआ तैयार
इंडियन आर्मी के फायर एंड फ्यूरी कोर ने सबसे ऊंचे रणक्षेत्र में इंटरनेट सुविधा पहुंचाने का काम किया है. आर्मी की इस टीम को दुर्गम इलाकों में काम करने में महारत हासिल है. महीनों की मशक्कत के बाद फायर और फ्यूरी टीम ने सियाचिन की पहाड़ियों पर सैटेलाइट सिग्नल रिसीव करने वाले डिश लगाए. सियाचिन की पहाड़ियों पर लगे ये डिश हर वक्त सैटेलाइट से जुड़े रहते हैं. इन सैटेलाइट की मदद से ही सियाचिन में इंटरनेट का नेटवर्क तैयार हो चुका है. रविवार को इस टीम ने सियाचिन में इंटरनेट सर्विस को एक्टिव कर दिया.
10 हजार जवानों को मिलेगी सुविधाएं
बता दें कि, सियाचिन में चौकसी आसान काम नहीं है. यहां सर्दियों में इतनी ठंड पड़ती है कि रूह कांप जाए. माइनस 40 डिग्री की ठंड में हिंद के जवान मातृभूमि की रक्षा के लिए दिन रात डटे रहते हैं. गर्मियों के मौसम में भी सियाचिन की पहाड़ियों पर जरूरी सुविधाएं पहुंचाना बेहद मुश्किल काम होता है, लेकिन हिंदुस्तान ने सियाचिन में तैनात अपने करीब 10 हजार जवानों को हर मुमकिन सुविधाएं देने का संकल्प पूरा किया है.
दुश्मनों की साजिशों का आसानी से होगा खुलासा
अब सियाचिन में इंटरनेट सुविधा होने से दुश्मनों की साजिशों को नाकाम करना आसान हो जाएगा. अब इंटरनेट की मदद से सेना खुफिया जानकारियों को आसानी से साझा कर पाएगी. सर्दी के मौसम में बर्फीली ठंड की आड़ में कई बार दुश्मन देश अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब इंटरनेट की सुविधा होने से दुश्मनों की साजिशों का वक्त पर पर्दाफाश हो जाएगा. अब सरहद पर चल रही हर हरकत की जानकारी सेना के हेडक्वार्टर पर आसानी से पहुंचेगी.
भविष्य की जरूरतों को लेकर खुद को तैयार कर रहा भारत
इतना ही नहीं सियाचिन में तैनात सैनिकों को इंटरनेट की मदद से अब अपने घर से जुड़े रहने में भी मदद मिलेगी. इंटरनेट से वो जब चाहे अपने परिवार वालों से बात कर सकेंगे. बता दें कि, सुरक्षा में आत्मनिर्भर हो चुका हिंदुस्तान अब भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खुद को तैयार कर रहा है. हिंद की सेना तकनीकी तौर पर खुद को लगातार अपग्रेड कर रही है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर निगरानी को और कड़ा किया जा रहा है. सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये तैयारियां भारत की सेना को हर चुनौती का सामना करने की ताकत दे रही है.