कर्नाटक के गडग जिले के सिकंदर मीरानाइक ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है. 40 साल के सिकंदर मीरानाइक ने बोरवेलों को टेक्नोलॉजी से रिचार्ज करने का काम किया है. दरअसल, सिकंदर मीरानाइक को अपनी युवावस्था में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सीमित पहुंच से लेकर वित्तीय बाधाएं और अवसरों की कमी शामिल था. हालांकि, दृढ़ संकल्प से प्रेरित और अपने अंग्रेजी शिक्षक, अनिल वैद्य से प्रेरित होकर, सिकंदर एक सफल सामाजिक उद्यमी के रूप में उभरे हैं. आज वे पूरे भारत में बारिश के पानी के को संचय करने की तकनीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं.
खेती के सपनों से लेकर सामाजिक प्रभाव तक
दो दशक पहले, खुद को एक किसान के रूप में देखने वाले सिकंदर मीरानाइक की आकांक्षाएं बहुत बड़ी नहीं थीं. वे केवल एक बेहतर किसान बनकर खेती करना चाहते थे. लेकिन आज, संकल्प ग्रामीण विकास सोसायटी के सीईओ के रूप में, उनका लक्ष्य बारिश के पानी को इकठ्ठा करने वाली तकनीक के माध्यम से 2030 तक देश भर में 10,000 बोरवेलों को रिचार्ज करना है. ये उन लोगों के लिए होगा जिनके क्षेत्र पानी की कमी से जूझ रहे हैं.
संकल्प ग्रामीण विकास सोसायटी
संकल्प ग्रामीण विकास सोसाइटी का नेतृत्व करते हुए, सिकंदर मीरानाइक और उनकी टीम भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करती है. ये पूरी टीम बोरवेल रिचार्ज, छत पर जल संचयन और तालाब को फिर से बहाल करना जैसे आधुनिक लेकिन लागत प्रभावी तरीकों से सूखाग्रस्त क्षेत्रों में किसानों और समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें सशक्त बनाना चाहती है.
शिक्षा और सशक्तिकरण की यात्रा
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सिकंदर मीरानाइक की यात्रा में उनके गुरुओं का काफी साथ रहा. हालांकि, शुरुआत में उन्हें काफी असफलताओं का सामना करना पड़ा. SSLC परीक्षा में फेल होने के बाद भी उनके शिक्षक वैद्य ने उनका काफी सपोर्ट किया और उनकी नेतृत्व क्षमता को पहचाना. उन्होंने सिकंदर मीरानाइक को सामाजिक कार्य में डिग्री लेने के लिए निर्देशित किया, जिसके बाद उनका सामाजिक कल्याण के प्रति जुनून गहरा हो गया.
देशपांडे फाउंडेशन फेलोशिप
2008 में, सिकंदर मीरानाइक के जीवन में एक परिवर्तनकारी मोड़ आया जब वह हुबली में देशपांडे फाउंडेशन फेलोशिप में शामिल हुए. अंग्रेजी, कंप्यूटर एप्लिकेशन और लीडरशिप में नए कौशल से लैस होकर, उन्होंने सामाजिक उद्यमिता में कदम रखा और संकल्प ग्रामीण विकास सोसायटी की नींव रखी.
ट्विन रिंग मेथड है चाबी
ट्विन रिंग मेथड का उपयोग करते हुए, सिकंदर मीरानाइक और उनकी टीम ने दस राज्यों में 2,800 से अधिक बोरवेलों को सफलतापूर्वक रिचार्ज किया है. यह एक आधुनिक मेथड है. इसमें बोरवेल जगहों के पास तालाब और सीमेंट के छल्ले का निर्माण किया जाता है. इसकी मदद से पानी की कमी का एक लागत प्रभावी और टिकाऊ समाधान निकाला जाता है. इससे देश भर के किसानों और समुदायों को फायदा होता है.