आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारे जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. सोशल मीडिया पर रील देखने, फेसबुक स्क्रॉल करने में लोग घंटों निकाल दे रहे हैं. सोशल मीडिया की इस लत का शिकार केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे भी हैं. अक्सर मां-बाप अपने एक से दो साल के बच्चों को बहलाने के लिए फोन थमा देते हैं. धीरे-धीरे फोन देखने की उनकी ये आदत लत में बदल जाती है.
न्यूनतम आयु निर्धारित करने वाला कानून
इसी लत को कम करने के लिए और बच्चों की बेहतरी के लिए ऑस्ट्रेलिया बच्चों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बैन करने की योजना बना रहा है. सरकार ने इस बात की चिंता जताई है कि इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म युवाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस साल के आखिर तक फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित करने का कानून पेश कर सकती है.
बच्चे नहीं कर पाएंगे सोशल मीडिया का इस्तेमाल
ऑस्ट्रलिया की सरकार बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ते प्रभाव को देखते हुए उनके फेसबुक, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने की न्यूनतम उम्र सीमा 14 से 16 साल कर सकती है. कहा जा रहा है कि 16 साल तक की उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी. इस कानून को पारित करने के बाद ऑस्ट्रलिया उन देशों में शामिल हो जाएगा जिन्होंने सोशल मीडिया पर उम्र संबंधी प्रतिबंध लगाए हैं.
सरकार की प्राथमिकता 16 साल से कम उम्र के यूजर्स पर रोक लगाना है. हालांकि, इसपर अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि बच्चे अपने डिवाइस से बाहर आएं और फुटबॉल के मैदान में, टेनिस कोर्ट में और पूल में दिखाई दें. हम चाहते हैं कि बच्चे जीवन का असली अनुभव लें.'
क्या भारत में लागू है कोई उम्र सीमा?
भारत में सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए फिलहाल कोई न्यूनतम उम्र सीमा कनूनी रूप से लागू नहीं है. लंबे समय से उम्र को लेकर सीमाएं तय करने की मांग उठाई जाती रही है.
फेसबुक, इंस्टाग्राम और X ने न्यूनतम उम्र सीमा लागू की है
Meta के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने अपने यूजर्स के लिए न्यूनतम उम्र सीमा लागू की हुई है. इन प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट बनाने के लिए कम से कम 13 साल उम्र होनी जरूरी है. इसके अलावा कुछ प्लेटफॉर्म्स अभिभावक की निगरानी में बच्चे का अकाउंट बनाने की अनुमति देते हैं.
कितने घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं
इंफ्लुएंसर मार्केटिंग फर्म कोफ्लुएंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में यूजर्स रोजाना औसतन 4 घंटे 40 मिनट सोशल मीडिया पर समय बिताते हैं और इंस्टाग्राम पर एक आम यूजर दिन में 20 बार आता है.
सोशल मीडिया डाल रहा नकारात्मक प्रभाव
एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप हर दिन सोशल मीडिया पर 4 से 5 घंटे बिता रहे हैं तो आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और रचनात्मकता प्रभावित हो सकती है. यूनेस्को द्वारा 2023 में पब्लिश एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल बच्चे के सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है. सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों में चिंता, अवसाद, उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाना भी शामिल है. वहीं कई लोगों को सोशल मीडिया पर मौजूद अपने ही वर्ग के लोगों की तुलना करने में लगता है कि उनकी जिंदगी 'परफेक्ट' नहीं है, इस वजह से वो तनाव में रहने लगते हैं.
भारत में ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कितने यूजर्स है?
भारत में जनवरी 2024 तक सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या 46.2 करोड़ थी जो देश की कुल आबादी का 32.2 % है. मेटा के अनुसार भारत में फेसबुक यूजर्स की संख्या 2024 के शुरुआत में 36.69 करोड़ थी, जिनमें से 25.5 % महिलाएं और 74.5 % पुरुष थे. व्हाट्सएप दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप है, जिसके दुनिया भर में 2 बिलियन से ज्यादा मासिक एक्टिव यूजर्स हैं. इसमें से 530 मिलियन यूजर्स केवल भारत के हैं. दुनिया भर में फेसबुक के 2.9 बिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स हैं. मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम पर भी 2 बिलियन एक्टिव यूजर्स हैं. YouTube के दुनियाभर में 2.5 बिलियन यूजर्स हैं. भारत में लगभग 25.5 मिलियन ट्विटर यूजर्स हैं. एक्टिव यूजर्स की मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, 106.2 मिलियन यूजर के साथ अमेरिका पहले और 69.3 मिलियन यूजर्स के साथ जापान दूसरे नंबर पर है.
दुनियाभर में जेन जेड (उम्र 11-26) के 56.4 मिलियन सोशल मीडिया यूजर्स हैं, इसके बाद जेन एक्स (उम्र 43-58) के 51.8 मिलियन यूजर्स हैं. 59 से 77 वर्ष के बीच के बेबी बूमर्स सोशल मीडिया का सबसे कम इस्तेमाल करते हैं, इसके केवल 36.9 मिलियन यूजर्स ही हैं.
भारत में माता-पिता अपने बच्चों को कैसे प्रोटेक्ट कर सकते हैं
बच्चों के फोन को पैरेंटल सेटिंग ऐप से सिक्योर करें.
स्पोर्ट्स या फिजिकल एक्टिविटी के लिए बढ़ावा दें.
सोशल मीडिया पर बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें.
बच्चों को सोशल मीडिया के फायदे के साथ-साथ इसके दुष्प्रभाव के बारे में भी बताएं
सोशल नेटवर्किंग के लिए बच्चों का एक टाइम फिक्स करें.