जापान में होने वाले मालाबार युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना के दो फ्रंटलाइन वॉरशिप शिवालिक और कमोर्टा अपना रणकौशल दिखाएंगे. ये युद्धाभ्यास ऐसे समय किया जा रहा है जब चीन की दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ती जा रही है. मालाबार वॉर एक्सरसाइज में इंडियन नेवी का आईएनएस कमोर्टा भी समंदर की लहरों पर अपनी ताकत दिखाएगा....
स्वदेशी तकनीक से बना है INS कमोर्टा
देश में पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बना अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस कमोर्टा. नेवी के प्रोजेक्ट-28 के तहत बनाए गए इस युद्धपोत में 90 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही विकसित और निर्मित है. आईएनएस कमोर्टा समंदर में दुश्मनों की तबाही का दूसरा नाम है. हिंद महासागर से लेकर अरब सागर में इसकी मौजूदगी दुश्मनों के लिए अलर्ट है कि बिना इजाजत अगर भारतीय सीमा में दाखिल हुए तो अंजाम बेहद खौफनाक होगा.
रडार की पकड़ में नहीं आता आईएनएस कमोर्टा
46 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाला आईएनएस कमोर्टा की रेंज करीब 6,500 किलोमीटर है. ये रडार की पकड़ में भी नहीं आता. डीआरडीओ के बनाए रडार रेवती को आईएनएस कमोर्टा में फिट किया गया है. जो जंग के दौरान 200 किलोमीटर तक मौजूद सभी पनडुब्बियों की जानकारी देता है. परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम आईएनएस कमोर्टा पनडुब्बी को भी मारने में सक्षम है. यानी दुश्मन पाताल में ही क्यों न छिपा हो. आईएनएस कमोर्टा उसे तबाह करने में सक्षम है. उथले पानी में चलने की क्षमता रखने वाले आईएनएस कमोर्टा के अलावा भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट INS शिवालिक भी लहरों पर अपनी प्रचंड ताकत के लिए जाना जाता है.
ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है INS शिवालिक
INS शिवालिक युद्धपोत हवा, जमीन और पानी के नीचे दुश्मनों को खोजने और तबाह करने में सक्षम है. ये करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम इस युद्धपोत को ब्रह्मोस और बराक मिसाइल से लैस किया गया है. यानी समंदर में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने की फुल गारंटी है.
इस बार सभी देशों के युद्धपोत अपने हथियारों और हेलिकॉप्टर्स की आक्रामकता और विध्वंस करने की ताकत को तो दिखाएंगे ही साथ ही समुद्री जंग में कितनी जल्दी इन जहाजों को दुश्मन के इलाके में पहुंचाया जा सकता है उस पर भी जोर दिया जाएगा.