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Startups and Air Taxis: ट्रैफिक से आ गए हैं तंग? 2030 तक आप कर सकेंगे Air Taxis में सफर

2030 तक, ये स्टार्टअप एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां लोग एयर टैक्सी का इस्तेमाल करेंगे. जिन दूरियों को सड़क से तय करने में अभी घंटों लगते हैं, उन्हें हवाई मार्ग से मिनटों में तय किया जा सकेगा. 

Air Taxi (Representative Image/ Getty Images) Air Taxi (Representative Image/ Getty Images)
हाइलाइट्स
  • एयर मोबिलिटी में हैदराबाद सबसे आगे 

  • 2030 तक हो सकता है मुमकिन 

सड़क पर निकलते ही सबसे बड़ी परेशानी होती है ट्रैफिक की. लेकिन जरा सोचिए अगर आपको इस ट्रैफिक से न गुजरना पड़े? जल्द ही ऐसा मुमकिन होगा. 2030 तक आप एयर टैक्सी में सफर कर सकेंगे. हैदराबाद स्थित इनोवेटिव स्टार्टअप्स की बदौलत ऐसा हो सकेगा.  

इस तकनीकी क्रांति में सबसे आगे BluJ Aerospace और AirArk, eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) जैसे स्टार्टअप हैं.साथ ही Marut Drones और Drogo Drones जैसी ड्रोन टेक्नोलॉजी कंपनियां भी हैं. ये कंपनियां भारत में ऑटोमैटिक या पायलट वाली उड़ने वाली टैक्सियां ​​लाने पर लगन से काम कर रही हैं. 

एयर मोबिलिटी में हैदराबाद सबसे आगे 

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, BluJ Aerospace  और AirArk विशेष रूप से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. ब्लूजे 700-800 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम एक पायलट 10-सीटर eVTOL बनाने पर काम कर रहा है. इस बीच, AirArk अधिकतम 300 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए डिजाइन किए गए ऑटोनोमस तीन और पांच सीटों वाले मॉडल पर ध्यान लगा रहा है.

दोनों कंपनियां एयर टैक्सी बनाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रही हैं. साथ ही प्रोपल्शन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स और लिफ्ट-ऑफ के लिए लिथियम फेरो फॉस्फेट बैटरी का उपयोग कर रही हैं.

2030 तक हो सकता है मुमकिन 

2030 तक, ये स्टार्टअप एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां लोग एयर टैक्सी का इस्तेमाल करेंगे. जिन दूरियों को सड़क से तय करने में अभी घंटों लगते हैं, उन्हें हवाई मार्ग से मिनटों में तय किया जा सकेगा. 

AirArk के को-फाउंडर, बहरून सजील कहते हैं, “अगर इलेक्ट्रॉनिक सिटी से बेंगलुरु एयरपोर्ट तक यात्रा करने में अभी सड़क से दो घंटे लगते हैं, तो एयरआर्क के ईवीटीओएल के साथ, आप केवल 10-12 मिनट में ये यात्रा कर सकेंगे.” बहरून सजील कहते हैं कि इसका किराया शुरू में नॉर्मल उबर या ओला सवारी की लागत से दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.