UPI के जरिए पेमेंट करना काफी नॉर्मल हो गया है. ऐसे में कई बार आप गलती से किसी और अकाउंट में पेमेंट कर देते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आपको क्या करना चाहिए...यहां जानिए UPI ट्रांजेक्शन से जुड़े हर सवाल का जवाब...
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार, अगर आपने किसी गलत अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया है, तो आपकी शिकायत से 2 वर्किंग-डे या 48 घंटे के अंदर वापस मिल सकता है. यूपीआई लेनदेन आम तौर पर फाइनल ट्रांजेक्शन होते हैं लेकिन ऐसी स्थितियां भी हो सकती हैं जहां आप गलती से किसी को पैसे ट्रांसफर कर देते हैं. अगर Recipient ने आपके ट्रांजेक्शन को एक्सेप्ट कर लिया है तो उस स्थिति में पैसे रिटर्न नहीं मिलते हैं.
इन परिस्थितियों में क्लेम कर सकते हैं रिवर्स
1. जब आपने गलत आईडी पर पैसे भेज दिए हों: अगर आपने गलत यूपीआई आईडी या गलत फोन नंबर पर पैसे भेज दिए हैं, तो आपको तुरंत ट्रांजेक्शन रिवर्स करने की कोशिश करनी चाहिए.
2. अगर आपकी पेमेंट अनऑथराइज्ड हो: अगर पेमेंट आपकी अनुमति के बिना, यानी यूजर आईडी दर्ज किए बिना भेजा गया है तो भी आपको ट्रांजेक्शन रिवर्स करना चाहिए.
3.धोखाधड़ी: फ्रॉड के केस में अगर पैसा गलत तरीके से भेजा गया है, तो आपके पास ट्रांजेक्शन को रिवर्स करने की वाजिब वजह है.
4. ट्रांजेक्शन फेल होने की स्थिति में: अगर लेनदेन विफल हो गया और पैसा काट लिया गया, तो आपको टिकट जनरेट करनी चाहिए. हालांकि ऐसा केवल तभी हो सकता है जब प्राप्तकर्ता ने पेमेंट एक्सेप्ट न की हो.
इन तरीकों से वापस पा सकते हैं पैसा-
इसके बाद ट्रांजैक्शन की सभी डिटेल जैसे PPBL, नंबर सबसे पहले बैंक या यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर को इसकी जानकारी दें.
यह जरूरी है कि आप बैंक को तुरंत सूचित करें. ये काम आप जितनी जल्दी करें, उतना अच्छा है.
यदि बैंक आपके सवाल का जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंक के ombudsman के पास जाएं.
अगर आपकी शिकायत का निवारण उस तरीके नहीं हुआ है, जैसा आप चाहते थे तो आप एनपीसीआई से भी संपर्क कर सकते हैं.
शिकायत का प्रोसेस पूरा होने के बाद आपके ट्रांजेक्शन को वेरीफाई किया जाएगा जिसके बाद 2 से 3 वर्किंग-डे में आपका पैसा वापस मिल जाएगा.