अगर आप किताबों के बजाए डिजिटल डिवाइस पर पढ़ाई करते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. टाइपोग्राफ़िक डिज़ाइनर रेनाटो कैसुट ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है जो आपके ऑनलाइन रीडिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाएगी. बायोनिक रीडिंग टेक्नोलॉजी एक रीडिंग सॉफ्टवेयर है जो टाइपोग्राफिक हाइलाइट्स के जरिए टेक्स्ट को पढ़ने के लिए आपकी रीडिंग फ्लो को मजबूत करता है.
बता दें कि लोगों की बदलती आदतों में पढ़ने की आदत भी बदली है, अब लोग हार्ड पेपर कॉपी से डिजिटल स्क्रीन पर पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं. इस साल की शुरुआत में प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, दस में से तीन अमेरिकी अब ई-किताबें पढ़ते हैं. वहीं डिवाइस में कई किताबें एक साथ आ सकती हैं, लेकिन इसके लिए थोड़ी ज्यादा कीमत भी चुकानी पड़ती है. रिसर्च में ये भी बताया गया कि ज्यादातर पाठक डीजिटल माध्यम में पढ़ते वक्त उस आराम को महसूस नहीं करते जो वो किताबों को पढ़ते वक्त करते हैं. रिसर्चगेट के एक दूसरे शोध के मुताबिक, किताब पढ़ने के मुकाबले ऑनलाइन पढ़ने से स्पीड में 10-30 प्रतिशत तक की कमी आ जाती है. इसके अलावा, ऑनलाइन पढ़ने से आँखों में खिंचाव भी पैदा होता है.
यह ब्राउज़र-आधारित सॉफ़्टवेयर आखों पर काम करता है. सॉफ्टवेयर वेबसाइट का कहना है कि दिमाग आंखों के मुकाबले शब्दों को तेजी से पढ़ता है.
बायोनिक रीडिंग तकनीक का इस्तेमाल कैसे करें
हालांकि यह विकासशील टूल वेब ब्राउज़र आधारित है, यह कुछ आईफोन ऐप्स और मैक ऐप (रीडर 5, लाइयर, फेयरी फीड्स) पर उपलब्ध है. इसके अलावा, कोई भी TXT, RTF, RTFD, EPUB और DOCX फ़ाइलों में भी इस बायोनिक रीडिंग तकनीक को इस्टॉल किया जा सकेगा.