![Telecom Bill 2023 Telecom Bill 2023](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202312/65853ac8738de-telecom-bill-2023-22291148-16x9.png?size=948:533)
लोकसभा में नया टेलीकॉम बिल पास हो गया है. इस बिल के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने पर सरकार टेलीकॉम सर्विसेज को अपने नियंत्रण में ले सकती है. विधेयक का उद्देश्य सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अस्थायी रूप से दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण लेने की अनुमति देना है. इसके अलावा, यह सार्वजनिक आपातकाल के मामले में, जनता के हित में, अपराध करने के लिए उकसाने को रोकने के लिए मैसेज को आगे भेजने और उसे रोकने का प्रावधान करता है. इतना ही नहीं इसके आ जाने से कई सारे नियम भी मोबाइल यूजर्स और टेलीकॉम कंपनियों के लिए बदल जाएंगे.
1. फ्रॉड सिम कार्ड पर 3 साल की जेल
बिल में फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के लिए सख्त प्रावधान हैं. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने के साथ तीन साल की कैद होगी. इस विधेयक में फ्रॉड, चीटिंग के माध्यम से सिम या दूसरे दूरसंचार संसाधन प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए तीन साल तक की जेल की सजा या 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. इसके आ जाने के बाद दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कंपनिययं आवेदक के वेरिफिकेशन के लिए बायोमेट्रिक डेटा को कैप्चर करने के बाद ही सिम जारी करेगी.
2. सिम कार्ड स्पूफिंग दंडनीय अपराध
इसमें "स्पूफिंग" या क्लोनिंग से संबंधित अपराधों के लिए भी सख्त प्रावधान हैं. सिम कार्ड क्लोनिंग देश भर में एक बड़ा साइबर क्राइम खतरा बन गया है. रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने कई मौकों पर अपने ग्राहकों को इसके खिलाफ चेतावनी दी है.
3. कंपनी ने लाइसेंस सरेंडर किया तो नए नियम
हालांकि, टेलीकॉम बिल कुछ नियमों को आसान बनाता है, जैसे कि किसी कंपनी द्वारा अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए फीस की वापसी. इसके अलावा, प्रमोशनल मैसेज भेजने के लिए यूजर्स की पूर्व सहमति जरूरी होगी. विधेयक में प्रस्ताव है कि प्रमोशन, विज्ञापन आदि जैसे कुछ संदेश प्राप्त करने के लिए पूर्व सहमति ली जानी चाहिए.
4. टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना 5 करोड़ रुपये तक सीमित
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटरों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की लिमिट 5 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है. ये पहले प्रति सर्कल 50 करोड़ रुपये थी, यानी एक टेलीकॉम कंपनी पर अधिकतम जुर्माना लगभग 1,100 करोड़ रुपये होगा.
5. प्रेस संदेशों को रोका न जाए
विधेयक के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के प्रेस संदेशों को तब तक रोका या हिरासत में नहीं लिया जाएगा जब तक कि उनके प्रसारण को सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक व्यवस्था पर लागू नियम के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया हो।.