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Anti-Mines Boots: देश की सीमाओं पर जवान होंगे और भी सुरक्षित, ये बूट्स देंगे विस्फोटक माइन से सुरक्षा  

एंटी माइन इन्फेंट्री बूट को सिरेमिक पोरस और एडमिड के हाइब्रिड से बनाया गया है. यही वजह है कि ये जूते वजन में तीन किलोग्राम के हैं लेकिन फिर भी माइन पर इनका ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता है.

Anti-Mines Boots Anti-Mines Boots
हाइलाइट्स
  • ये जूते वजन में तीन किलोग्राम के हैं

  • 160 गुना कर देगा प्रेशर कम

देश की सीमाओं पर जवान हमारी सुरक्षा करते हैं. लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए देश में अलग-अलग उपाय और एडवांस टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है. अब इसी कड़ी में सेना के जवानों के लिए एंटी-माइन इन्फेंट्री बूट बनाए गए हैं. ये जूते जवानों को दुश्मनों द्वारा बिछाई गई माइन से सुरक्षा देंगे. हालांकि, पैर रखने से विस्फोट तो होगा लेकिन माइंस पर प्रेशर कम पड़ने से नुकसान बहुत कम होगा. ये जूता 3 किलोग्राम का बताया जा रहा है, जिसे रक्षा सामग्री भंडार और अनुसंधान एवं विकास प्राधिकरण (DMSRDE) ने बनाया है. 

कैसे काम करेगा जूता?

दरअसल, 35 ग्राम विस्फोटक वाली एक एंटी पर्सनल माइन विस्फोट होने पर लगभग 45,000 किग्रा/सेमी2 का पीक प्रेशर उत्पन्न करती है. यह दबाव माइन के फटने से पैदा होता है. अगर इस लेवल का दबाव किसी इंसान की एड़ी के सीधे संपर्क में आ जाए तो पैर की हड्डियां पूरी तरह से चकनाचूर हो जाएंगी.  इन बूट से विस्फोटक ओवरप्रेशर को कम किया जा सकेगा. जिससे जवानों को कम नुकसान होगा. 

160 गुना कर देगा प्रेशर कम

एंटी माइन इन्फेंट्री बूट को सिरेमिक पोरस और एडमिड के हाइब्रिड से बनाया गया है. यही वजह है कि ये जूते वजन में तीन किलोग्राम के हैं लेकिन फिर भी माइन पर इनका ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता है. जब इन जूतों की टेस्टिंग की गई तो मालूम चला कि इन्होने माइंस के दबाव को 160 गुना से भी ज्यादा कम  कर दिया है. हालांकि, इन जूतों के प्रेशर से माइन में विस्फोट तो हुआ लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

DMSRDE के डायरेक्टर डॉ मयंक द्विवेदी ने हिंदुस्तान को बताया कि वैज्ञानिकों ने इन जूतों को तैयार किया है. ये जूते जवानों को सुरक्षित रखेंगे. इस टेक्नोलॉजी को दो इंडस्ट्रियल यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया है और उन्होंने इसका उत्पादन भी शुरू कर दिया है.