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Ting Tong App: मिलिए मुंबई के स्लम एरिया के उदय पवार से, जिन्होंने बनाया सिर्फ 1 रुपये में नौकरी देने वाला ऐप

झुग्गी में रहने वाले उदय पवार नाम के युवक ने एक ऐसा ऐप बनाया है जिसके जरिए व्यापार को बढ़ावे की गारंटी का दावा है. 'टिंग टोंग' नाम के इस ऐप पर लोग अपनी योग्यता के अनुसार व्यापारिक मौका तलाश सकते हैं.

मिलिए मुंबई के स्लम एरिया के उदय पवार से, जिन्होंने बनाया सिर्फ 1 रुपये में नौकरी देने वाला ऐप मिलिए मुंबई के स्लम एरिया के उदय पवार से, जिन्होंने बनाया सिर्फ 1 रुपये में नौकरी देने वाला ऐप
हाइलाइट्स
  • नौकरी पाने के लिए भरने होंगे 1 रुपए

  • भारत में बढ़ रही है बेरोजगारी

आज कल लोगों के लिए रोजगार एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है. इसी के चलते कई लोग अपना बिजनेस डालना चाहते हैं. लेकिन ऐसे में उस बिजनेस के चलने की कोई गारंटी नहीं होती है. लेकिन क्या हो अगर कोई आपको इसकी गारंटी दे. मुंबई के जीजामाता नगर स्लम एरिया में रहने वाले उदय पवार नाम के युवक ने एक ऐसा ऐप बनाया है. 'टिंग टोंग' नाम के इस अनोखे ऐप के जरिए व्यापार को बढ़ावे की गारंटी का दावा है.

नौकरी पाने के लिए भरने होंगे 1 रुपए
झुग्गी में रहने वाले एक युवक अपने ऐप के जरिए 1 रुपये में स्वरोजगार का मौका दे रहा है. 'टिंग टोंग' नाम के इस ऐप पर लोग अपनी योग्यता के अनुसार व्यापारिक मौका तलाश सकते हैं. इसके लिए उन्हें हर रोज सिर्फ एक रुपये खर्च करने पड़ेंगे, यानी साल में 365 रुपये की मामूली रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी पड़ेगी. 

भारत में बढ़ रही है बेरोजगारी
ऐसे समय में जब CMIE यानी सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में देश में बेरोजगारी दर 7.8 फीसदी तक पहुंच गई. जिसमें भारत के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.4 फीसदी तक दर्ज की गई थी. इसी अंतराल में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.5 फीसदी तक पहुंचने की बात पता चली थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ही रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगारों की संख्या 5 करोड़ 30 लाख तक पहुंच चुकी थी. जिनमें महिलाओं की संख्या 1 करोड़ 70 लाख का आंकड़ा छू चुकी थी.

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है. पिछले साल संसद की कार्यवाही के दौरान केंद्र सरकार ने भी बताया था कि अप्रैल 2014 से मार्च 2022 यानी 8 साल के अंतराल में करीब 22 करोड़ लोगों ने सरकारी विभागों में स्थाई नौकरी के लिए आवेदन किया था। जिसमें सिर्फ 7 लाख 22 हजार लोगों को ही सरकारी विभागों में परमानेंट जॉब मिल सकी.