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Social Media Chroming Trend: आपका बच्चा भी तो नहीं हो रहा कहीं क्रोमिंग ट्रेंड का शिकार, जानें क्या है ये और कैसे बच सकते हैं

एसरा ने इस ट्रेंड के हिस्से के रूप में एक एरोसोल डिओडोरेंट सूंघा, जिससे उसके ब्रेन को काफी नुकसान पहुंचा और उसे कार्डियक अरेस्ट आ गया. हालांकि, कार्डियक अरेस्ट के बाद वह पहले वह एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती थीं. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.

Social Media Chroming Trend Social Media Chroming Trend
हाइलाइट्स
  • नींद में चली गई जान

  • जानलेवा है क्रोमिंग ट्रेंड 

सोशल मीडिया की दुनिया में आए दिन कुछ न कुछ ट्रेंड चलता रहता है. लेकिन अगर सावधानी के बिना इन ट्रेंड को फॉलो किया जाए तो कुछ ट्रेंड काफी खतरनाक भी साबित हो सकते हैं. अब इसी कड़ी में एक ट्रेंड टिकटॉक पर खूब धूम मचा रहा है. लेकिन क्रोमिंग नाम का टिकटॉक ट्रेंड काफी खतरनाक साबित हो रहा है. इस ट्रेंड ने मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया की एसरा हेन्स (Esra Haynes) नाम की 13 साल लड़की की जान ले ली है.

नींद में चली गई जान 

आठवीं कक्षा में पढ़ रही छात्रा एसरा हेन्स की मार्च में इस ट्रेंड की वजह से जान चली गई थी. एसरा की जान एक स्लीपओवर के दौरान गई. 'क्रोमिंग' ट्रेंड में भाग लेने के बाद उसकी जान चली गई. बताते चलें कि 'क्रोमिंग' में हाई या ऑलटर्ड स्टेट पाने के लिए एरोसोल स्प्रे कैन या अन्य पदार्थों से निकलने वाले धुएं को शरीर के अंदर लेना होता है. ये एक तरह से ड्रग लेने जैसा है. उस धुएं को सुंघा जाता है और उस लेवल तक जहां तक आप हाई/नशा न हो जाएं. 

एसरा के मामले में, उसने इस ट्रेंड के हिस्से के रूप में एक एरोसोल डिओडोरेंट सूंघा, जिससे उसके ब्रेन को काफी नुकसान पहुंचा और उसे कार्डियक अरेस्ट आ गया. हालांकि, कार्डियक अरेस्ट के बाद वह पहले वह एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती थीं. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.

जानलेवा है क्रोमिंग ट्रेंड 

यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के डॉ. दिलीप गुडे ने 'क्रोमिंग' के खतरों के बारे में इंडियन एक्सप्रेस को बताया. इस खतरनाक ट्रेंड में पेंट के डिब्बे और ऐसे कंटेनरों से टॉक्सिक चीजें शरीर के अंदर लेना शामिल होता है. जब एक साथ इतनी खतरनाक स्मेल अंदर ली जाती है तो व्यक्ति को एकदम से कन्फ्यूजन, उल्टी, थकान और बहुत कुछ फील होता है. 'क्रोमिंग' इतनी खतरनाक हो सकती है कि व्यक्ति तर्क करने की क्षमता तक खो सकता है. और अपने साथ दूसरों के जीवन को भी खतरे में डाल सकता है. जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है.”

मां-बाप को बरतनी चाहिए सावधानी 

इसे लेकर अब एसरा हेन्स के माता-पिता ने 'क्रोमिंग' से जुड़े जोखिमों के बारे में दूसरे लोगों को भी बताया है. इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने दूसरों को इसके बारे में जागरूक भी किया है. साथ ही लोगों से आग्रह किया है कि वे इससे अपने बच्चों को दूर रखें. ऐसे खतरनाक ट्रेंड के कारण आप अपने बच्चे को खो भी सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि बच्चे क्या सीख और देख रहे हैं उसपर निगरानी रखें. ऐसे ट्रेंड को लेकर खुद को शिक्षित भी करें. सोशल मीडिया चैलेंज का सावधानी से सामना किया जाना दूसरों की देखा-देखी में फैसले लेने गलत साबित हो सकते हैं. 

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