अब तक आपने कई तरह के सीसीटीवी कैमरे, स्पाई कैमरे देखे होंगे लेकिन क्या आपने कभी एक ऐसा कैमरा देखा है जो दिखने में तो टॉर्च जैसा नजर आता है लेकिन उसके अंदर कैमरा फिट हो, वो भी कोई समान्य कैमरा नहीं बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत बनाया हुआ ऐसा कैमरा जो एक बार में हजारों चेहरों की पहचान करके उसकी जानकारी सीधा पुलिस कंट्रोल रूम या हेडक्वार्टर तक पहुंचा दे.
दिखने में सामान्य सा लगता है कैमरा
दरअसल स्पर्श नाम की एक कंपनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत एक ऐसा ही टॉर्च कैमरा डिजाइन किया है, कैमरे की खासियत ये है कि वो दिखने में तो समान्य नजर आता है लेकिन वो है काफी काम का. इसको बनाने वाले स्पर्श कंपनी के फाउंडर संजीव सहगल ने गुड न्यूज टुडे को बातचीत में बताया कि टॉर्च कैमरे में लिथियम की बैटरी है, वजन काफी हल्का है और ये बारिश और भागदौड़ जैसी स्थिति में भी आसानी से काम कर सकता है. कैमरा 4जी होने की वजह से इसका लाइव प्रसारण सीधा कंट्रोल रूम में देखा जा सकता है साथ ही ये एक बार चार्ज होने पर 8 घंटे तक काम करता है.
चेहरे को आसानी से पहचान लेता है ये कैमरा
अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर ये कैमरा काम कैसे करता है और इसके फीचर क्या है, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमने लाइव डेमो किया जिसमें गुड न्यूज टुडे की संवाददाता जब कैमरे के सामने खड़ी हुई तो पहले सर्वर में लिखा आया अनइंडेंटाइफिड इसके बाद जब चेहरे को सर्वर में फीड किया तब उसने टॉर्च कैमरा सामने घुमाने पर आइडेंटिफाइड शो किया, ऐसे ही जब चश्मा और मास्क लगा कर लाइव डेमो किया तो उसमे भी ये कैमरा चेहरे को आसानी से पहचान रहा था.
कैमरे से पकड़े जा चुके कई आरोपी
इस कैमरे का इस्तेमाल अब तक 16 अपराधियों को पकड़ने में किया जा चुका है, संजीव सहगल ने बताया की उनकी कंपनी और दिल्ली पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में 16 कैदियों को पकड़ा और उनकी पहचान की जो पेरोल पर बाहर आए थे साथ ही इसका इस्तेमाल जल्द ही रेलवे पुलिस फोर्स और एनडीआरएफ भी करने वाला है किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ये काफी कारगर साबित होगा.
फेस कवर होने पर भी पहचान लेता है
अगर कैमरे के काम करने के बात की जाए तो ये एक बार में 3000 चेहरे कैद कर सकता है, जैसे मान लीजिए कोई अपराधी फरार है या फिर कहीं कोई आपातकालीन स्थिति है जैसे कहीं भूकंप आ जाता है, बाढ़ आ जाती है या फिर एक साथ किसी रैली में किसी की पहचान करनी है तो टॉर्च की मदद से लोगों को डिटेक्ट किया जा सकता है यानी जिसका भी चेहरा इस टॉर्च कैमरे में रजिस्टर हो जाता है उसकी तस्वीर सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंच जाती है, जैसे अगर कोई अपराधी फरार चल रहा है उसकी पहचान करनी है और वह कैमरे की जद में आ जाता है तो यह कैमरा अपने आप वाइब्रेट करने लगता है लेकिन इसका एहसास सामने वाले को नहीं होता है और उसका अलर्ट सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंच जाता है. खास बात ये है कि ये चेहरा ढकने के बाद भी चेहरे को आसानी से पहचान लेता है.