अक्सर आपके देखा होगा कि मोबाइल सिम ऑपरेटर मुफ्त में सिम बांटने की स्कीम निकालते हैं. साथ ही वह आपके 1 महीने का रिचार्ज भी देते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि वह ऐसा क्यों करते हैं? ऑपरेटर ऐसी स्कीम केवल अपने यूजर्स को बढ़ाने के लिए निकालते हैं. जिससे कंपनियों के बीच कंपिटीशन रहता है कि किसके पास ज्यादा यूजर्स हैं.
अब जिन लोगों के पास पहले से भी कोई मोबाइल नंबर मौजूद रहता है. वह एक सिम और ले लेते हैं. उनकी सोच होती है कि सिम फ्री में मिल रही है साथ में रिचार्ज भी. इसलिए वह दूसरी सिम भी ले लेते हैं. लेकिन ऐसे लोगों के लिए एक बुरी खबर है.
दरअसल टेलिकॉम रेगुलेटर TRAI एक प्रस्ताव लेकर आने वाला है. अगर वह लागू हो जाता है तो आपके सिम ऑपरेटर को आपके नंबर के लिए शुल्क जमा करना पड़ सकता है. इससे आप पर क्या फर्क पड़ेगा और यह प्रस्ताव क्यों लाया जा रहा है?
फोन नंबर हैं एक सीमित संसाधन
TRAI का कहना है कि फोन नंबर एक सीमित संसाधन है. जो हर रोज बढ़ता ही जा रहा है. इसलिए TRAI सिम ऑपरेट से नंबरों को जारी करने का शुल्क लेगा. अब क्योंकि यह शुल्क सिम ऑपरेटर दे रहा है. तो वह इसे किसी दूसरे तरीके से यूजर्स से वसूलेगा.
TRAI सिम ऑपरेटर पर पेनल्टी लगाने पर भी विमर्श कर रहा है. अगर किसी नंबर को यूजर इस्तेमाल नहीं करता है, लेकिन ऑपरेटर सिम को रद्द नहीं कर रहा तो पेनल्टी लगेगी. ऑपरेटर इसलिए रद्द नहीं करता कि कहीं उनके यूजर्स की संख्या कम ना हो जाए.
कई देशों में सिम ऑपरेटर या यूजर देते हैं शुल्क
TRAI ने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, बेल्जियम, ग्रीस, हांगकांग, कुवैत समेत कई देशों के नाम गिनवाए. जहां पर मोबाइल नंबर जारी करने के लिए ऑपरेटर शुल्क भरता है या फिर यूजर को देना होता है.
किसी तरह से लें सकते हैं शुल्क?
TRAI ने कहा कि सरकार प्रति नंबर या तो केवल एक बार शुल्क लेने या सालाना तौर पर शुल्क वसूलने पर विचार कर सकती है. यह शुल्क सिम ऑपरेटर से लिया जाएगा.