माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Twitter ने गुरुवार को सभी लीगेसी वेरिफाइड खातों से ब्लू टिक हटा दिए. अब ब्लू टिक पाने के लिए पैसे देने होंगे.पर्सनल अकाउंट पर ब्लू टिक की समय अवधि 20 अप्रैल तक ही थी. ऐसे में अब सिर्फ उन्हीं अकाउंट्स पर ब्लू टिक नजर आएंगे जिन्होंने ट्विटर की मेंबरशिप ले रखी है.
किसके अकाउंट से हटा ब्लू टिक?
ट्विटर के लीगेसी वेरिफाइड ब्लू टिक हटाने के फैसले की वजह से कई जाने माने सेलेब्स जैसे शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, सलमान खान,आलिया भट्ट, क्रिकेटरों में विराट कोहली और रोहित शर्मा और सीएम योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे राजनेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया है. इंटरनेशनल सेलेब्स में किम कार्दशियन, जस्टिन बीबर, जॉन स्टीवर्ट और बेन स्टिलर उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने अपना ब्लू टिक खो दिया है. जबकि टेलर स्विफ्ट, पॉप स्टार रिहाना और कार्डी बी जैसे सेलेब्स का ब्लू टिक अभी भी बरकरार है.
क्या है पॉलिसी?
अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदने के बाद अपनी पॉलिसी में बदलाव किया था. इसमें अकाउंट वेरिफिकेशन पॉलिसी भी शामिल थी. ट्विटर ने इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी. मार्च में, ट्विटर ने अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया था, ‘1 अप्रैल को, हम अपने लीगेसी वेरिफाइड प्रोग्राम को बंद करना शुरू करेंगे और लेगेसी वेरिफाइड चेकमार्क को हटाएंगे. ट्विटर पर अपना ब्लू चेकमार्क बनाए रखने के लिए, लोग ट्विटर ब्लू के लिए साइन अप कर सकते हैं.’ट्विटर ने पहली बार 2009 में ब्लू चेक मार्क सिस्टम की शुरुआत की थी. अब ट्विटर पर दिखने वाले यूजर्स जिनके पास वेरिफाइड ब्लू चेकमार्क हैं, उन्होंने ट्विटर ब्लू सर्विस सब्सक्राइब किया है और इसके लिए वो पैसे भी दे रहे हैं. भारत में ब्लू टिक का सब्सक्रिप्शन 650 रुपये से शुरू है। मोबाइल यूजर्स के लिए यह 900 रुपये महीना है.
पहले क्या थी प्रक्रिया?
ट्विटर पहले राजनेताओं, अभिनेताओं, पत्रकारों समेत मशहूर हस्तियों के अकाउंट्स पर ब्लू टिक देता था जिसे नोटेबल कैटेगरी माना गया था. इसके अंतर्गत बिना किसी चार्ज के वेरिफाइड ब्लू चेकमार्क मिलता था. ट्विटर पर पहले ब्लू टिक ही दिया जाता था. कंपनी की तरफ से अब तीन तरह का मार्क दिया जा रहा है. इसमें सरकार से जुड़े अकाउंट्स पर ग्रे मार्क, कंपनियों के लिए गोल्डन मार्क और अन्य वेरिफाइड अकाउंट्स के लिए ब्लू टिक दिया जा रहा है.