आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कि (AI) एआई लगातार विकसित हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अब शातिर अपराधी बच नहीं पाएंगे. जी हां पंजाब यूनिवर्सिटी की यूआईईटी डिपार्टमेंट (UIET) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए एक ऐसा टूल बनाया है, जिसकी मदद से मास्क के पीछे के चेहरे को ढूंढने और उसे आईडेंटिफाई करने में मदद मिलेगी. पिछले साढ़े तीन साल से इसपर काम चल रहा था, अब इसके बड़े ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. ये टूट काम करता है आइए जानते हैं.
तीन साल से हो रहा था काम
आने वाले दिनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे मददगार और अपराधियों तक पहुंचने में कारगर साबित होगी. इसको लेकर एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर पंजाब यूनिवर्सिटी के यूआईईटी डिपार्टमेंट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मास्किंग टूल को बनाया है. यूआईईटी के प्रोफेसर डॉ आकाशदीप शर्मा ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के दौर में एक नया कांसेप्ट है जिसके ऊपर लगातार काम हो रहा है. कोविड के दौरान इसपर पंजाब यूनिवर्सिटी ने काम करना शुरू किया था. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए किसी ने मास्क लगा रखा हो या उसके चेहरे पर नकाब हो, उसकी पहचान भी आसानी से हो जाएगी.
एआई की मदद से तैयार किया गया टूल
डॉ. आकाशदीप ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर और लॉगरिथम तैयार किया गया है, जिसके जरिए मास्क में तस्वीर को इस सिस्टम और लोगरिथम में अपलोड किया जाता है और फिर इस सॉफ्टवेयर यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कैसे उसे चेहरे की आकृति शक्ल है उसको हूबहू तैयार कर बनाया जाता है.
डॉ. आकाशदीप ने बताया कि चेहरे पर अगर नकाब या मास्क लगा है तो भी आसानी से उसकी पहचान हो जायगी. डॉ. अकाशदीप ने बताया कि आने वाले दोनों में यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपराधियों की शक्ल को ढूंढने में कारगर साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में इस तकनीक का और विकास संभव है.