
क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन स्टेशन भी 3D प्रिंटिंग से बनाए जा सकते हैं? जापान में जल्द ही यह हकीकत बनने वाला है! मशहूर बुलेट ट्रेन चलाने वाली कंपनी West Japan Railway Co (JR West) ने घोषणा की है कि वे देश का पहला 3D प्रिंटेड रेलवे स्टेशन बनाने जा रहे हैं. यह स्टेशन हातुशिमो (Hatsushimo) स्टेशन की जगह लेगा, जो वर्तमान में एक पुरानी लकड़ी की संरचना है. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे स्टेशन का निर्माण सिर्फ 6 घंटे में पूरा कर दिया जाएगा!
कैसे बनेगा 3D प्रिंटेड स्टेशन?
JR West इस अनोखे प्रोजेक्ट के लिए Serendix नामक कंपनी के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो जापान में 3D प्रिंटिंग तकनीक से किफायती घर बनाने के लिए जानी जाती है. यह कंपनी कंक्रीट एक्सट्रूजन तकनीक का इस्तेमाल करती है, जिससे तेजी से निर्माण कार्य संभव हो पाता है.
इसकी प्रक्रिया की बात करें, तो इसके लिए पहले अलग-अलग हिस्सों को 3D प्रिंट किया जाएगा. फिर इन्हें साइट पर क्रेन की मदद से जोड़ा जाएगा. यह सारा काम सिर्फ एक रात में पूरा होगा. रात की आखिरी ट्रेन के बाद और सुबह की पहली ट्रेन से पहले!
3D प्रिंटिंग क्यों खास है?
दरअसल, यह इसलिए भी खास क्योंकि पारंपरिक कंक्रीट निर्माण की तुलना में 3D प्रिंटिंग कई गुना तेज है. जापान में कुशल मजदूरों की कमी को देखते हुए, यह तकनीक बहुत उपयोगी साबित हो रही है. इसके अलावा, पारंपरिक इमारतों में सीधी और सपाट दीवारें होती हैं, लेकिन 3D प्रिंटिंग से ज्यादा बेहतर और मजबूत स्ट्रक्चर बनाया जा सकता है.
और जापान एक भूकंप-प्रवण देश है, इसलिए Serendix ने अपनी 3D प्रिंटिंग तकनीक को भूकंप-रोधी बनाया है.
स्थानीय संस्कृति का भी होगा असर
JR West केवल एक नया स्टेशन नहीं बना रहा, बल्कि वे इसे स्थानीय संस्कृति से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इस स्टेशन की बाहरी दीवारों पर हाथ से उकेरे गए संतरे (Mandarins) और टचीयू मछली (Tchiuo fish) के डिजाइन होंगे, जो इस क्षेत्र की विशेषता को दिखाएंगे.
बता दें, इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यह जांचना है कि 3D प्रिंटिंग तकनीक रेलवे स्टेशन बनाने में कितनी प्रभावी है. अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो आने वाले सालों में जापान के कई अन्य छोटे रेलवे स्टेशनों को इसी तकनीक से बदला जा सकता है. इसके अलावा, यह तकनीक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को सस्टेनेबल (पर्यावरण अनुकूल) और सुरक्षित बनाने में भी मदद करेगी.