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Robo Technology and Water crisis: रोबो टेक्नोलॉजी से पानी की कमी होगी दूर, कालाबुरागी शहर में पाइपलाइन के ब्लॉकेज को किया जाएगा टारगेट

पाइपलाइनों में एक स्पेशल पुश कैमरा लगाया गया है जो ब्लॉकेज और उन चीजों को ट्रैक करेगा जो पानी को प्रदूषित कर सकते हैं. यह तेजी से कैप्चर की गई छवियों को लैपटॉप स्क्रीन पर दिखाएगा. दिक्कत पता चलने के बाद उसकी मरम्मत की जाएगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • कर्नाटक में पानी की कमी होगी पूरी

  • रोबोट टेक्नोलॉजी की ली जाएगी मदद 

देश में कई ऐसी जगह जहां लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं. कर्नाटक के कालाबुरागी शहर के लोग भी इसी परेशानी का सामना कर रहे हैं. लेकिन अब इसका उपाय निकाल लिया गया है. अब कालाबुरागी में पानी को लेकर आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए रोबो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. कालाबुरागी शहर में जल आपूर्ति की जिम्मेदारी एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) ने ली है. उन्होंने शहर में आने वाली पानी की कमी का समाधान करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है.

स्मॉल पुश टीथर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है  

क्रांतिकारी "स्मॉल पुश टीथर टेक्नोलॉजी" का उपयोग करते हुए, कंपनी ने पाइपलाइन ब्लॉकेज, जल प्रदूषण में योगदान देने वाले कारकों और शहर के अंदर कम पानी के प्रेशर को प्रभावी ढंग से ट्रैक किया है. इसमें एक रोबोटिक कैमरा का सहारा लिया जाएगा. इस कैमरा को अंडरग्राउंड पाइपलाइनों का सटीक निरीक्षण करने के लिए लगाया जाएगा.

कैसे किया जाएगा ब्लॉकेज को टारगेट? 

इसे लेकर KUIDFC के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर कंथाराज ने डेक्कन क्रॉनिकल को बताया, "पाइपलाइनों में एक स्पेशल पुश कैमरा लगाया गया है जो ब्लॉकेज और उन चीजों को ट्रैक करेगा जो पानी को प्रदूषित कर सकते हैं. 100 मीटर तक की गहराई सीमा के साथ, यह तेजी से कैप्चर की गई छवियों को लैपटॉप स्क्रीन पर दिखाएगा. इसके बाद इन्हें टारगेट करके इनकी मरम्मत की जाएगी.”

शहर में हो रही है पानी की कमी

यह इनोवेशन गैर-जरूरी सड़क खुदाई की आवश्यकता को खत्म करते हुए समय और श्रम में कटौती करने का काम करेगा. सड़कों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों और जनता को होने वाली असुविधा से बचा जा सकता है. बता दें, कालाबुरागी शहर हाल के दिनों में जल प्रदूषण और पानी के दबाव में कमी की बार-बार होने वाली घटनाओं से जूझ रहा है, जिसका मुख्य कारण लगभग 15 से 20 साल पुरानी पुरानी पाइपलाइन है. अधिकारियों का मानना ​​है कि इस रोबो टेक्नोलॉजी के साथ इस कमी को पूरा किया जा सकता है. 

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