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Cyber Fraud: नकली QR Code के जरिए साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहे ठग, जानिए क्या है ठगी का नया तरीका क्विशिंग

अब साइबर अपराधी क्यूआर कोड स्कैन करने वालों को निशाना बना रहे हैं. उन्हें टारगेट कर क्विशिंग स्कैम कर रहे हैं. क्विशिंग स्कैम में नकली क्यूआर कोड के जरिए लोगों की निजी जानकारी चुराना शामिल है. इसलिए अगली बार से QR कोड स्कैन करने से पहले 10 बार सोचें.

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हाइलाइट्स
  • फिशिंग, विशिंग और स्मिशिंग के बाद आया क्विशिंग

  • इससे कैसे बचा जा सकता है?

कैमरा खोलकर QR कोड को स्कैन करना आज कल पेमेंट का बेहद पॉपुलर तरीका है. इन दिनों ज्यादातर लोग QR Code के जरिए ही डिजिटल पेमेंट करते हैं. लेकिन कई बार ये सुविधाजनक तरीका आपको साइबर क्राइम का शिकार बना सकता है. कई बार क्यूआर कोड में छिपे लिंक की वजह से आपके साथ फ्रॉड हो सकता है. कोविड के बाद कॉन्टेक्टलैस पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से इस तरह की धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ गए हैं. हर जगह हम पेमेंट करते समय या मेन्यू सेलेक्ट करते समय क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए QR Code फ्रॉड इन दिनों बेहद आम हो चला है. ज्यादातर धोखाधड़ी ई-कॉमर्स साइटों पर सामानों की बिक्री और खरीद के दौरान की जा रही हैं.

ज्यादातर मामलों में ठगी का तरीका एक जैसा है. फ्रॉड व्हाट्सएप के जरिए क्यूआर कोड भेजते हैं और टार्गेट्स को पेमेंट लेने या ट्रांजैक्शन के दौरान कैशबैक ऑफर लेने के लिए अपने फोन के कैमरे से क्यूआर कोड स्कैन करने को कहते हैं. जैसे ही यूजर यूपीआई पिन डालता है ठगों को उनके अकाउंट का एक्सेस मिल जाता है और वे बाद में बड़ा अमाउंट अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं. 

साइबर सेल ने चेतावनी जारी की
देशभर के अलग-अलग राज्यों में QR Code स्कैम के रोजाना कई केस दर्ज होते हैं. इसके मद्देनजर साइबर सेल ने अनजान क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए चेतावनी जारी की है और कहा है कि क्यूआर कोड स्कैन करते समय हमेशा प्रिव्यू फीचर का इस्तेमाल करें. किसी भी संदिग्ध कोड को स्कैन करने से आपके फोन का डेटा स्कैमर्स के पास जा सकता है और वे फ्रॉड को अंजाम दे सकते हैं. ऐसे कोड को स्कैन करने का मतलब है अपने फोन का एक्सेस दूसरे को देना. इसका इस्तेमाल वो आपका डेटा चुराने या आपकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कर सकता है. क्योंकि फर्जी स्कैनिंग के जरिए आपके फोन में मैलवेयर डाउनलोड हो जाता है.

पेमेंट करते हुए लोग अक्सर भूल जाते हैं कि क्यूआर कोड और पिन की जरूरत केवल पैसे भेजने के लिए होती है. डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर पैसे रिसीव करने के लिए किसी को अपना पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ती है. ठगी के शिकार होने वाले ज्यादातर लोग पढ़े लिखे, मिडिल एज ग्रुप के लोग हैं. ये दूसरे साइबर क्राइम से बिल्कुल अलग होता है क्योंकि इसमें यंग एज के लोग टारगेट होते हैं.

क्या है क्विशिंग स्कैम
अब साइबर अपराधी क्यूआर कोड स्कैन करने वालों को निशाना बना रहे हैं. उन्हें टारगेट कर क्विशिंग स्कैम कर रहे हैं. क्विशिंग स्कैम में नकली क्यूआर कोड के जरिए लोगों की निजी जानकारी चुराना शामिल है. इसलिए अगली बार से QR कोड स्कैन करने से पहले 10 बार सोचें.

कैसे होता है क्विशिंग स्कैम
अगर आप किसी वेबसाइट या विज्ञापन पर क्लिक करते हैं तो वे आपको सीधे दूसरी वेबसाइट पर ले जाते हैं और आपसे वहां जानकारी भरने के लिए कहते हैं. निजी जानकारी दर्ज करने के बाद स्कैमर्स इसके जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं. इसके बाद आपको फ्रॉड वाले कॉल और मैसेज आने शुरू हो जाते हैं. इसलिए हमेशा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय अगर आपको कोई क्यूआर कोड दिखे तो उसे बिना स्कैन किए पहले पढ़ लें. अगर आपको लगता है कि कुछ गलत है तो ऐसी वेबसाइट से तुरंत बाहर निकलें.

ऑनलाइन स्कैम से जुड़े अलग-अलग टर्म और उसके मतलब

फिशिंग: फिशिंग में साइबर फ्रॉड खुद को विश्वसनीय सोर्स की तरह पेश करता है और एक मैलिशियस ईमेल भेजता है. असली दिखने वाला ईमेल के जरिए हैकर यूजर का पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड और बाकी निजी जानकारी हासिल करता है.

विशिंग: विशिंग स्कैम में यूजर को धोखाधड़ी के मकसद से कॉल की जाती है. साइबर अपराधी यूजर को खाते के अपडेट से जुड़ी जानकारी के नाम पर फोन करते हैं और उनकी निजी जानकारी और ओटीपी मांगते हैं.

स्किमिंग: इसके जरिए साइबर ठग आपके कार्ड की जानकारी चुराकर एक डुप्लीकेट कार्ड तैयार करते हैं और उससे फ्रॉ को अंजाम देते हैं. इसलिए कभी भी अपने कार्ड से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी किसी अनऑथराइज्ड व्यक्ति को न दें.

स्मिशिंग: स्मिशिंग में साइबर हमला करने वाला शख्स लोगों से जानकारी लेने और उन्हें धोखा देने के लिए टेक्स्ट मैसेजेस का सहारा लेता है.

ऑनलाइन स्कैम से बचाव के उपाय

  • अनचाहे मैसेज से सावधान रहें.

  • किसी भी संदिग्ध लिंक या क्यूआर कोड को स्कैन और क्लिक न करें.

  • अपने फोन में अपडेटेड एंटीवायरस और एंटी मैलवेयर टूल्स रखें.

  • बैंक से जुड़ी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें. 

  • निजी लेन-देन के लिए अलग ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल करें.

अगर गलत QR Code स्कैन कर दिया है तो क्या करें

  • तुरंत अपना इंटरनेट या वाईफाई कनेक्शन बंद कर दें.

  • अगर आपको लगता है कि मैलवेयर डाउनलोड हो गया है तो ब्लूटूथ समेत सभी कनेक्शन ऑफ कर दें.

  • अपने अकाउंड का पासवर्ड तुरंत बदलें.

  • अगर आपने अपने अकाउंट की जानकारी साझा कर दी है तो बैंक को तुरंत सूचित करें.

  • संदिग्ध क्यूआर कोड लिंक की शिकायत साइबर पुसिल को दें.