भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल एप के जरिए लोन देने वाली फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है. यह ऐप ज्यादातर अवैध होते हैं और बिना कागजी कार्रवाई के लोन देने के बदले ग्राहकों से ज्यादा से ज्यादा रेट ऑफ इंटरेस्ट वसूलते हैं. आरबीआई (RBI) ने लोगों को ऐसे फर्जी डिजिटल ऐप से सतर्क रहने की सलाह दी है.
क्या है लोन ऐप फ्रॉड?
देश में पिछले कुछ समय से लोगों को ऑनलाइन ऐप के जरिए ठगने और लूटने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. कई ऐप्स ऐसे हैं जो देखने में तो असली लगते हैं लेकिन होते फ्रॉड हैं. ये लोन देने वाले ऐप बिना किसी वेरिफिकेशन के ही लोन देते हैं. इन लोन ऐप को डाउनलोड करते ही यूजर के खाते में कुछ रकम ट्रांसफर कर दी जाती है, बाद में जरूरत से ज्यादा रेट ऑफ इंटरेस्ट वसूला जाता है. ज्यादातर मोबाइल चीन निर्मित होते हैं, जिनका सर्वर भारत से बाहर होता है.
ऑनलाइन लोन ऐप कैसे करते हैं फ्रॉड
आपके पास भी कभी न कभी मिनटों में लोन देने को लेकर मैसेज जरूर आया होगा. जरूरत न होने पर तो आप इसे इग्नोर कर देते हैं लेकिन कुछ लोग बिना डॉक्यूमेंट और वेरिफिकेशन के तुरंत लोन पाने के लालच में इन लिंक्स पर क्लिक कर देते हैं. बस यहीं से फ्रॉड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. कर्ज देने के बाद लोगों का उत्पीड़न किया जाता है, और कई बार लोग शर्म से आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठा लेते हैं. ये ऐप्स 2 हजार से 5-7 हजार रुपए के छोटे-छोटे लोन ही देते हैं.
कैसे करें खुद का बचाव
जिस मोबाइल एप के जरिए आप लोन ले रहे हैं, उसकी रेटिंग जरूर देख लें, उसका रिव्यू भी पढ़ लें.
लोन लेने से पहले एक बार रेट ऑफ इंटरेस्ट के बारे में भी जान लें.
अगर आपके पास लोन को लेकर कोई भी मैसेज आता है तो सबसे बेहतर है कि उसे इग्नोर कर दें.
अपने मोबाइल में आने वाले किसी भी लिंक पर बिना पढ़ें क्लिक न करें. लोन से संबंधित कोई भी ऐप बिना जानकारी के डाउनलोड न करें.
लोन लेने के लिए अगर आपसे प्रोसेसिंग चार्ज मांगा जाए तो तुरंत सावधान हो जाएं.
यदि कोई आपको पुलिस की धमकी दे रहा है, तो साइबर सेल में शिकायत करें.
निजी जानकारी मांगने वाले मोबाइल ऐप से भी लोन लेने से परहेज करें.
जांच लें कि लोन देने वाले ऐप आरबीआई के साथ पंजीकृत है या नहीं.