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अगर आपका WhatsApp बंद हो जाए तो क्या आप मुआवजा मांग सकते हैं? इसकी शिकायत हो सकती है? पूर्व IPS अधिकारी की शिकायत पर कंज्यूमर कोर्ट ने दिया जवाब

अगर किसी डिजिटल सेवा में बार-बार बाधा आती है, जिससे आपका बिजनेस, पढ़ाई या निजी जीवन प्रभावित होता है, तो आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आपको यह साबित करना होगा कि आपने उस सेवा पर निर्भरता बनाई थी, और उसकी विफलता ने आपको सही में नुकसान पहुंचाया.

WhatsApp compensation complaint (Representative Image) WhatsApp compensation complaint (Representative Image)

सोचिए, आप किसी जरूरी काम में बिजी हैं- मीटिंग चल रही है, क्लाइंट को फाइल भेजनी है या कोई जरूरी डॉक्यूमेंट शेयर करना है और तभी आपका WhatsApp बंद हो जाए! यही हुआ पूर्व IPS अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के साथ.

उन्होंने दावा किया कि WhatsApp की सेवाएं लगभग 6 घंटे तक बाधित रहीं और इसकी वजह से उनका महत्वपूर्ण काम प्रभावित हुआ. उन्होंने इसकी शिकायत लखनऊ जिला उपभोक्ता आयोग में की और मुआवज़े की मांग की.

लेकिन लखनऊ जिला उपभोक्ता आयोग ने उनकी शिकायत को सुनने से ही इनकार कर दिया.

लखनऊ जिला उपभोक्ता आयोग ने कहा कि WhatsApp एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है. इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता, इसलिए उपयोगकर्ता को उपभोक्ता नहीं माना जा सकता. इसीलिए, शिकायत "अस्वीकार्य" है.

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हालांकि, अमिताभ ठाकुर ने हार नहीं मानी. उन्होंने इस आदेश को उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी.

राज्य आयोग ने क्या कहा? 
आयोग के अध्यक्ष सुशील कुमार और सदस्य सुधा उपाध्याय की बेंच ने साफ कहा, "WhatsApp एक सेवा प्रदाता कंपनी है. यह भारत में सेवाएं दे रही है, तो यह नहीं कहा जा सकता कि यह कोई विदेशी संस्था है, और इसके खिलाफ उपभोक्ता शिकायत स्वीकार नहीं की जा सकती."

आयोग ने कहा कि WhatsApp अपने उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत जानकारी साझा करने की सुविधा देता है, इसी वजह से लोग इसे इस्तेमाल करते हैं. यह एक डिजिटल सेवा है और डिजिटल सेवा भी उपभोक्ता कानून के दायरे में आती है.

इस फैसले का मतलब क्या है?
इस ऐतिहासिक फैसले का असर लाखों करोड़ों भारतीयों पर हो सकता है जो रोज WhatsApp, Instagram, Google, Facebook जैसी सेवाएं इस्तेमाल करते हैं. अब डिजिटल प्लेटफॉर्म भी उपभोक्ता कानून से बाहर नहीं रह सकते.

मतलब अगर किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से आपको नुकसान होता है, तो आप उपभोक्ता आयोग में जाकर मुआवजे की मांग कर सकते हैं.

अमिताभ ठाकुर की शिकायत अब दोबारा सुनी जाएगी
राज्य आयोग ने जिला उपभोक्ता आयोग के पहले आदेश को रद्द कर दिया और साफ निर्देश दिया कि अमिताभ ठाकुर की शिकायत को पंजीकृत किया जाए. Consumer Protection Act, 2019 के तहत 90 दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा किया जाए.

अब ये सवाल उठता है कि क्या आम उपभोक्ता भी WhatsApp या अन्य डिजिटल कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर सकता है? जवाब है हां, इस फैसले के बाद डिजिटल सेवाओं के उपभोक्ता भी अब कानूनी हकदार हैं.

अगर किसी डिजिटल सेवा में बार-बार बाधा आती है, जिससे आपका बिजनेस, पढ़ाई या निजी जीवन प्रभावित होता है, तो आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आपको यह साबित करना होगा कि आपने उस सेवा पर निर्भरता बनाई थी, और उसकी विफलता ने आपको सही में नुकसान पहुंचाया.

बता दें, WhatsApp जैसी कंपनियां अपने Terms & Conditions में भले ही ये कह दें कि "यह सर्विस फ्री है", लेकिन अगर वो डेटा से कमाई कर रही हैं, विज्ञापन दिखा रही हैं, या यूजर को किसी सेवा का वादा कर रही हैं तो वो सर्विस प्रोवाइडर केटेगरी में आती हैं.
यह फैसला कहता है, फ्री सर्विस का मतलब यह नहीं कि उपभोक्ता का कोई अधिकार नहीं है."