पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर गाड़ियों में आग लगने की कई घटनाएं देखने को मिल रही है. ऐसी एक घटना मुंबई के ठाणे में देखने को मिली है. जहां पर ठाणे के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर एक इलेक्ट्रिक स्कूटी में आग लगने की घटना हुई है. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक जिस इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में आग लगी वह EVTRICK कंपनी की है. लगातार इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटना सामने आने के बाद इनको लेकर सुरक्षा संबंधी सवाल उठने लगे हैं. हम यहां पर आपको इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर गाड़ियों आग लगने की पीछे की वजह बता रहे हैं. जिसके कारण ज्यादातर इलेक्ट्रिक गाड़ियों आग लग रही है.
इसलिए लग रही इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर गाड़ियों में आग
बाकी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरह ही ई-स्कूटरों में भी आग लगने की मुख्य वजह बैटरी को माना जा रहा है. भारत में बनने वाले 90 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. बैटरी में लिथियम इलेक्ट्रोलाइट बहुत अधिक ज्वलनशील होते है. ये काफी जल्दी और आसानी से गर्म हो जाते हैं. जिससे बैटरी में कभी भी विस्फोट हो सकता है. जिसके कारण ई-स्कूटरों में आग लगने की घटना ज्यादा देखने को मिल रही है. लेकिन सभी EVs में आग क्यों नहीं लग रही है और सिर्फ ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटरों में ही ऐसा क्यों देखा जा रहा है. इसके पीछे के ये कारण हो सकते हैं.
गलत तरीके से चार्ज करना
ई-स्कूटरों आग लगने के पीछे का कारण उसे गलत तरीके से चार्ज करना भी हो सकता है. कई लोग ई-स्कूटरों को रात भर चार्ज में ही लगाकर छोड़ देते हैं, जिसके कारण कई बार बैटरी ओवरचार्ज कर जाती है. जोखिम भरा होता है. ओवरचार्जिंग के कारण बैटरी में ज्यादा करंट पंप होती है. जिसके कारण बैटरी मटेरियल खराब होते हैं. जिससे ई-स्कूटरों में आग लगने की बहुत संभावना होती है.
कूलिंग सिस्टम
ई-स्कूटरों में आग लगने के पीछे का एक कारण कूलिंग सिस्टम भी हो सकता है. इंजन को ठंडा करने के लिए सबसे बेहतरीन लिक्विड कूलिंग सिस्टम माना जाता है. जो अधिकतर इलेक्ट्रिक कारों और बसों जैसे चार पहिया वाहनों में देखने को मिलता है. जबकि ई-स्कूटरों में एयर-कूल्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. जो लिक्विड कूलिंग सिस्टम की तरह अच्छे नहीं होते हैं. ई-स्कूटरों में आग लगने के पीछे का एक कारण एयर-कूल्ड सिस्टम का इस्तेमाल करना भी माना जा सकता है.
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम
ई-स्कूटरों में आग लगने की एक वजह बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम को भी माना जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी सिस्टम लैब-स्केल डेटा और मॉडल के आधार पर ऑपरेट करती है. जबकि कारों में लगने वाली बैटरी को ई-स्कूटर की तुलना में बेहतर तरीके से टेस्ट किया जाता है.