हैकिंग शब्द को हमेशा नेगेटिव खबरों से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन लॉस वेगास में इसका टूर्नामेंट किया जा रहा है. दो उत्तरी अमेरिकी यूनिवर्सिटी के हैकर्स की एक टीम ने (Capture The Flag Tournament) 'कैप्चर द फ्लैग' चैंपियनशिप जीती है. बता दें कि, इस टूर्नामेंट को 'हैकिंग का ओलंपिक' कहा जाता है. इस कॉम्पीटीशन में दुनिया के बेस्ट हैकर्स आते हैं.
शुक्रवार से रविवार तक हुए इस टूर्नामेंट को लॉस वेगास के सबसे बड़े कसीनो में आयोजित किया गया. जिसमें कुछ दर्जन हैकर DEF CON सिक्योरिटी कांफ्रेंस के दौरान लैपटॉप लिए बैठे रहे.
कस्टम-निर्मित सॉफ्टवेयर को करना था ब्रेक
टूर्नामेंट को मेपल मल्लार्ड मजिस्ट्रेट नाम की टीम ने अपने नाम किया. इसके अलावा मेलॉन यूनिवर्सिटी से लेकर ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रतिभागी इसमें शामिल थे. इस टूर्नामेंट में कस्टम-निर्मित सॉफ्टवेयर को ब्रेक करना शामिल था. प्रतिभागियों को प्रोग्राम में बग ढूंढने के लिए कहा गया था. इसके साथ दूसरे प्रतिस्पर्धियों से आने वाले हैक से भी अपना बचाव करना था. इस हैकिंग टूर्नामेंट में चीन, भारत, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया के प्रतिभागी शामिल थे.
इनाम पैसा नहीं प्रतिष्ठा है
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के हवाले से सांता बारबरा में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले एक प्रतिभागी जियोवानी विग्ना ने कहा कि, 'ये टूर्नामेंट इसलिए भी अलग है क्योंकि इसमें इनाम पैसा नहीं है, बल्कि प्रतिष्ठा है. किसी दूसरे प्रतियोगिता में इसका दबदबा नहीं होता है.'
वहीं, इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इंक (TSLA.O) में एक इंजीनियर के रूप में काम करने वाले प्रतिभागी आदित्य पुराणी कहते हैं कि खिताब जीतना सम्मान का एक आजीवन बैज है.
टूर्नामेंट यूट्यूब पर किया गया था प्रसारित
इस साल की प्रतियोगिता को पहली बार यूट्यूब पर प्रसारित किया गया था, जिसमें टेलीविजन स्पोर्ट्स की शैली में लाइव कमेंट्री शामिल थी. बता दें कि, DEF CON, 1990 के दशक के अंत में कुछ सौ हैकर्स के एक मीटअप के रूप में शुरू हुआ था. इसमें इस साल करीब 30,000 लोग शामिल हुए.