राजस्थान की एक छात्रा तेज गेंदबाजी करने के लिए छा गई है. छात्रा राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की धरियावद उपखंड के एक छोटे से गांव रामेर तालाब की रहने वाली है. और अभी केवल पांचवी कक्षा में है. सुशीला मीणा बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करती हैं. इसी को लेकर वे अब सोशल मीडिया पर छा गई हैं.
सुशीला मीणा के बहुत सम्पन्न परिवार से नहीं आती हैं. उनके पिता मजदूरी करते हैं. कोच और शिक्षक ईश्वरलाल मीणा सुशीला की तरक्की में बड़ा हाथ है. ईश्वरलाल मीणा के मुताबिक, सुशीला मीणा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इनके पिताजी का नाम रतनलाल मीणा है और माता का नाम शांति बाई मीणा है. इनका व्यवसाय मजदूरी और खेती का है.
दरअसल, सुशीला के गांव में करीब ढाई सौ मकान हैं, जो साल 1980 में गुजरात कडाणा बांध के डूब क्षेत्र से आए हैं. यह परिवार अपना गुजारा खेतीबाड़ी और मजदूरी करके करता है. घर का लालन-पालन इनके पिता करते हैं.
दरसल, इससे पहले भी रेनूका पारगी नाम की बालिका का भी क्रिकेट में चयन हुआ था. उनके हुनर को देखते हुए जयपुर नैना क्रिकेट अकादमी में उन्हें फ्री में एडमिशन दिया था.
पोस्ट पर आए 90 मिलियन व्यूज
सुशीला मीणा को लेकर उनके परिवार का कहना है कि वे भी अपना नाम देश में रोशन करेंगी. हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी कोई मदद नहीं मिली है. लेकिन अगर मिले तो सुशीला को एक नई ऊंचाई मिल सकती है. सुशीला का मन पढ़ाई के बाद क्रिकेट में ही लगता है. क्रिकेट जगत में बाएं हाथ की तेज गेंदबाज सुशीला ने अपना नाम सोशल मीडिया पर रोशन किया है. इंस्टाग्राम पर इनके पोस्ट पर दो दिन में 90 मिलियन व्यूज आए हैं.
गांव में नहीं है खेल का मैदान
गुलाब सिंह मीणा का कहना है कि गांव में अधिकतर मजदूरी वाले लोग हैं जो पास में गुजरात में और महाराष्ट्र में मजदूरी कर अपने घर का गुजारा करते हैं. हालांकि, बच्चों के हुनर को देखते हुए गांव काफी समय से कई मैदान की मांग कर रहा है ताकी बच्चों को खेलना की सही जगह मिले. गांववालों का कहना है कि यहां ऐसी प्रतिभाएं दिनों दिन उभर कर सामने आ रही हैं, ऐसे में इसे राजस्व गांव का दर्जा दिलाया जाए और इसमें प्रशासन की तरफ से मदद मिले.
(संजय जैन की रिपोर्ट)