scorecardresearch

YouTube AI Video: अब रिपोर्ट करने के साथ खुद हटा सकेंगे AI वीडियो, यूट्यूब देने जा रहा सभी यूजर्स को ये सुविधा

कंटेंट क्रिएटर्स की यह जिम्मेदारी होगी कि वे जब भी कोई ऐसी वीडियो पब्लिश करेंगे जिसमें एआई टूल का उपयोग हुआ है, तो उन्हें इसकी जानकारी देनी होगी. इससे यूट्यूब पर पारदर्शिता आएगी. साथ ही लोग सही और गलत में फर्क कर सकेंगे.

Youtube Video (Representative Image/Unsplash) Youtube Video (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • पेश की गई नई AI सेंट्रिक गाइडलाइन 

  • धड़ल्ले से बन रहे हैं डीपफेक वीडियो 

पिछले कुछ समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में काफी प्रगति देखने को मिली है. लेकिन इसके कई जोखिम भी हैं. खासकर यूट्यूब (YouTube) जैसे प्लेटफॉर्म पर इसके कई नुकसान देखने को मिले हैं. लोग अब AI  की मदद से फेक कंटेंट बनाने लगे हैं. कई बार ये वीडियोज भ्रामक भी होते हैं. ऐसे में YouTube ने इस खतरे को पहचान लिया है और यूजर्स को इससे बचने के लिए सुविधा दे दी है. AI-जनरेटेड कंटेंट (AI-generated content) को अब यूजर्स खुद ही रिपोर्ट कर सकेंगे और हटा सकेंगे. 

नई AI सेंट्रिक गाइडलाइन
यूट्यूब (YouTube) ने यूजर्स को AI-जनरेटेड वीडियो देखने में मदद करने के लिए नई गाइडलाइन पेश की है. ये अपडेट ऐसे कंटेंट की पहचान करने में मदद करेगा जो फेक है. साथ ही यूजर्स के लिए उसे रिपोर्ट करना भी आसान हो जाएगा. जिससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि दूसरे लोग भी ऐसी वीडियो को लेकर जागरूक रहें. 

कंटेंट क्रिएटर्स की भी होगी बड़ी जिम्मेदारी 
कंटेंट क्रिएटर्स की अब यह जिम्मेदारी है कि वे जब भी कोई ऐसी वीडियो पब्लिश करेंगे जिसमें एआई टूल का उपयोग हुआ है, तो उन्हें इसकी जानकारी देनी होगी. इससे यूट्यूब पर पारदर्शिता आएगी. 

सम्बंधित ख़बरें

YouTube सहित कई टेक कंपनियां ऐसी हैं जो AI-जनरेटेड कंटेंट को लेकर काफी जागरूक हो गई हैं. वे अक्सर AI-जनरेटेड कंटेंट पर लेबल लगाते हैं. इसमें न केवल वीडियो बल्कि फोटो और ऑडियो भी शामिल हैं. YouTube लेबल का अपना वर्जन पेश करेगा. ये लेबल एक चेतावनी के रूप में काम करेगा, इससे दर्शक पता लगा सकेंगे कि कौन-सी वीडियो AI-जनरेटेड है और कौन सी ओरिजिनल. 

बन रही हैं डीपफेक वीडियो 
बता दें, एआई से ऐसी वीडियो भी बन सकती है जो असल में नहीं हैं. जैसे किसी पॉपुलर सेलिब्रिटी के साथ या उन्हीं की कोई फेक वीडियो बन दी जाए. इससे कई दर्शकों को गुमराह किया जा सकता है. ये डीपफेक वीडियो इतनी ओरिजिनल लगती हैं कि लोग असली और नकली के बीच फर्क नहीं कर पाते हैं. 

ऐसे में YouTube को लगता है कि इन वीडियो को केवल लेबल करना जरूरी है. इससे इन्हें फैलने से रोका जा सकेगा.

AI कंटेंट कर सकेंगे रिपोर्ट
YouTube यूजर्स को AI-जनरेटेड वीडियो रिपोर्ट करने की सुविधा दे रहा है. अगर आपके सामने कोई ऐसा वीडियो आता है जो भ्रामक लगता है, तो आप उसकी रिपोर्ट कर सकते हैं. हालांकि, ये सभी रिपोर्ट्स वैलिड होनी चाहिए.

एक बार किसी वीडियो की रिपोर्ट हो जाने पर, YouTube कंटेंट क्रिएटर को समस्या का समाधान करने के लिए 48 घंटे का समय देगा. क्रिएटर या तो AI-जनरेटेड सेक्शन को एडिट कर सकता है या वीडियो को पूरी तरह से हटा सकता है.