Best Winter Treks in India: सर्दियां आते ही दिमाग में घूमने का फितूर शुरू हो जाता है. सर्दियों में पहाड़ की खूबसूरत देखने लायक होती है. पहाड़ बर्फ से लद जाते हैं. कुछ लोग दूर से बर्फ देखते हैं तो कुछ लोग इन पहाड़ों पर अपना एडवेंचर पूरा करता है. पहाड़ों पर ट्रेकिंग करने का अलग की मजा है.
बर्फ से ढंके रास्तों पर ट्रेकिंग सबसे कठिन होती है. लोग इसे एक चैलेंज की तरह लेते हैं. काफी लोग सर्दियों में बर्फ से ढंके ऐसे ही ट्रेक पर जाना पसंद करते हैं. भारत में कुछ ऐसे ट्रेक हैं जो विंटर ट्रेक (Best Winter Treks India) के नाम से फेमस हैं.
आइए हिमालय के कुछ ऐसे ही खूबसूरत ट्रेक पर नजर डाल लेते हैं.
1. दायरा बुग्याल
सर्दियों में ट्रेकिंग करने के लिए सबसे पहला नाम दायरा बुग्याल (Dayara Bugyal Trek) का ही आएगा. दायरा बुग्याल उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत ट्रेक में से एक है. गर्मियों में यहां आपको हरियाली से भरा बुग्याल देखने को मिलेगा. वहीं सर्दियों में दायरा बुग्याल में चारों तरफ बर्फ ही बर्फ देखने को मिलेगी.
समुद्र तल से दायरा बुग्याल 3,639 मीटर की ऊंचाई पर है. दायरा बुग्याल लगभग 21 किमी. लंबा ट्रेक है. इस ट्रेक को अनुभवी और बिग्नर्स दोनों कर सकते हैं. इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग 2-3 दिन लगते हैं. इन सर्दियों में दायरा बुग्याल जाने का प्लान बना सकते हैं.
कैसे पहुंचें?
दायरा बुग्याल ट्रेक रैथल गांव से शुरू होता है. सबसे पहले आपको देहरादून या ऋषिकेश पहुंचना होगा. ऋषिकेश से उत्तरकाशी की बस मिल जाएगी. उत्तरकाशी से रैथल 40 किमी. दूर है. उत्तरकाशी से रैथल के लिए शेयर टैक्सी मिल जाएगी.
2. कुआरी पास
कुआरी उत्तराखंड का एक और शानदार ट्रेक है. रोमांच के शौकीनों को इस ट्रेक (Kuari Pass Trek) में मजा आ जाएगा. कुआरी पास ट्रेक समुद्र तल से 12,516 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. कुआरी पास उत्तराखंड के गढ़वाल में आता है. कुआरी पास से नंदा देवी और द्रोणागिरी चोटी देखने को मिलती है.
कुआरी पास ट्रेक लगभग 31 किमी. लंबा है. इस ट्रेक को पूरा करने में 6 दिन का समय लगता है. कुआरी पास दायरा बुग्याल से थोड़ा कठिन ट्रेक है. सर्दियों में ये ट्रेक खूबसूरत के साथ थोड़ा मुश्किल भी हो जाता है.
कैसे पहुंचें?
कुआरी पास ट्रेक उत्तराखंड के करची गांव से शुरू होता है. करची तक पहुंचने के लिए जोशीमठ जाना होगा. ऋषिकेश से जोशीमठ के लिए डायरेक्ट बस चलती है. जोशीमठ से करची गांव 16 किमी. है. करची में शाम को आराम करने के बाद अगले दिन कुआरी पास ट्रेक को करने के लिए निकल पड़िए.
3. चन्द्रशिला
भारत के विंटर ट्रेक में चोपता-चन्द्रशिला का भी नाम आता है. चन्द्रशिला (Chandrashila Trek) समुद्र तल से 3,690 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. सर्दियों में पूरा ट्रेल बर्फ से पट जाता है. उस दौरान 5 किमी. का ये ट्रेक और भी कठिन हो जाता है. इस ट्रेक को आसानी से किया जा सकता है.
चन्द्रशिला ट्रेक के रास्ते में तुंगनाथ मंदिर भी मिलेगा. तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Trek) दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है. तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के पंच केदारों में से एक है. तुंगनाथ से 1 किमी. दूर चन्द्रशिला है. चन्द्रशिला से हिमालय के बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं.
कैसे जाएं?
चन्द्रशिला ट्रेक करने के लिए चोपता पहुंचना होगा. ऋषिकेश से ऊखीमठ के लिए बसें चलती रहती हैं. सर्दियों में बाबा केदार ऊखी मठ में ही विराजते हैं. ऊखी मठ से चोपता के लिए टैक्सी चलती रहती हैं. ऊखीमठ से ही तुंगनाथ और चन्द्रशिला का ट्रेक शुरू होता है.
4. चादर ट्रेक
चादर ट्रेक (Chadar Trek) भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है. लद्दाख में जांस्कर नदी है. सर्दियों में जब ये नदी बर्फ से जम जाती है तो लोग इस पर चलकर ट्रेक करते हैं. चादर ट्रेक लगभग 75 किमी. लंबा है. अनुभवी ट्रेकर्स ही चादर ट्रेक को करने का प्लान बनाते हैं.
चादर समुद्र तल से 11,123 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. चादर ट्रेक ट्रेकर्स के फिटनेस लेवल को टेस्ट करता है. काफी लोग इस ट्रेक को बीच में ही छोड़ देते हैं. चादर ट्रेक न भूलने वाला अनुभव है. अपने जैसे कुछ लोगों को खोजिए और निकल पड़िए इस शानदार ट्रेक के लिए.
कैसे पहुंचें?
चादर ट्रेक लद्दाख में है तो सबसे पहले लेह पहुंचना होगा. सर्दियों में लेह पहुंचने का एक ही रास्ता है, फ्लाइट. हवाई सफर से लेह पहुंचिए. इसके बाद लेह से चिलिंग जाइए. लेह से चिलिंग 65 किमी. दूर है. यहां के लिए बस मिल जाएगी. साथ ही टैक्सी बुक करके भी चिंलिंग पहुंच सकते हैं. चिलिंग से ही चादर ट्रेक शुरू होता है.
5. ब्रह्मताल ट्रेक
ये विंटर ट्रेक भी उत्तराखंड में है. ब्रह्मताल ट्रेक (Brahmatal Trek) उन लोगों के लिए है जिनको कभी भी विंटर ट्रेक नहीं किया है. बिग्नर्स के लिए ये ट्रेक एकदम परफेक्ट है. ब्रह्मताल ट्रेक लगभग 30 किमी. लंबा है. इस ट्रेक को पूरा करने में 3-4 दिन का समय लगता है.
समुद्र तल से ब्रह्मताल की ऊंचाई लगभग 3,734 मीटर है. ब्रह्मताल ने नंदा घूंटी, त्रिशूल और चौखंभा जैसी चोटियों के अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं. इस जगह की खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. यहां जाकर ही आपको यहां की खूबसूरती का एहसास होगा.
कैसे जाएं?
ब्रह्मताल ट्रेक लोहाजंग से शुरू होता है. लोहाजंग उत्तराखंड की एक छोटी-सी जगह है. यहां पहुंचने के लिए सबसे पहले ऋषिकेश से चमोली की बस लेनी पड़ेगी. चमोली से लोहाजंग लगभग 40 किमी. है. चमोली से लोहाजंग के लिए गाड़ी आराम से मिल जाती है.