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ट्रैवल

Travel Destination: ये हैं लद्दाख की सबसे फेमस मोनेस्ट्रीज, इनको देखे बिना Ladakh की यात्रा अधूरी

Ladakh Monastery
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Ladakh Travel Places: पहाड़ सुंदरता की मिसाल हैं. वैसे तो पहाड़ों को जिक्र आने पर सबसे पहले हिमाचल और उत्तराखंड का नाम आता है लेकिन अब टूरिस्ट लद्दाख का भी रुख करने लगे हैं. पहाड़ों की दुनिया में लद्दाख सबसे निराला है. लद्दाख के ज्यादातर हिस्से में बंजर पहाड़ हैं लेकिन इनकी सुंदरता देखते ही बनती है. लद्दाख अपनी विशाल और मन मोहने वाली मोनेस्ट्रीज के लिए भी जाना जाता है. लद्दाख की हर छोटी-बड़ी जगह पर मोनेस्ट्रीज देखने को मिल जाएगी लेकिन कुछ मोनेस्ट्रीज ऐसी हैं जिनका दीदार हर कोई करना चाहता है. हम आपको लद्दाख की चुनिंदा बेहद लोकप्रिय मोनेस्ट्रीज के बारे में बताने जा रहे हैं.

Thikse Monastery Ladakh
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1. थिकसे मोनेस्ट्री
थिकसे मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे खूबसूरत मोनेस्ट्री में से एक है. थिकसे मोनेस्ट्री लेह शहर से लगभग 19 किमी. दूरी पर स्थित है. ये मोनेस्ट्री लद्दाखी आर्किटेक्चर का एक शानदार नमूना है. थिकसे मोनेस्ट्री तिब्बत के ल्हासा में स्थित पोटला पैलेस का छोटा वर्जन है. थिकसे मोनेस्ट्री के अंदर लगभग 12 मंदिर हैं. इसके अलावा इस मोनेस्ट्री में भगवान बुद्ध की 40 फीट ऊंची मूर्ति है. हर साल यहां पर एक भव्य फेस्टिवल होता है. 

Hemis Monastery Ladakh(Getty Image)
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2. हेमिस मोनेस्ट्री
हेमिस मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे बड़ी मोनेस्ट्री है. हेमिस मोनेस्ट्री लेह शहर से लगभग 40 किमी. की दूरी पर हेमिस गांव में है. कहा जाता है कि हेमिस मोनेस्ट्री की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी. बाद में 1652 में इसे फिर से स्थापित किया गया था. हर साल जून-जुलाई में हेमिस मोनेस्ट्री में फेमस हेमिस फेस्टिवल आयोजित होता है. दो दिन चलने वाले हेमिस फेस्टिवल को देखने के लिए भारत ही नहीं कई देशों से भी लोग आते हैं. यकीन मानिए ऐसा सुंदर फेस्टिवल आपने कभी नहीं देखा होगा.

Alchi Monastery Ladakh
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3. अलची मोनेस्ट्री
लद्दाख की अलची मोनेस्ट्री की स्थापना 12वीं शताब्दी में हुई थी. अलची मोनेस्ट्री लेह-कारगिल हाइवे से सटे अलची गांव में है. अलची गांव लेह शहर से 70 किमी. की दूरी पर है. लेह से अलची के लिए रोज इलेक्ट्रिक बस भी चलती है. अलची मोनेस्ट्री को लद्दाख के सबसे पुराने गोंपा में से एक माना जाता है. इस मोनेस्ट्री को पृथ्वीराज राजा ने बनवाया था. मोनेस्ट्री के अंदर मोबाइल और कैमरा ले जाने पर मनाही है. मोनेस्ट्री के अंदर कई सारे पुराने मंदिर हैं जिनको आप देख सकते हैं.

Shey Monastery Ladakh
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4. शे मोनेस्ट्री
हेमिस मोनेस्ट्री के रास्ते में लेह शहर से लगभग 15 किमी. दूर शे मोनेस्ट्री है. शे पहले लद्दाख की राजधानी हुआ करती थी. यहीं पर लद्दाख के पहले राजा ल्हाचेन स्पाल्गिगोन ने हिल टॉप पर किला बनवाया था. साल 1655 में राजा देलडान नामग्याल ने शे पैलेस को बनवाया था. शे महल के अंदर शे मोनेस्ट्री भी है. शे मोनेस्ट्री के बाहर हाल ही में भगवान बौद्ध की विशाल मूर्ति का बनाया गया है. इस मोनेस्ट्री के पास में वो स्कूल है जहां 3 इडियट्स मूवी की शूटिंग हुई थी. 

Diskit Monastery Ladakh
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5. डिस्किट मोनेस्ट्री
डिस्किट मोनेस्ट्री लद्दाख की नुब्रा वैली की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मोनेस्ट्री है. लेह शहर से डिस्किट मोनेस्ट्री लगभग 115 किमी. की दूरी पर है. डिस्किट मोनेस्ट्री की स्थापना 14वीं शताब्दी में चांगजेन त्सरेब जंगपो ने की थी. डिस्किट मोनेस्ट्री एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. डिस्टिक मोनेस्ट्री में 106 फीट ऊंची मैत्रेय बुद्ध की विशाल मूर्ति है. यहां से आपको नुब्रा वैली का मनमोहक नजारा देखने को मिलेगा.

Mulbekh Monastery ladakh
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6. मुलबेख मोनेस्ट्री
मुलबेख मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे सुंदर मोनेस्ट्री में से एक है. लेह से दूर होने की वजह से यहां कम लोग ही जाते हैं. मुलबेख मोनेस्ट्री लेह शहर से लगभग 216 किमी. और कारगिल से लगभग 40 किमी. की दूरी पर स्थित है. इस मोनेस्ट्री में मैत्रेय बुद्ध का 30 फीट ऊंचा स्टैच्यू है. माना जाता है कि इस मूर्ति को लगभग 800 साल पहले बनवाया गया था. इस मोनेस्ट्री को मलबेख चंबा भी कहते हैं. 

Lamayuru Monastery ladakh
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7. लामायुरू मोनेस्ट्री
लामायुरू मोनेस्ट्री लेह-श्रीनगर हाइवे पर बसे लामायुरू गांव में है. लामायुरू मोनेस्ट्री को युरू मोनेस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है. लामायुरू मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे बड़ी मोनेस्ट्रीज में से एक है. लामायुरू मोनेस्ट्री के अंदर एक प्रार्थना हॉल और कई सारे मंदिर हैं. इसके अलावा मोनेस्ट्रीज में एक गुफा भी है जिसे आप देख सकते हैं. मोनेस्ट्री के अलावा आप लामायुरू गांव को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं. लामायुरू मोनेस्ट्री समुद्र तल से 3,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.