'गर फिरदौस बर रूये जमीं अस्त, हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त'
कश्मीर के बारे में कही गई ये लाइन वाकई में सच है. धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है यहीं है यहीं हैं. सर्दियों में जब कश्मीर (Kashmir In Winter) देखोगे तो ये बात और भी सही लगता है. बर्फ की सफेद चादर में लिपटा कश्मीर की खूबसूरती देखने लायक होती है.
कश्मीर एक बार फिर बर्फ की चादर में लिपट चुका है. कश्मीर में अच्छी खासी स्नोफॉल (Snowfall in Kashmir) हो रही है. घूमने वालों को सर्दी अच्छी लगे न लगे लेकिन बर्फ से ढंके पहाड़ जरूर अच्छे लगते हैं. वो बस ऐसे ही नजारों के लिए सर्दियों का इंतजार करते हैं.
सर्दियों में कश्मीर की किन जगहों पर जाना चाहिए. कैसे कश्मीर की विंटर ट्रिप प्लान (Kashmir Winter Trip) करनी चाहिए. आइए इन सारे सवालों के जवाब हम आपको दे देते हैं.
कैसे पहुंचें?
श्रीनगर (How To Reach Srinagar) आने के लिए वैसे तो वाया रोड भा आया जा सकता है लेकिन वो एक लंबा और थकावट भरा रास्ता है. श्रीनगर आने के लिए फ्लाइट (Srinagar Flight) ही सबसे अच्छा साधन है. कुछ ही घंटों में आप जन्नत में होंगे.
दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों से श्रीनगर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट चलती है. सर्दियों में फ्लाइट से भी सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं. बर्फ से ढंके पहाड़ आपकी महंगी यात्रा को यादगार बना देंगे.
पहले पहलगाम
श्रीनगर पहुंचते ही आपकी कश्मीर विंटर ट्रिप (Kashmir Winter Travel Places) शुरू हो जाएगी. श्रीनगर में लैंड होने के बाद पहलगाम (Pahalgam Travel) के लिए निकल पड़िए. सर्दियों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मिलने की संभावना कम है तो बुकिंग करके ही जाना पड़ेगा. अच्छा रहेगा कि कुछ दिनों के लिए गाड़ी बुक कर लें.
श्रीनगर से पहलगाम लगभग 100 किमी. है. सर्दियों में पहलगाम पूरी तरह से बर्फ से ढंक जाता है. बर्फ की वजह से ये जगह बंद भी नहीं होती है. पहलगाम साल भर खुला रहता है. घूमने वालों के लिए पहलगाम सर्दियों में किसी जन्नत से कम नहीं है.
कश्मीर की इस जगह को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं. पहलगाम में घूमने के लिए बेताब वैली, बैसरन वैली और शेषनाग लेक भी है. यहीं ममलेश्वर मंदिर भी है. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव पहली बार अपने बेटे गणेश से मिले थे.
अनंतनाग
अगले दिन कश्मीर में पहलगाम से अनंतनाग (Anantnag Travel) की तरफ निकल पड़िए. रास्ते में कई शानदार जगह पड़ेगी. इसमें एक डक्सुम (Daksum Kashmir) भी है. डक्सुम कश्मीर की ऑफबीट जगहों में से एक है. डक्सुम को देखने के बाद कोकेरनाग की तरफ निकल पड़िए. ये भी कश्मीर की एक शानदार जगह है.
पहलगाम से अनंतनाग सिर्फ 40 किमी. दूर है. रास्ते में मार्तंड मंदिर (Martand Temple) मिलेगा. सूर्य देवता को समर्पित ये मंदिर काफी पुराना है लेकिन देखने लायक है. मार्तंड मंदिर 8वीं शताब्दी का है. इस मंदिर को देखकर कश्मीर के आर्किटेक्चर को समझा जा सकता है. इन सारी जगहों को देखने के बाद वापस पहलगाम आ जाइए.
गुलमर्ग
कश्मीर में सर्दियों की बात आए और गुलमर्ग (Gulmarg in Winter) का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. सर्दियों में गुलमर्ग बर्फ और लोगों से गुलजार हो जाता है. अगले दिन नाश्ता करने के बाद पहलगाम से गुलमर्ग के लिए निकल पड़िए. पहलगाम से गुलमर्ग की दूरी लगभग 165 किमी. है.
रास्ते में अवंतिपुरा के खंडहर है. यहीं पर भगवान विष्णु का 1100 साल पुराना मंदिर है. इस मंदिर को राजा अवंतीवर्मन ने बनवाया था. इन्ही जगहों को देखते हुए गुलमर्ग पहुंच जाइए. गर्मियों में गुलमर्ग घास के मैदान के लिए जाना जाता है. सर्दियों में उसी मैदान पर स्कीइंग की जाती है. गुलमर्ग में गंडोला राइड भी कर सकते हैं. उसका भी एक अलग मजा है. रात में कश्मीर की इस शानदार जगह पर ठहरें.
बर्फ पर स्कीइंग
भारत में कुछ जगहों पर स्कीइंग (Sking in Gulmarg) होती है. गुलमर्ग उन चंद जगहों में से एक है. अगले दिन गुलमर्ग में रूककर इस एक्टिविटी को करना चाहिए. बर्फ के इस खेल में सैलानियों को बड़ा मजा आता है.
गुलमर्ग की गंडोला राइड (Gandola Ride In Gulmarg) काफी फेमस है. गंडोला राइड दो फेज में होती है. आसमान से बर्फ के पहाड़ और बर्फ की चादर देखने का अलग की मजा है. ये गंडोला राइड गुलमर्ग की सबसे ऊंची जगह पर ले जाती है. खूबसूरती का दीदार करने के लिए ये जगह एकदम परफेक्ट है. इसके अलावा गुलमर्ग में स्नो बाइकिंग भी कर सकते हैं.
श्रीनगर का रास्ता
अगले दिन सुबह-सुबह गुलमर्ग से श्रीनगर (Sringar Gulmarg) की तरफ निकल पड़िए. गुलमर्ग से श्रीनगर सिर्फ 50 किमी. दूर है. हालांकि, सर्दियों में पहुंचने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. श्रीनगर (Srinagar Travel) में पहले दिन सभी गार्डन्स देख सकते हैं. श्रीनगर का मुगल गॉर्डन तो देखने लायक है.
इसके अलावा निशात बाग और शालीमार बाग भी देखने लायक हैं. शालीमार बाग को जहांगीर ने अपनी बेगम नूरजहां के लिए बनवाया था. श्रीनगर में हजरत बल मस्जिद के सामने ही चार चीनार हैं. चार चीनार कश्मीर की पहचान हैं. इनको देखने जरूर जाएं. इसके अलावा श्रीनगर में पहाड़ी पर शंकराचार्य मंदिर भी देखने लायक है.
आखिर में डल लेक
कश्मीर की यात्रा डल झील (Dal Lake Shikara) के बिना तो अधूरी है. वैसे तो श्रीनगर घूमते हुए डल लेक देख ही लोगे लेकिन डल लेक में यात्रा का अलग मजा है. डल झील में शिकारा होता है. शिकारा के जरिए डल झील में बसी दुनिया को देख पाएंगे.
लगभग 1-2 घंटे डल लेक में ही रहेंगे. इस दौरान फ्लोटिंग मार्केट, फ्लोटिंग डाकघर, फ्लोटिंग एटीएम घर देखने को मिलेंगे. साथ की डल में बने घर भी देखने को मिलेंगे. डल झील में बहुत सारी हाउसबोट भी हैं. इनमें सैलानी रूकने के लिए आते हैं.
डल झील को देखने के बाद अगर टाइम बचता है तो लाल चौक हो आइए. अगर समय न हो तो एयरपोर्ट निकल जाइए. श्रीनगर शहर से एयरपोर्ट कुछ दूर है. साथ ही डिफेंस एयरपोर्ट होने की वजह से एंट्री में भी टाइम लगता है. फ्लाइट में बैठकर पिछले दिनों की कश्मीर यात्रा के बारे में सोचकर जरूर खुशी होगी.