Kinnaur Valley Travel Guide: हिमाचल में कई शानदार जगहें (Himachal Travels) हैं. हिमाचल को खूबसूरत जगहों का घर कहा जाता है. जहां बर्फ से ढंके पहाड़, हरियाली, हरे-भरे मैदान, नदिया और झरने हों. ऐसी जगह सुंदर और हसीन (Himachal Travel Places) कैसे नहीं होगी.
हिमाचल में कई सारी सुंदर घाटियां हैं. किन्नौर घाटी (Kinnaur Valley Himachal) हिमाचल की सबसे सुंदर वैली है. किन्नौर को देवताओं का घर कहा जाता है. यहीं पर किन्नर कैलाश पर्वत है. कहा जाता है कि इस पर्वत पर भगवान शिव का वास है.
किन्नौर (Kinnaur Travel Places) में कई सारी शानदार जगहें है. लोग इन जगहों को घूमने भा जाते हैं लेकिन पूरी किन्नौर वैली को घूमने (Kinnaur Travel) का प्लान कम ही लोग बनाते हैं. एक बार में किन्नौर घाटी घूमने का अलग ही मजा है. किन्नौर घाटी को कैसे एक्सप्लोर करें. इसका पूरी आइटेनेरी (Kinnaur Trip Itinerary) हम आपको बता देते हैं.
स्वर्ग-सा सुंदर
किन्नौर हिमाचल प्रदेश का एक जिला भी है. शिमला से किन्नौर (How To Reach Kinnaur) लगभग 230 किमी. है. किन्नौर वैली दो हिस्सों में बंटा हुआ है, लोअर किन्नौर और अपर किन्नौर. 1989 में किन्नौर वैली को सैलानियों के लिए खोला गया था. उससे पहले इस घाटी में पर्यटकों का आना पूरी तरह से मना था. किन्नौर हिमाचल प्रदेश का सबसे कम आबादी वाला दूसरा जिला है.
कैसे पहुंचें?
किन्नौर वैली आने के लिए सबसे पहले शिमला और फिर रिकॉन्गपिओ आना होगा. किन्नौर वैली पहुंचने का सबसे आसान साधन पब्लिक ट्रांसपोर्ट है. ट्रेन और फ्लाइट से भी किन्नौर पहुंचा जा सकता है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट: दिल्ली से शिमला के लिए सैकड़ों बसें चलती हैं. शिमला से रिकॉन्गपिओ पहुंचना आसान है. इसके अलावा दिल्ली से रिकॉन्गपिओ और रामपुर बुशहर के लिए कुछ डायरेक्ट बसें चलती हैं.
ट्रेन या फ्लाइट: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन शिमला में है. शिमला आने के बाद बस से रिकॉन्गपिओ पहुंचना होगा.
वाया रोड: किन्नौर वैली खुद की गाड़ी से भी आ सकते हैं. किन्नौर घाटी की रोड शानदार है. हालांकि, पहाड़ों में घुमावदार रास्तों पर गाड़ी संभलकर चलाएं.
रिकॉन्गपिओ पहुंचें
दिल्ली से शिमला और रामपुर बुशहर होते हुए रिकॉन्गपिओ (Reckong Peo Kinnaur) पहुंचे. रिकॉन्गपिओ किन्नौर घाटी का हेडक्वार्टर है. पिओ किन्नौर वैली के सबसे बड़े शहरों में से एक है. यहां तक की यात्रा लंबी और थकान भरी रहेगी तो पिओ में ही ठहरें.
रामपुर बुशहर के बाद किन्नौर की तरफ बढ़ेंगे तो किन्नौर गेट आएगा. यहीं से किन्नौर वैली शुरू हो जाती है. इसकी फोटो जरूर लें. किन्नौर घाटी का ये रास्ता भारत के सबसे मुश्किल रास्तों में से एक माना जाता है.
दूसरे दिन कल्पा
रिकॉन्गपिओ से कल्पा (Kalpa Himachal Travel) लगभग 10 किमी. दूर है. कुछ ही मिनटों में रिकॉन्गपिओ से कल्पा पहुंच जाओगे. कल्पा किन्नौर (Kalpa Kinnaur) का एक छोटा गांव है लेकिन खूबसूरत के मामले में सबसे आगे है. कल्पा समुद्र तल से 2,960 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
कल्पा गांव में सेब के बागान है. यहां बर्फ से ढंके किन्नर कैलाश (Kinner Kailash) भी दिखाई देता है. कल्पा (Kalpa Travel Places) में घूमने के लिए भी कुछ जगहें हैं. यहां पर सुसाइड प्वाइंट और रोघी गांव देखने लायक है. इसके अलावा नारायण नागिनी मंदिर और एक मोनेस्ट्री भी है. कल्पा में सनराइज और सनसेट देखने का अलग ही मजा है.
खूबसूरत सांगला
अगले दिन किन्नौर की एक और शानदार जगह के लिए निकल पड़िए. कल्पा से रिकॉन्गपिओ आओ और वहां से बस से लेकर सांगला. कल्पा से सांगला (Sangla) पहुंचने में 2-3 घंटे लगेंगे. पिओ से सांगला के लिए बसें चलती रहती हैं. सांगला किन्नौर (Sangla Kinnaur की एक शानदार जगह है. सांगला अपने ख़ास होली (Sangla Holi) के लिए फ़ेमस है. पहाड़ों से घिरा सांगला समुद्र तल से 2,095 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है.
क्या देखें?
सांगला गांव (Sangla Travel Places) में बेरिंग नाग मंदिर को देख सकते हैं. ये मंदिर इस जगह का सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है. इसी मंदिर के अंदर बौद्ध मोनेस्ट्री भी है. सांगला की इस जगह पर हिन्दू-बौद्ध संगम देखने को मिलता है.
सांगला में इसके अलावा कामरू फोर्ट भी देखने जा सकते हैं. कामरू किला गांव में सबसे ऊंची जगह पर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए काफी लंबी चढ़ाई करनी पड़ती है. इस पुराने किले को जरूर देखना चाहिए.
लास्ट विलेज- चितकुल
चितकुल को भारत के लास्ट विलेज (Chitkul Last Village of India) के नाम से जाना जाता है. हालांकि, इसके आगे भी कुछ गांव है लेकिन लास्ट विलेज का दर्जा इसे ही मिला है. सांगला से चितकुल लगभग 25 किमी. है. रास्ते में रच्छम जैसी शानदार जगह भी पड़ती है.
सांगला से चितकुल के लिए हर रोज प्राइवेट और एचआरटीसी की बसें चलती हैं. चितकुल समुद्र तल से 3450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. चितकुल जैसे सुंदर नजारे शायद ही कहीं और देखने को मिलेंगे. यहां पर गर्मियों में भी स्नोफॉल हो जाती है.
क्या घूमें?
चितकुल भारत का आखिरी गांव (Chitkul Travel Places) है. यहां पर जो भी चीज होगी, वो आखिरी होगी. चितकुल में हिन्दुस्तान का आखिरी ढाबा है. इसके अलावा भारत का आखिर पोस्ट ऑफिस भी यहां पर है. इसके अलावा एक पुराना मंदिर है. इसको भी देख सकते हैं. बाकी तो इतने सुंदर नजारे कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे.
अगले दिन वापसी
चितकुल से अगले दिन रामपुर बुशहर आएं. उसके बाद वहां से शिमला और फिर दिल्ली की बस मिल जाएगी. 5 दिन में किन्नौर को अच्छे-से घूमा जा सकता है. बाकी तो किन्नौर तो ऐसी जगह है जहां जितने दिन घूमों कम ही लगेगा.