Gokarna Travel Places: बीच पर घूमने की बात आती है तो सबसे पहले गोवा (Goa Beaches) का ही नाम आता है. गोवा घूमने और पार्टी करने के लिए एक अखाड़ा बन गया है. हर कोई दिल चाहता मूवी को देखकर गोवा जाने का हसरत रखता है. कभी भी चले जाओ गोवा (Goa Travel Places) लोगों से भरा रहता है. सुकून और शांति से बीच पर समय बिताने वाले लोगों को गोवा उतना अच्छी नहीं लगेगा.
गोवा से कुछ ही घंटे दूर एक जगह है जहां कई सारे शांत और सुंदर बीच है. गोकर्ण (Gokarna) गोवा का शानदार रिप्लेसमेंट है. गोकर्ण वैसे तो कर्नाटक में आता है लेकिन गोवा-कर्नाटक बॉर्डर पर ही है. गोवा से गोकर्ण (Goa to Gokarna) लगभग 140 किमी. है. गोकर्ण में कई सुंदर और लुभावने बीच (Goa Travel Places) हैं. इसके अलावा गोकर्ण में कुछ झरने भी हैं.
आइए गोकर्ण के बारे में अच्छे-से बताते हैं. इसके बाद आपको गोवा की जगह गोकर्ण जाने का मन करेगा.
गोकर्ण नाम कैसे पड़ा?
गोकर्ण का शाब्दिक अर्थ गाय का कान होता है. सुंदर-सुंदर बीच होने साथ-साथ गोकर्ण में कई प्राचीन और एतिहासिक मंदिर है. इस जगह का दूसरा काशी भी कहा जाता है. इस जगह को भगवान शिव और विष्णु का शहर भी कहा जाता है.
गोकर्ण के नाम के पीछे भी एक कहानी है. कहा जाता है कि इसी जगह पर भगवान शिव गाय के कान से प्रकट हुए थे. इसी वजह से इस जगह का नाम गोकर्ण पड़ गया.
कैसे पहुंचें गोकर्ण:
गोकर्ण ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से (How To Reach Gokarna) कनेक्टेड है. आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी से भी गोकर्ण जा सकते हैं.
फ्लाइट से: गोकर्ण से सबसे पास में गोवा इंटरनेशल एयरपोर्ट है. गोवा से गोकर्ण 106 किमी. है. गोवा से गोकर्ण के लिए बस और टैक्सी आराम से मिल जाएगी.
ट्रेन से: दूसरे काशी के नाम से फेमस गोकर्ण में रेलवे स्टेशन भी है. गोकर्ण के लिए देश के बड़े स्टेशन से कनेक्टेड नहीं है. इसके अलावा गोकर्ण से 20 किमी. अंकोला रेलवे स्टेशन है. इस जगह के लिए ट्रेन आराम से मिल जाएगी.
वाया रोड: गोकर्ण रोड से अच्छी तरह से कनेक्टेड है. गोकर्ण के लिए गोवा से तो बस मिल ही जाएगी. इसके अलावा बेंगलुरु और मंगलौर से भी डायरेक्ट बसें मिल जाएंगी.
गोकर्ण में क्या देखें?
मंदिरों के इस शहर में घूमने के लिए काफी कुछ है. गोकर्ण में शांत और सुंदर बीच हैं. इसके अलावा कई प्राचीन मंदिर है. कुछ झरने हैं. साथ ही आसपास की कुछ जगहें हैं जिनको आप एक्सप्लोर कर सकते हैं.
समुद्री बीच
1. गोकर्ण बीच: गोकर्ण के इस बीच का सही नाम ओम बीच (Om Beach Gokarna) है. इस बीच का आकार ओम की तरह है. ये बीच वाटर स्पोर्ट्स के लिए भी काफी फेमस है. कुदरत की सुंदरता के बीत समय बिताने के लिए गोकर्ण बीच (Gokarna Beach) अच्छी जगह है.
2. हाफ मून बीच: गोकर्ण का ये बीच बहुत बड़ा नहीं है. हाफ मून बीच (Half Moon Beach Travel) के बारे में कम लोगों को पता है. यहां पर सैलानियों की ज्यादा भीड़ नहीं मिलेगी. बीच तक पहुंचने के लिए पहाड़ियों से होकर गुजरना पड़ता है.
3. कुडले बीच: कुडले बीच (Gokarna Kudle Beach) गोकर्ण की फेमस जगहों में से एक है. इस बीच सनसेट के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा गोकर्ण में पैराडाइज बीच भी है. गोकर्ण जाएं तो इसको भी अपने प्लान में जरूर रखें.
मंदिर
1. महाबलेश्वर मंदिर: गोकर्ण में कई सारी मंदिर हैं. इनमें महाबलेश्वर (Mahabaleshwar Temple Gokarna) सबसे फेमस है. इस मंदिर में 6 फीट लंबा शिवलिंग है. इसको आत्मलिंग के रूप से जाना जाता है. इसी मंदिर से रावण की कहानी जुड़ी हुई है.
2. भद्रकाली मंदिर: गोकर्ण का ये मंदिर भी बेहद पुराना है. ऐसे ही गोकर्ण को दूसरा काशी नहीं कहा जाता. कहा जाता है कि इसी जगह पर भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा ने वेत्रासुर को हराने के लिए भद्रकाली की रचना की थी.
3. श्री सोमेश्वर मंदिर: गोकर्ण के प्राचीन मंदिरों में ये श्री सोमेश्वर (Shree Someshwar Temple Gokarna) भी आता है. 14वीं शताब्दी में चोलों ने इसे बनवाया था. इस मंदिर का आर्किटेक्चर बेहद शानदार है. इसके अलावा गोकर्ण में महालासा मंदिर और महा गणपति मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं.
मिर्जन किला
गोवा की तरह गोकर्ण में भी एक किला है. मिर्जन किला (Mirjan Fort Travel) गोकर्ण से लगभग 11 किमी. दूर है. हरियाली से भरपूर ये किला देखने लायक है. मिर्जन किले को 14वीं शताब्दी में नवायथ सल्तनत ने बनवाया था. बाद में इस किले पर विजयनगर ने कब्जा कर लिया था.
गोकर्ण में ट्रेकिंग
गोकर्ण में कई ऐसी जगहें हैं जहां आप ट्रेकिंग कर सकते हैं. समुद्री नजारों के साथ एडवेंचर करने का मजा ही अलग है. गोकर्ण में आसपास भी कई जगहें हैं जिनमें लालगुली फॉल्स है. गोकर्ण से ये जगह एक घंटे दूर है.
वाटरफॉल के अलावा अंशी नेशनल पार्क (Anshi National Park) और याणा केव जा सकते हैं. याणा केव (Yana Cave Travel) गोकर्ण से 27 किमी. दूर है. जगह तक पहुंचने के लिए ट्रेक करना पड़ता है. वहीं अंशी नेशनल पार्क पक्षियों की 200 से ज्यादा प्रजातियों का घर है.
कब जाएं?
गोकर्ण जाने के लिए सर्दियों का समय सबसे अच्छा समय माना जाता है. नवंबर से मार्च के दौरान गोकर्ण जाने का प्लान बना सकते हैं. गोकर्ण में ठहरने के कई सारे विकल्प हैं. गोकर्ण में कई सारे हॉस्टल और होटल हैं. इस बार की ठंड में गोकर्ण जाने की गाड़ी पकड़ लीजिए.