तख्त श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुर साही
सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक, यह गुरुद्वारा अत्यधिक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है. तख्त श्री केसगढ़ साहिब में हजारों पर्यटक आते हैं. यह गुरुद्वारा अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है.
(Photo: Wikipedia)
गुरु बाबा अटला साहिब, अमृतसर
इस गुरुद्वारे का नाम गुरु हरगोबिंद साहिब के पुत्र बाबा अटल राय के नाम पर रखा गया है. 17वीं सदी का यह गुरुद्वारा अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है और इसे दुनिया की सबसे ऊंची गुरुद्वारा इमारतों में से एक माना जाता है.
(Photo: Wikipedia)
गुरुद्वारा श्री तरनतारन साहिब, तरनतारन
इसे पंजाब के सबसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव ने इसके जल को आशीर्वाद दिया था. इस गुरुद्वारे में हर साल हजारों पर्यटक आते हैं और यह अपनी शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है.
(Photo: Wikipedia)
गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब, पटियाला
यह अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह गुरुद्वारा अपनी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है और माना जाता है कि इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था. यहां प्रार्थना करके लोगों की मनोकामना पूरी होती है और मन को शांति मिलती है.
(Photo: Wikipedia)
गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब, फतेहगढ़ साहिब
ऐसा माना जाता है कि मुगल शासन के दौरान, गुरु गोबिंद सिंह के दो छोटे पुत्रों, साहिबजादा फतेह सिंह और साहिबजादा जोरावर सिंह को इसी स्थान पर जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया था. यह गुरुद्वारा उनके सम्मान में बनाया गया था.
(Photo: Wikipedia)