सर्दियों में पहाड़ बर्फ की चादर से ढक जाते हैं. बड़ी संख्या में सैलानी इस चादर में लिपटने के लिए निकल पड़ते हैं. हिमाचल प्रदेश ऐसी ही शानदार जगहों का घर माना जाता है. सर्दियों में ये जगह जन्नत की तरह लगती हैं.
हिमाचल में कई शानदार घाटियां हैं. स्पीति वैली (Spiti Valley Travel) हिमाचल प्रदेश की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है. इस जगह पर जाकर लोग शहरों की चकाचौंध को भूल जाते हैं. सर्दियों में ये जगह जन्नत की तरह लगती है. स्पीति घाटी (Spiti Valley Winter) पहुंचना कठिन है लेकिन यहां से लौटना भी आसान नहीं है.
सर्दियों में स्पीति की किन जगहों पर जाना चाहिए? इस घाटी को कैसे घूमें और कितना खर्च आएगा? आइए स्पीति घूमने का पूरा प्लान जान लीजिए.
कैसे घूमें?
स्पीति घाटी हिमाचल प्रदेश के रिमोट इलाकों में माना जाता है. गर्मियों में स्पीति की लगभग सभी जगहों तर HRTC की बसें जाती हैं लेकिन सर्दियों में ऐसा नहीं है. सर्दियों में मौसम के हिसाब (How To Reach Spiti Valley) से बसें चलती हैं. हालांकि, बसें पूरी तरह से बंद नहीं होती हैं. सामान्य बर्फबारी में ताबो और काजा तक तो बस चलती रहती हैं.
अगर ज्यादा बर्फ की वजह से बस न मिले तो स्पीति घूमने का ग्रुप पैकेज ले सकते हैं. इसके अलावा कैब से बुकिंग करके भी स्पीति जा सकते हैं. सर्दियों में स्पीति सबसे खूबसूरत माना जाता है. यही वजह है कि विंटर में स्पीति घूमना थोड़ा महंगा होता है.
दिल्ली से कल्पा
स्पीति जाने के लिए साधन मिल जाए तो फिर घूमना आसान है. सबसे पहले शाम के समय दिल्ली से शिमला होते हुए रामपुर बुशहर पहुंचें. दिल्ली से रामपुर पहुंचने में 9-10 घंटे का समय लगेगा. रामपुर से रिकॉन्गपिओ लगभग 100 किमी. है. अगले कुछ घंटे में आप पिओ पहुंच जाएंगे.
पिओ से 10 किमी. ऊपर कल्पा है. कल्पा (Delhi To Kalpa) किन्नौर वैली का एक छोटा-सा गांव है. कल्पा से किन्नर कैलाश पर्वत का बेहद सुंदर नजारा दिखाई देता है. बर्फ से ढंके पहाड़ों (Kalpa Travel) का ऐसा नजारा कम ही जगहों पर देखने को मिलता है. कल्पा में रोघी सुसाइड प्वाइंट भी देख सकते हैं. इसके अलावा एक छोटी-सी मोनेस्ट्री भी है.
कल्पा से ताबो
अगले दिन सुबह-सुबह किन्नर कैलाश का सुंदर नजारा देखिए. नाश्ता करने के बाद आगे की यात्रा के लिए निकल पड़िए. कल्पा से नाको (Kalpa Nako) लगभग 100 किमी. दूर है. इस यात्रा में भी 3-4 घंटे लगेंगे. नाको (Nako Lake) में बेहद सुंदर लेक है लेकिन इस जगह को लौटते समय देखें. नाको से ताबो (Nako To Tabo) 60 किमी. दूर है.
ताबो स्पीति वैली (Tabo Travel) में आता है. ताबो में हजारों साल पुरानी ताबो मोनेस्ट्री है. इस पुरानी मोनोस्ट्री को देखकर आप दंग रह जाएंगे. शाम के समय ताबो में टहलिए. साथ ही रात में किसी मड हाउस में ठहरिए.
ताबो से काजा
ताबो (Tabo To Kaza) के आसपास कई सारी जगहें हैं. अगले दिन पिन विलेज (Pin Valley) की तरफ निकल पड़िए. रास्ते में सबसे कुंगरी मोनेस्ट्री मिलेगी. इसे देखने के बाद मढ गांव मिलेगा और आखिर में पिन विलेज आएगा. ये सारी जगह स्पीति में आती हैं.
इसके बाद ढनकर मोनेस्ट्री (Dhankar Monastery) जाइए. ढनकर मोनेस्ट्री स्पीति की सबसे पुरानी मोनेस्ट्री में से एक है. मोनेस्ट्री से ही कुछ दूर एक खूबसूरत लेक है. इस झील को देखने के बाद शाम तक काजा (Kaza Travel) पहुंच जाइए. काजा स्पीति वैली का हेडक्वार्टर और सबसे बड़ी जगह है. काजा में ही रात में ठहरिए.
सबसे ऊंचा गांव
काजा में रात गुजारने के बाद अगले दिन काजा से सबसे पहले लांगजा (Langza Spiti) पहुंचिए. काजा से लांगजा लगभग 15 किमी. दूर है. हालांकि, यहां तक का रास्ता बहुत अच्छा नहीं है. लांगजा भगवान बुद्ध की ऊंची मूर्ति है.
लांगजा से कुछ किमी. दूर हिक्किम (Hikkim Travel) है. हिक्किम दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित पोस्ट ऑफिस है. यहां से आप किसी भी जगह पर चिट्ठी भेज सकते हैं. इस जगह से कुछ किमी. आगे जाने पर कोमिक आएगा. कोमिक (Komic Travel) एशिया का सबसे ऊंचा गांव है. यहां तक आप गाड़ी से आ सकते हैं. इन जगहों को देखने के बाद वापस काजा लौट आइए.
सबसे ऊंचा ब्रिज
स्पीति ट्रिप का ये सबसे जरूरी दिन माना जाता है. काजा से अगले दिन स्पीति की कुछ और जगहों को देखने के लिए निकल पड़िए. सबसे पहले की मोनेस्ट्री (Key Monastery) पहुंचें. बर्फ से ढंकी की मोनेस्ट्री का नजारा आपको पागल कर देगा. इसके बाद किब्बर गांव जाइए.
किब्बर काजा से 18 किमी. दूर है. ये खूबसूरत गांव कई पर्वतों का बेस कैंप है. किब्बर समुद्र तल से 4,205 मीटर की ऊंचाई पर है. यहां कुछ देर ठहरने के बाद चिचम ब्रिज जाइए. चिचम ब्रिज (Chicham Bridge) एशिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है. इस जगह को देखने के वापस काजा लौट आइए.
काजा से नाको
इस यात्रा में ज्यादातर जगह पूरी हो जाएंगी लेकिन चन्द्रताल लेक (Chandratal Lake) छूट जाएगी. चन्द्रताल लेक को गर्मियों में देख सकते हैं. सर्दियों में चन्द्रताल लेक का रास्ता बंद रहता है. अगले दिन काजा से वापस नाको आइए.
काजा से नाको (Kaza To Nako) लगभग 100 किमी. है. नाको में जमी हुई लेक और मोनेस्ट्री को देखिए. इसके बाद शिमला आ जाए. शाम तक शिमला पहुंच जाएंगे. रात शिमला में गुजार सकते हैं या फिर रात को शिमला से दिल्ली की बस पकड़ सकते हैं. इस तरह आपकी बेहद सुंदर स्पीति ट्रिप पूरी हो जाएगी.