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ट्रैवल

Travel Destinations: उत्तराखंड की खूबसूरत फूलों की घाटी, खुलती है सिर्फ तीन महीने

Valley Of Flowers
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Travel Destination India: उत्तराखंड में एक ऐसी जगह है जहां आपको पहाड़ की हरियाली के साथ-साथ चारों तरफ हजारों रंग-बिरंगे फूल देखने को मिलेंगे. उत्तराखंड की ये सुंदर और मनमोहक जगह है, फूलों की घाटी. वैली ऑफ फ्लॉवर में 500 से ज्यादा प्रजाति के फूल देखने को मिलते हैं. ये जगह साल में कुछ महीनों के लिए ही खुलती है. फूलों की घाटी विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है. फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए एक लंबा ट्रेक करना पड़ता है. वैली ऑफ फ्लॉवर कब जाएं, कैसे पहुंचे और कहां ठहरें? आज हम आपको फूलों की घाटी के बारे में पूरी जानकारी देंगे.

Valley Of Flowers National Park
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फूलों की घाटी
वैली ऑफ फ्लॉवर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. फूलों की घाटी साल में जून से अक्तूबर के बीच खुली रहती है. समुद्र तल से फूलों की घाटी की ऊंचाई लगभग 3,658 मीटर है. 87.5 वर्ग किमी. में फैली फूलों की घाटी में फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं. अपनी खूबसूरती और जैव विविधता के कारण 2005 में वैली ऑफ फ्लॉवर को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था. इस जगह की खोज फ्रेक सिडनी स्माइथ ने की थी, भटकते हुए वे इस जगह पर पहुंचे थे. उन्होंने इस जगह के बारे में वैली ऑफ फ्लॉवर्स के नाम से एक किताब भी लिखी. इस जगह के बारे में कहा जाता है कि फूलों की घाटी हर 15 दिन में अपना रंग बदलती है. फूलों की घाटी खुलने के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक इस जगह पर पहुंचते हैं. यदि आप भीड़ से बचकर इस जगह को देखना चाहते हैं तो आपको सितंबर और अक्तूबर में इस जगह पर आने का प्लान बनाना चाहिए.

Joshimath Uttarakhand
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ट्रेकिंग
फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए एक लंबा ट्रेक करना पड़ता है. वैली ऑफ फ्लॉवर का ट्रेक बहुत कठिन नहीं है. बिना ट्रेकिंग के अनुभव के भी आप इस ट्रेक को आराम से कर सकते हैं. आइए आपको फूलों की घाटी तक पहुंचने के बारे में विस्तार से बताते हैं.

Bhyunder Valley Uttarakhand
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जोशीमठ 
फूलों की घाटी जाने के लिए सबसे पहले जोशीमठ पहुंचना होगा. जोशीमठ बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित एक छोटा-सा शहर है. दिल्ली से जोशीमठ लगभग 500 किमी., हरिद्वार से लगभग 275 किमी. और बद्रीनाथ से सिर्फ 40 किमी. की दूरी पर है. जोशीमठ में ठहरने की अच्छी व्यवस्था है. जोशीमठ में रात गुजारकर अगले दिन तरोताजा होकर आगे की यात्रा कर सकते हैं. जोशीमठ से पुलना गांव लगभग 22 किमी. की दूरी पर है. पुलना जाने के लिए जोशीमठ से शेयरिंग जीप चलती हैं. 

ghangaria Valley Of Flowers
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घांघरिया
पुलना वो जगह है, जहां से ट्रेकिंग शुरू होती है. पुलना से घांघरिया की दूरी लगभग 14 किमी. है. पुलना से घांघरिया तक की ट्रेकिंग बेहद आसान है, कुछ दूरी के लिए खड़ी चढ़ाई करनी पड़ेगी. रास्ते में घने जंगल और नदी से होकर आपको गुजरना होता है. रास्ते में आपको कई छोटे-छोटे गांव भी मिलेंगे. घांघरिया में आप कैंपिंग भी कर सकते हैं और होटल में भी ठहर सकते हैं. घांघरिया वैली ऑफ फ्लॉवर के साथ-साथ हेमकुंड साहिब का भी बेस कैंप है.यदि आप फूलों की घाटी पैदल नहीं जाना चाहते तो घांघरिया से खच्चर पर भी जा सकते हैं.

Unesco Heritage Site
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रंग-बिरंगी दुनिया
घांघरिया से फूलों की घाटी के ट्रेक की दूरी लगभग 4-5 किमी. है. इस ट्रेक को करने के लिए भारतीयों को 150 रुपए और विदेशियों को 600 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है. फूलों की घाटी का ट्रेक आसान नहीं है. मानसून में ट्रेक के दौरान फिसलने का भी डर बना रहता है. काफी ऊंचाई होने की वजह से फूलों की घाटी का मौसम बेहद सुहावना और ठंडा रहता है. फूलों की घाटी में ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है और यहां कैपिंग करना भी मना है. ये जगह फूलों का खजाना है. 2 किमी. चौड़ी और 8 किमी. लंबी इस घाटी में  फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं। फूलों की इन प्रजातियों में पोटोटिला, ब्लू पापी, फैन कमल और ब्रह्मकमल जैसे फूल शामिल हैं. इस घाटी में फूलों के अलावा कई दुर्लभ जड़ी बूटियां भी पाईं जाती हैं. शाम 5 बजे तक सभी पर्यटकों को हर हाल वापस घांघरिया पहुंचना होता है. यदि आपको प्रकृति से प्यार और घूमना पसंद है तो फूलों की घाटी जाने की योजना बना सकते हैं.

India's Beautiful Trek
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टिप्स
- फूलों की घाटी जाने के लिए अपने साथ पहचान पत्र समेत कुछ जरूरी दस्तावेज जरूर रखें.
- वैली ऑफ फ्लॉवर का मौसम ठंडा होता है इसलिए अपने साथ गर्म कपड़े भी साथ में रखें.
- यदि आप मानसून में जा रहे हैं तो अपने साथ अतिरिक्त कपड़े और रेन कोट साथ में रखें.
- ट्रेक को करते समय आप बीमार भी पड़ सकते हैं या चोट लग सकती है इसलिए अपने साथ फर्स्ट ऐड किट भी रखें.
- अपने घूमने के समय में एक दिन अतिरिक्त लेकर चलें जिससे आपको कहीं जाने की जल्दबाजी ना हो.