

क्या आप भी फ्लाइट में पावर बैंक लेकर जाते हैं? एशिया की कई एयरलाइन्स अब फ्लाइट के दौरान पावर बैंक ले जाने के नियमों को सख्त बना रही हैं. इस पोर्टेबल डिवाइस का इस्तेमाल आमतौर पर लंबी यात्रा के दौरान फोन, टैबलेट, लैपटॉप और कैमरे को चार्ज करने के लिए किया जाता है. लेकिन एशिया भर की एयरलाइंस कंपनियां पावर बैंक पर बैन लगाने की तैयारी में हैं. कौन सी एयरलाइन्स हैं जिन्होंने अपने नियमों में बदलाव किया है और इंडियन फ्लाइट में पावर बैंक ले जाने के क्या नियम हैं चलिए विस्तार से जानते हैं?
एशियाई एयरलाइंस फ्लाइट में पावर बैंक क्यों बैन कर रही हैं?
पोर्टेबल पावर बैंक में आम तौर पर लिथियम बैटरी होती है, जिसकी वजह से जनवरी में एयर बुसान विमान में आग लग गई थी. एयरलाइनों ने उड़ानों में लिथियम बैटरी ले जाने पर कड़े नियम लागू करने शुरू कर दिए हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट, गलत तरीके से इस्तेमाल और बैटरी काफी पुरानी होने की वजह से जोखिम बढ़ सकता है. चूंकि लिथियम बैटरी में ज्वलनशील पदार्थ होते हैं, इसलिए वे उड़ान के दौरान आग का खतरा पैदा कर सकते हैं. किसी भी खराबी के कारण शॉर्ट सर्किट होने की आशंका रहती है.
सभी एयरलाइंस के नियम अलग-अलग
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन ने 2016 में पैसेंजर प्लेन के कार्गो होल्ड में लिथियम-आयन बैटरियों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, विभिन्न एयरलाइनों के लिए विशिष्ट नियम अलग-अलग हैं. लिथियम-आयन बैटरियों का इस्तेमाल पावर बैंकों में उनकी उच्च ऊर्जा भंडारण क्षमता और किफ़ायती होने के कारण बड़े पैमाने पर किया जाता है. अत्यधिक वजन बढ़ाए बिना महत्वपूर्ण ऊर्जा संग्रहीत करने की क्षमता उन्हें पावर बैंकों के लिए पसंदीदा विकल्प बनाती है.
लिथियम-आयन बैटरी के साथ क्या दिक्कतें हैं?
लिथियम-आयन बैटरी आमतौर पर मोबाइल फोन, लैपटॉप, ड्रोन, स्मार्ट वियरेबल्स, साथ ही इलेक्ट्रिक बाइक, स्कूटर और इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल की जाती है. "थर्मल रनअवे" प्रक्रिया के कारण ये बैटरी ओवरहीट हो सकती है जिसके परिणामस्वरूप आग लग सकती है या खतरनाक विस्फोट भी हो सकता है. लिथियम-आयन बैटरी से बनने वाले पावर बैंकों में अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील पदार्थ होते हैं. लिथियम बैटर खुद भी आग लगने के स्रोत के रूप में काम कर सकती हैं, या कहीं और आग लगने पर ईंधन के स्रोत के रूप में काम कर सकती हैं. यदि बैटरी टूटी फूटी नहीं है, तो इसका इस्तेमाल सुरक्षित है लेकिन यदि बैटरी के दो इलेक्ट्रोड संपर्क में आ जाएं तो विस्फोट हो सकता है और आग लग सकती है.
इन एयरलाइंस ने लगाया प्रतिबंध
लिथियम-आयन बैटरी से जुड़ी आग लगने की घटनाओं के कारण तमाम एयरलाइंस ने पावर बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) 1 अप्रैल से सख्त नियम लागू करेगी, जिसके तहत यात्रियों को ऑनबोर्ड पावर बैंक के जरिए पर्सनल डिवाइस को चार्ज करने पर मनाही होगी. दक्षिण कोरिया में के सभी घरेलू एयरलाइनों में यात्रियों को ओवरहेड केबिन में पावर बैंक और ई-सिगरेट रखने पर प्रतिबंध है. थाई एयरवेज में पहले से ही उड़ान के दौरान पावर बैंक का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. एयरएशिया ने भी उड़ान के दौरान पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ताइवान की एयरलाइन्स कंपनियों ईवा एयर, चाइना एयरलाइंस और यूनी एयर ने भी उड़ानों के दौरान पोर्टेबल चार्जर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.
भारत में क्या है नियम?
भारतीय एयरलाइन्स में यात्रियों को चेक-इन लगेज में पावर बैंक ले जाने पर रोक है. पावर बैंक को केवल हैंड बैगेज या कैरी-ऑन लगेज में ही ले जाने की अनुमति है. एयरलाइन्स यात्रियों को हैंड बैगेज में 100Wh तक की क्षमता वाले दो पावर बैंक ले जाने की अनुमति देती हैं. 100Wh से 160Wh के बीच के पावर बैंक ले जाने के लिए पहले से परमिशन लेनी पड़ती है. जबकि 160Wh से ज्यादा क्षमता वाले पावर बैंक को आम तौर पर विमान में ले जाने की अनुमति नहीं है.