
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में योगी कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगी. इसमें गंगा एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन को मंजूरी दी गई. कैबिनेट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके के कई जिलों के लोगों को फायदा होगा. इसमें मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर शामिल हैं. पूर्वांचल में गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिला दिया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे 2 एक्सप्रेसवे-
योगी कैबिनेट में गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार पर मुहर लगाई गई. गंगा एक्सप्रेसवे को सूबे के 2 दूसरे एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इसको पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इससे सूबे के सभी जिलों को हाईस्पीड नेटवर्क मिलेगा. चित्रकूट से प्रयागराज को कनेक्ट किया जाएगा. जबकि गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
8 लेन तक हो सकता है एक्सप्रेसवे-
गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर तक जाएगा. इस जिले में इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट किया जाएगा. इसके विस्तार से पूर्वांचल के कई जिलों को फायदा होगा. शुरुआत में यह 6 लेन में तैयार होगा. लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे 8 लेन का भी किया जा सकता है.
पहले चरण में 594 किमी सड़क का निर्माण-
पहले चरण में गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा है. यह दूरी 594 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक जाएगा. यह एक्सप्रेसवे 518 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके बनने से मेरठ से प्रयागराज तक का सफर 6 घंटे में पूरा होगा.
दूसरे चरण में एक्सप्रेसवे का एक्सटेंशन-
दूसरे चरण में गंगा एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन पर काम किया जाएगा. इसमें 5 और जिलों को जोड़ा जाएगा. दूसरे चरण में 350 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. दूसरे चरण के निर्माण का काम पूरा होने के बाद यह सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा. अभी पहले चरण का काम चल रहा है. इस रूट पर कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का काम चल रहा है.
दूसरा चरण पूरा होने के बाद यह एक्सप्रेसवे 900 किलोमीटर से ज्यादा का हो जाएगा. इसके बनने के बाद एनसीआर के इलाके सीधे बिहार से जुड़ जाएंगे.
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