गोरखपुर उत्तर प्रदेश का एक छोटा शहर है. यह एक धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल है. इस जिले में घूमने की कई बेहतरीन जगहें हैं. देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं. इस टूरिस्ट प्लेस पर जाना काफी आसान है. यहां रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जा सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि इस मशहूर शहर में घूमने में कितना खर्च होगा.
दिल्ली से कैसे पहुंचे गोरखपुर-
दिल्ली से गोरखपुर जाने के लिए फ्लाइट्, ट्रेन और सड़क मार्ग का इस्तेमाल किया जा सकता है. दिल्ली से गोरखपुर के लिए सीधी फ्लाइट है. इसमें करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगता है.
दिल्ली से गोरखपुर ट्रेन से भी जा सकते हैं. दोनों शहरों के बीच रोजाना कई ट्रेनें चलती हैं. दोनों शहरों के बीच सफर पूरा करने में करीब 13 घंटे का वक्त लगता है. अवध असम एक्सप्रेस, सहरसा गरीब रथ, बिहार संपर्क क्रांति, सप्त क्रांति सुपरफास्ट, सत्याग्रह, गोरखपुर हमसफर, गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनें चलती है.
गोरखपुर और दिल्ली के बीच की दूरी करीब 850 किलोमीटर है. सड़क मार्ग से ये दूरी तय करने में करीब साढे 12 घंटे लगते हैं. दोनों शहरों के बीच कई बसें चलती हैं. मुसाफिरों के लिए एसी स्लीपर बस भी उपलब्ध है.
कितना लगेगा किराया-
अगर दिल्ली से सीधे गोरखपुर की फ्लाइट पकड़ते हैं तो कम से कम 4300 रुपए खर्च करने होंगे. अगर आप ट्रेन से सफर करना पसंद करते हैं तो इस दूरी को तय करने के लिए आपको जनरल टिकट 295 रुपए का मिलेगा. अगर स्लीपर में सफर करना चाहते हैं तो 400 रुपए खर्च करने होंगे. थर्ड एसी के लिए करीब 1000 रुपए खर्च होंगे. फर्स्ट क्लास में सफर करने के लिए मुसाफिरों को करीब 2600 रुपए खर्च करने होंगे.
दिल्ली और गोरखपुर के बीच कई प्राइवेट बसें चलती हैं. अगर मुसाफिर इन बसों में सफर करना चाहते हैं तो कम से कम एक हजार रुपए खर्च होंगे.
रहने और खाने का खर्च-
गोरखपुर में रहने के लिए सस्ते और महंगे दोनों तरह के होटल उपलब्ध हैं. इस शहर में आपको 500 रुपए में भी कमरा मिल सकता है और होटल पर 5000 रुपए भी खर्च कर सकते हैं. इस शहर में खाना-पीना काफी सस्ता है. यहां 100 रुपए में अच्छा खाना खा सकते हैं. कई जगहों पर शहर में फ्री में भी भोजन मिलता है.
गोरखपुर में घूमने की जगहें-
गोरखपुर धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है. यहां घूमने की कई बेहतरीन जगहें हैं. यहां का प्रमुख आकर्षण महान योगी गुरु गोरखनाथ को समर्पित गोरखनाथ मंदिर है. मंदिर की वास्तुकला जटिल नक्काशी और अलंकरण के साथ नागर शैली का एक बेहतरीन नमूना है. जिले के बाहरी इलाके में कुश्मी वन है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. गीता वाटिका में भगवान कृष्ण की भव्य संगमरमर की मूर्ति है, इसके चारों तरफ सुंदर बगीचा है. रामगढ़ ताल एक सुरम्य जल निकाय है. इसका निर्माण 19वीं शताब्दी की शुरुआत में नेपाल के राजा ने करवाया था. यह पिकनिक और नौकायन के लिए फेमस है. मियां बाजार का इमामबाड़ा भी काफी फेमस जगह है. गोरखपुर का विजय स्मारक भी देख सकते हैं. राम-जानकी विवाह पंडाल, वीर बहादुर सिंह तारामंडल, विष्णु मंदिर भी देख सकते हैं.
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