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कई अनोखी प्रजातियों के पशु-पक्षियों का घर है Gupteshwar Forest, अब बना Biodiversity Heritage Site

ओडिशा में गुप्तेशवर वन को राज्य की 4th Biodiversity Heritage Site घोषित किया गया है. इस वन में पशु-पक्षियों की कई अनोखी प्रजातियां हैं जिनके संरक्षण पर प्रशासन जोर दे रहा है.

Gupteshwar Forest Gupteshwar Forest

ओडिशा के कोरापुट जिले में गुप्तेश्वर शिव मंदिर के पास प्राचीन गुप्तेश्वर वन है, जिसे आधिकारिक तौर पर राज्य में चौथी बायोडाइवर्सिटी हेरिटेज साइट (BHS) के रूप में नामित किया गया है. 350 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैली इस जगह में पवित्र उपवन हैं जहां लोकल समुदाय के लोग पूजा करते हैं और यह विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों से संपन्न है. 

अलग-अलग प्रजातियों के जीव-जंतू
ओडिशा बायोडाइवर्सिटी बोर्ड द्वारा आयोजित जैव विविधता सूची और सर्वेक्षण के अनुसार, यह साइट पशु प्रजातियों का घर है, जिसमें स्तनधारियों (Mammals) की 28 प्रजातियां, उभयचरों (Amphibians) की 18 प्रजातियां, पक्षियों की 188 प्रजातियां, सरीसृपों (Raptiles) की 48 प्रजातियां, तितलियों की 141 प्रजातियां, मछलियों की 45 प्रजातियां, पतंगों की 43 प्रजातियां, ओडोनेट्स की 41 प्रजातियां, मकड़ियों की 30 प्रजातियां, और बिच्छुओं की छह प्रजातियां शामिल हैं. 

इन जीव-जन्तुओं की प्रजातियों में मगर मगरमच्छ, कांगेर घाटी रॉक गेको, सेक्रेड ग्रोव बुश फ्रॉग और विभिन्न पक्षी प्रजातियां शामिल हैं, जैसे जेर्डन बाजा, काला बाजा, मालाबार ट्रोगोन, सफेद पेट वाला कठफोड़वा, आम पहाड़ी मैना और बैंडेड बे कोयल आदि.

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गुफाएं भी हैं अनोखी  
गुप्तेश्वर की चूना पत्थर की गुफाएं बहुत खूबसूरत हैं, जिनमें दक्षिणी ओडिशा में पाई जाने वाली कुल 16 में से आठ चमगादड़ों की प्रजातियां हैं. इसके अलावा, साइट में फूलों की भी बहुत सी प्रजातियां  हैं, जिसमें पेड़ों की 182 प्रजातियां, जड़ी-बूटियों की 177 प्रजातियां, झाड़ियों की 76 प्रजातियां, ऑर्किड की 14 प्रजातियां, पर्वतारोहियों की 69 प्रजातियां और लुप्तप्राय औषधीय पौधे शामिल हैं.

गुप्तेश्वर को BHS घोषित करने से न केवल जंगल का सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि इसकी बहुमूल्य जैव विविधता का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा. इस घोषणा के साथ, राज्य में अब चार बीएचएस हैं, जिनमें कंधमाल जिले में मंदसरू बीएचएस, गजपति जिले में महेंद्रगिरि बीएचएस और बारगढ़ और बलांगीर जिलों में गंधमर्दन बीएचएस शामिल हैं.

राज्य सरकार ने ओडिशा जैव विविधता बोर्ड को स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी को शामिल करते हुए इन स्थलों के गहन संरक्षण और विकास के लिए एक लॉन्ग-टर्म प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है. प्रकृति प्रेमियों, विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है और संतोष व्यक्त किया है कि जंगल पर्यावरण-पर्यटन और लघु वन उपज की स्थायी कटाई के माध्यम से लोगों की आजीविका में योगदान देंगे.