दुनिया का सबसे बड़ा क्रूज जहाज तैयार है और अपनी यात्रा पर निकल चुका है. शनिवार को क्रूज ने मियामी से अपनी पहली व्यावसायिक यात्रा शुरू की है. एफिल टॉवर से लंबा, आइकॉन ऑफ द सीज लहरों से 20 डेक ऊपर है. इसमें 7,000 से अधिक यात्रियों और चालक दल को बैठाया जा सकता है. इसकी विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये पांच टाइटैनिक को निगल सकता है.
एक तैरता हुआ वंडरलैंड
जहाज पर, यात्रियों का स्वागत आकर्षण के शानदार दृश्य के साथ किया जाता है. यात्रियों को एंट्री करते ही इसमें विशाल "थ्रिल आइलैंड" वॉटरपार्क और राजसी 55 फुट का इनडोर झरना मिलता है. रॉयल कैरेबियन के अध्यक्ष, जेसन लिबर्टी ने गर्व से इसे "ग्रह पर सबसे बड़ा और सबसे खराब जहाज" करार दिया है. हालांकि सोशल मीडिया पर इसे "ह्यूमन लजान्या" नाम दिया जा रहा है.
दिन और रात दोनों समय शानदार दृश्य
क्रूज जहाज में आठ अलग-अलग नेबरहुड हैं. इसमें दिन और रात दोनों समय माहौल बेहद शानदार रहता है. यात्री कैटेगरी 6 में छह वॉटरस्लाइड और समुद्र से 47 मीटर ऊपर क्राउन एज अनुभव का मजा ले सकते हैं. इतना ही नहीं आइकॉन ऑफ द सीज में सात पूल हैं. इसके अलावा, क्रूज जहाज में 40 से ज्यादा रेस्टोरेंट, बार और लाउंज हैं.
पर्यावरण संबंधी चिंताएं
हालांकि, इसके लॉन्च होने के बाद से ही कई जगह पर क्रूज पर्यटन के पर्यावरणीय प्रभाव पर चर्चा शुरू हो गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके समुद्र में घूमने से कार्बन फुटप्रिंट बढ़ सकता है. लेकिन रॉयल कैरेबियन ने स्वच्छ जल वाले समुद्री ईंधन के रूप में लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) के उपयोग पर प्रकाश डाला है. साथ ही इसे स्टेबिलिटी की दिशा में एक बेहतरीन कदम भी बताया है. फिर भी, एक्सपर्ट्स का तर्क है कि एलएनजी अभी भी कम है, मीथेन रिसाव की वजह से ज्यादा ग्रीनहाउस गैसों का एमिशन होता है.