दिवाली और छठ पर घर जाने के लिए देश के बड़े रेलवे स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. रेलवे ने त्योहारों के मद्देनजर कई स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी शुरू किया है लेकिन भीड़ है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. त्योहारों के मौसम में कन्फर्म टिकट हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है.
दूर होगी यात्रियों की परेशानी
यात्रियों की इसी परेशानी दूर करने के लिए इस दिवाली भारतीय रेलवे (आईआरसीटीसी) ने विकल्प योजना शुरू की है, जो उन यात्रियों को कंफर्म टिकट दिलाने में मदद करेगी जो वेटिंग लिस्ट में फंसे हुए हैं. यह योजना यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेनों में कन्फर्म सीटें सुरक्षित करने की संभावना बढ़ाकर मदद करेगी. आइए रेलवे की इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कैसे काम करता है 'विकल्प'
अगर आप टिकट बुकिंग के समय विकल्प ऑप्शन चुनते हैं तो वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को उसी रूट पर चलने वाली किसी अन्य ट्रेन में कन्फर्म टिकट उपलब्ध करा दिया जाता है. ऑप्शनल ट्रेन का किराया ज्यादा होने पर भी यात्री से कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाता.
कैसे विकल्प चुन सकते हैं?
जिन लोगों का टिकट वेटिंग में है वो लोग भारतीय रेलवे के विकल्प ऑप्शन का फायदा उठा सकते हैं. इस विकल्प को चुनने के लिए आपको IRCTC की ऑफिशियल वेवसाइट पर लॉगइन करना होगा.इसके बाद माय बुकिंग में जाकर वेटिंग टिकट का चुनाव करें. दाहिनी तरफ दिए गए तीन डॉट पर क्लिक करने के बाद 5 ऑप्शन दिखाई देंगे, इनमें से एक है Opt Vikalp. इसे चुन लें. टर्म और कंडीशन एक्सेप्ट करने के बाद आपको वेटिंग टिकट की ट्रेन के डिपार्चर टाइम के 30 मिनट बाद से 72 घंटे बाद की ट्रेनों की लिस्ट डेट के हिसाब से मिल जाएगी. यहां आप ज्यादा से ज्यादा 7 ट्रेनों को सेलेक्ट कर सकते हैं. इसके बाद जिस भी ट्रेन में टिकट खाली रहेगी आपको उस ट्रेन का कंफर्म टिकट दे दिया जाएगा.
विकल्प की खासियत
यह केवल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए उपलब्ध है,
ये ऑप्शन सिर्फ वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के लिए ही है.
विकल्प के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है.
जो यात्री विकल्प चुनते हैं, उनके लिए वैकल्पिक ट्रेनों के लिए पहले विचार किया जाता है.
एक बार वैकल्पिक ट्रेन में शिफ्ट होने के बाद यात्री बुकिंग वाली ट्रेन में नहीं चढ़ सकते.
आईआरसीटीसी की विकल्प योजना कन्फर्म टिकट हासिल करने की संभावना को बढ़ाने में मदद कर सकती है, लेकिन यात्रियों को मौजूद विकल्पों के आधार पर अपने बोर्डिंग या गंतव्य स्टेशनों को पास के विकल्पों में शिफ्ट किया जा सकता है. आसान भाषा में कहें तो बोडिंग या डेस्टिनेशन बदले जा सकते हैं. मान लाजिए आपका बोर्डिंग स्टेश नई दिल्ली है तो मौजूद विकल्प के हिसाब से आपको गाजियाबाद से भी ट्रेन बोर्ड करनी पड़ सकती है.