
भारत और चीन ने 2020 से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया. यह निर्णय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक में किया गया. दोनों पक्ष सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए. भारत और चीन लोगों के बीच विशेषकर मीडिया और थिंक टैंक के बीच संपर्क को बढ़ावा देने और सुविधा उपलब्ध कराने पर भी सहमत हुए.
हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का विशेष महत्व है. यह भोलेनाथ का निवास स्थान माना जाता है और हिंदू श्रद्धालुओं के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा विशेष मानी जाती है. ऐसे में, आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप कैलाश मानसरोवर जाना चाहते हैं तो कैसे जा सकते हैं. सबसे पहले तो कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपकी फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ मानसिक सेहत भी एकदम ठीक होनी चाहिए. बिना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाए आप इस यात्रा पर नहीं जा सकते हैं.
जून से सितंबर के बीच कर सकेंगे ट्रिप
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए फाइनल तारीखें अभी घोषित नहीं हुई हैं लेकिन जून से सितंबर के बीच आप यहां की ट्रिप कर सकेंगे. लेकिन इससे पहले आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. सबसे पहले तो आपके पास पासपोर्ट होना चाहए और वीजा भी. कैलाश मानसरोवर का इलाका चीन के कब्जे वाले तिब्बत में आता है तो आप यहां चीनी सरकार की मंजूरी के बिना नहीं जा सकते हैं. इसके अलावा, एड्रेस प्रूफ, मेडिकल सर्टिफिकेट और फोटो होना भी जरूरी है.
तीन रूट्स से जा सकते हैं कैलाश मानसरोवर
भारत के लोग अगर कैलाश मानसरोवर जाना चाहते हैं तो आप तीन रूट्स से यात्रा कर सकते हैं:
1. उत्तराखंड के लिपुलेख से: यहां से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में आपको 24 दिन का समय लगेगा. यात्रियों को यात्रा से पहले दिल्ली में तीन दिन की ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि उन्हें ऊंचाई पर परेशानी न हो. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस यात्रा में दो लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है.
2. सिक्किम के नाथुला से होकर: दूसरा रास्ता सिक्किम के नाथूला होकर जाता है. इस यात्रा में 21 दिन लगते हैं. इसके लिए भी पहले ट्रेनिंग होती है. बात ट्रिप की कॉस्ट की करें तो यह ढाई लाख रुपये तक जा सकती है.
3. काठमांडू, नेपाल से होकर: तीसरा रास्ता नेपाल की राजधानी काठमांडू से होकर जाता है. पूरी यात्रा में 14 दिन का समय लग सकता है. बात ट्रिप के खर्च की करें तो यह दो लाख रुपये से शुरू होता है.