नवाब, नजाकत, कबाब या चिकनकारी का जिक्र हो तो जनाब समझ जाइए कि महफिल लखनऊ की ही है.'नवाबों का शहर' लखनऊ अपने आप में सम्पूर्ण है और यहां आपको नवाबी , नजाकत और खाने के अलावा साहित्य, संस्कृति और वास्तुकला भी देखने को मिलती है. यह शहर पर्यटकों को इस तरह रंग देता है कि वहां से जाने वाले हर पर्यटक लखनवी लहजा साथ लेकर ही जाता है. कई दिनों तक लखनऊ का बुखार सिर से नहीं उतरता. लखनऊ जाने का मन है तो सोचिए मत और अपना बैग पैक कर लें क्योंकि लखनऊ आपको निराश नहीं करेगा. यह यात्रा आपके लिए यादगार होगी. घूमने का मन तो बना लिया लेकिन वहां कैसे पहुंचे, वहां की घूमने और खाने-पीने की जगह, रुकने का स्थान, कुल खर्च और लखनऊ से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है.
लखनऊ और उसकी नवाबी
नवाब सआदत अली खान की कब्र और भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का जिक्र उत्तर प्रदेश के 5 सबसे बड़े शहरों में किया जाता है. नजाकत से भरा यह शहर गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है. उत्तर प्रदेश से पहले यह शहर इतिहास में अवध की राजधानी हुआ करता था और इसी कारण यहां घूमने के लिए जगह है जो आपको इतिहास से जोड़ती है. इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यहां की हिंदी हिंदुस्तानी भाषा की सबसे मधुर शैली है जिसे लखनवी तहजीब के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा अवध के समय की खास संस्कृति का विकास भी यहीं हुआ जिसके चलते संगीत के क्षेत्र यहां का कथक, नृत्य और ठुमरी गायन विश्व प्रसिद्ध हुआ. खाने -पीने के लिए इससे बेहतर जगह आपको नहीं मिल सकती. यदि आप मांसाहारी है तो लजीज बिरयानी और कबाब आपका मन मोह लेंगे. यहां के पकवानों को मुगलई पकवानो के नाम से जाना जाता है. यहां के कपड़ों पर की गई चिकनकारी कला इतनी मशहूर है कि देश भर में इसकी काफी डिमांड रहती है.
लखनऊ कैसे जाएं
उत्तर प्रदेश की राजधानी होने के कारण लखनऊ कई शहरों से आसानी से जुड़ा हुआ है और यहां आना बेहद आसान है. आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग के जरिए यहां पहुंच सकते हैं. लखनऊ का सड़क नेटवर्क काफी अच्छा है और नई दिल्ली और यूपी के अन्य प्रमुख हिस्सों से बसें भी उपलब्ध हैं. लखनऊ पहुंचने के लिए आस-पास के शहरों से कैब भी किराए पर ले सकते हैं.
फ्लाइट- लखनऊ हवाई अड्डा या अमौसी हवाई अड्डा भारत के ज्यादातर शहरों से कई एयरलाइनों से जुड़ा हुआ है. जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना, चंडीगढ़, बैंगलोर आदि शहरों से आप यहां आसानी से पहुंच सकते है. ज्यादातर उड़ाने दिल्ली से होकर गुजरती हैं. हवाई अड्डे से मेन सिटी तक पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी, या कैब ले सकते हैं.
ट्रेन- चारबाग यहां का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है और लखनऊ पहुंचने के लिए कई शहरों में सुपरफास्ट ट्रेन भी उपलब्ध है. लखनऊ के लिए महाराजा एक्सप्रेस के नाम से एक शाही सवारी भी उपलब्ध है जो लोगों को काफी आकर्षित करती है.
रोड- उत्तर प्रदेश के कई शहरों के बीच राज्य सड़क परिवहन निगम की लग्जरी और डीलक्स बसें थोड़ी-थोड़ी देर में चलती रहती है. नई दिल्ली, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी आदि शहरों से उचित किराए पर कई लग्जरी और बजट बसों से आप यात्रा कर सकते हैं.
लखनऊ में घूमने की जगह
लखनऊ में खाने-पीने, खरीदारी और घूमने के लिए कई जगह हैं जो आपको बिल्कुल भी निराश नहीं होने देगी. यहां आप मुस्लिमों के पूजा के प्रसिद्ध स्थान बारा इमामबाड़ा , केंद्रीय शॉपिंग आर्केड के रूप में काम करने वाले हजरतगंज मार्केट, आकर्षक जानवरों को देखने के लिए लखनऊ चिड़ियाघर, सात अरब रुपए से बना अंबेडकर मेमोरियल पार्क , फ्रेंच मेजर-जनरल क्लाउड मार्टिन का मकबरा उर्फ कॉन्स्टेंटिन (ला मार्टिनियर स्कूल) , पहले शिकार लॉज और अब ग्रीष्मकालीन महल के रूप में परिवर्तित दिलकुशा कोठी , फिरंगी महल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित ब्रिटिश रेजीडेंसी, भारत का सबसे लंबा क्लॉक टावर हुसैनाबाद क्लॉक टावर, नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन , चंद्रिका देवी मंदिर, शहर का सबसे बड़ा मॉल फन रिपब्लिक मॉल, दिल्ली की जामा मस्जिद को पार करने के लिए बनवाया गया जामा मस्जिद, मुंबई की मरीन के नाम पर रखी हुई सड़क मरीन ड्राइव, डिज्नी वाटर वंडर पार्क,आनंदी वाटर पार्क, वास्तुकला के लिए फेमस सआदत अली खान का मकबरा, मुगल वास्तुकला के सबसे लोकप्रिय स्मारकों और विदेशी कृतियों में से एक कैसरबाग पैलेस,इंडो-यूरोपियन-नवाबी वास्तुकला का एक शानदार नमूना छत्तर मंजिल ,सिकंदर बाग़,ड्रीम वर्ल्ड वाटर एम्यूजमेंट पार्क, शाही बावली, सफदर बारादरी, हाथी पार्क, नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, 1857 मेमोरियल म्यूजियम रेजीडेंसी आदी जगहों पर घूम सकते हैं.
घूमने का सही समय
लखनऊ घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है. क्योंकि दिसंबर और जनवरी में धुंध के कारण ट्रेन और फ्लाइट लेट हो सकती है. गर्मी में यहां का तापमान असामान्य रूप से गर्म होता है जिस कारण गर्मियों में जाने से बचें. जुलाई और सितंबर सुहावने मौसम के साथ घूमने का अच्छा समय है लेकिन दिन में बारिश की वजह से घूमने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है.
लखनऊ में क्या खाएं
लखनऊ अपने खाने के लिए मशहूर है और यहां तरह- तरह का भोजन आपको मिल जाएगा. यहां का खाना इतना स्वादिष्ट है कि इसका स्वाद आप अपने जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे और यहां फिर से आना चाहेंगे. लखनवी बिरयानी के साथ गलौटी कबाब यहां की खासियत है. लेकिन इसके अलावा शरमल, नाहरी और कुलचा, खीर, जलेबियां, चाट, कोफ्ता, समोसा, कुल्फी, पेठा, कचौरी आदि अनगिनत चीजें हैं जो आपके मन को खुश कर देंगी और ये खाना बिल्कुल न भूलें.
खरीदारी करनी है तो यहां जाएं
ऐतिहासिक कला के लिए मशहूर लखनऊ आपको निराश नहीं करेगा. आप यहां गए हैं तो खाली हाथ कैसे आ सकते हैं. खरीदारी के लिए कई जगहें हैं जिनमें से मुख्य है- गोमती नगर में स्थित अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल,अमीनाबाद बाजार जो कि एक बहुत पुराना बाजार है और हाथ से की गई कारीगरी के लिए जाना चाहता है. यहां चमड़े के जूते , बैग , चाट, मिठाई और पुस्तकें मिलती हैं. घर में काम आने वाली चीजों के लिए शाम को चौक जा सकते हैं. हजरतगंज बाजार में दूसरे देशों से आयात की गई चीजें खरीद सकते हैं. फल -सब्जी या कपड़ों के लिए राजमार्ग 24 में स्थित निशातगंज जा सकते हैं.
कुल खर्च
आने जाने से लेकर ,घूमने-फिरने , खाने-पीने और रुकने का कुल खर्च 5000 से 7000 रुपए लगभग हो सकता है. जिसमें होटल का खर्च लगभग 2500 रुपए, घूमने के लिए स्कूटी लेते हैं तो करीब 1800 रुपए, खाने का करीबन 1000 रुपए होगा.
आस-पास की जगह
लखनऊ घूमने के बाद यदि आपके पास समय और बजट है तो आप यहां से पूर्व की ओर बढ़ सकते हैं और गोरखपुर होते हुए कुशीनगर की यात्रा कर सकते हैं, जहाँ गौतम बुद्ध का निधन हुआ था. यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है. यहाँ से आगे, आप लुंबिनी और अन्य जगहों के लिए नेपाल भी जा सकते हैं . पहले नेपाल जाना चाहते है तो सीधे लखनऊ से नेपाल घूम कर लौटते समय कुशीनगर की यात्रा कर सकते हैं और सारनाथ भी जा सकते हैं.