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Trip to Mallikarjuna Jyotirlinga: ज्योतिर्लिंग के साथ शक्तिपीठ के भी होंगे दर्शन, फैमिली के साथ ट्रिप के लिए बेस्ट है यह जगह

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में श्रीशैलम का तीर्थ शहर, शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक के लिए जाना जाता है. लेकिन कृष्णा नदी के तट पर स्थित, इस प्राचीन मंदिर शहर में प्राकृतिक परिवेश भी है, जो इसे घूमने के लिए रिफ्रेशिंग डेस्टिनेशन बनाता है.

Mallikarjuna Jyotirlinga Temple Mallikarjuna Jyotirlinga Temple
हाइलाइट्स
  • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर का है महत्व 

  • जरूर देखें यहां की गुफाएं और टाइगर रिजर्व 

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में बसा श्रीशैलम को मल्लिकार्जुन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत में बसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का घर है. इसे श्रीशैलम देवस्थानम और दक्षिण के कैलाश जैसे नामों से भी जाना जाता है. हालांकि, यहां पर ज्योतिर्लिंग के अलावा भी और बहुत से प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनके दर्शन आपको जीवन में एक बार तो जरूर करने चाहिए. अगर आप उत्तर भारत या देश के किसी दूसरे कोने से हैं तो हैदराबाद पहुंचकर, वहां से आसानी से श्रीशैलम जा सकते हैं क्योंकि यह हैदराबाद से ज्यादा दूर नहीं है. 

श्रीशैलम के लिए आप अपने दोस्तों या फिर परिवार के साथ तीन से चार दिन की ट्रिप प्लान कर सकते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि आप यहां पर और कौन-कौन सी जगहें घूम सकते हैं. 

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर का महत्व 
श्रीशैलम का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर द्रविड़ शैली की वास्तुकला में बना है. आपको बता दें कि यहां पर भक्तों को शिवलिंग को स्पर्श करने की इजाजत होती है. शिव पुराण के अनुसार जब श्री गणेश का विवाह कार्तिकेय से पहले हुआ तो कार्तिकेय क्रोधित हो गए. अपने माता-पिता शिव-पार्वती के रोकने और सांत्वना देने के बावजूद वह क्रौंच पर्वत पर चले गये. यहां तक ​​कि देवताओं ने भी जाकर कार्तिकेय को मनाने की कोशिश की, लेकिन उनके सभी प्रयास व्यर्थ गए. शिव-पार्वती बहुत दुखी हुए और दोनों ने स्वयं क्रौंच पर्वत पर जाने का निर्णय लिया. 

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जब कार्तिकेय को पता चला कि उनके माता-पिता आये हैं तो वे यहां से भी चले गये. इस बात पर नाराज होकर मां पार्वती यहीं पर बैठ गईं. अंततः भगवान शिव ने ज्योतिर्लिंग का रूप धारण किया और मल्लिकार्जुन के नाम से उस पर्वत पर निवास करने लगे. मल्लिका का अर्थ है पार्वती, जबकि अर्जुन शिव का दूसरा नाम है. इस प्रकार इस लिंग में शिव और पार्वती दोनों निवास करते हैं. यह मंदिर 18 महाशक्तिपीठों में से एक है.  

मल्लिकार्जुन मंदिर के साथ करें यहां के भी दर्शन 
श्रीशैलम के उच्चतम बिंदु को शिखरम कहा जाता है, और यहां पर शिखरेश्वर स्वामी मंदिर, जहां से नीचे बहती प्राचीन कृष्णा नदी का नजारा दिखता है. शिखरेश्वर स्वामी, भगवान शिव के रूपों में से एक हैं, और माना जाता है कि वे भक्तों को उनके पापों से मुक्त करते हैं. यहां पर भगवान गणेश को समर्पित एक मंदिर भी है. आप हेमारेड्डी मल्लम्मा मंदिर और इष्ट कामेश्वरी देवी मंदिर भी जा सकते हैं. 

और कई जगहें हैं घूमने के लिए
आप नल्लामाला वन और उसके प्राकृतिक परिवेश की वनस्पतियों और जीवों को एक्सप्लोर कर सकते हैं. जंगल शहर से 17 किमी दूर बसा हैं और नल्लामाला पहाड़ियों का एक हिस्सा हैं. यहां इको-टूरिज्म, फॉरेस्ट कैंपिंग और अन्य आउटडोर एडवेंचर जैसे फ्लाइंग फॉक्स, रैपेलिंग आदि के विकल्प मौजूद हैं. नल्लामाला में, आप मल्लेला थीर्थम के झरने की भी यात्रा कर सकते हैं, जो श्रीशैलम शहर के पास सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है.

यह धारा चट्टान के ऊपर कहीं से निकलती है और कृष्णा नदी में मिलने से पहले जंगलों से होकर बहती है. आप चेंचू लक्ष्मी संग्रहालय भी जा सकते हैं और यहां आंध्र प्रदेश की स्थानीय जातीय जनजातियों की आजीविका, जीवन शैली और संस्कृति के बारे में जान सकते हैं. संग्रहालय की शॉप से आप ऑर्गनिक शहद भी खरीद सकते हैं. 

पाताल गंगा के करें दर्शन 
अगर आपको बांध देखना पसंद है तो यहां आप श्रीशैलम डैम देख सकते हैं. यह फोटो कराने के लिए अच्छी जगह है. श्रीशैलम बांध कृष्णा नदी के बाएं किनारे पर तेलंगाना के महबूबनगर और आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिलों के बीच स्थित है. यह भारत की तीसरी सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना के रूप में शुमार है और देश के सबसे बड़े बांधों में से एक है. वहीं, बात करें पाताल गंगा की तो यह कृष्णा नदी की सहायक नदियों में स्थित, एक पवित्र स्थल है जो श्रीशैलम मल्लिकार्जुन मंदिर से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. 

इसे गंगा के समान पवित्र माना जाता है. यह बारहमासी धारा एक गुफा से निकलती है और कहा जाता है कि इसके पानी में स्किन की समस्याओं को ठीक करने की हीलिंग प्रोपर्टीज होती हैं. आप या तो पास के हनुमान मंदिर से ट्रेक कर सकते हैं या इस तक पहुंचने के लिए केबल कार की सवारी कर सकते हैं. 

जरूर देखें यहां की गुफाएं और टाइगर रिजर्व 
श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, 20 किमी वन क्षेत्र में फैला, विशाल वन्यजीव रिजर्व जंगलों, घास के मैदानों और जलाशयों के साथ पांच पड़ोसी जिलों को कवर करता है. यह प्रोजेक्ट टाइगर का एक हिस्सा है. इसे काले हिरण, पैंगोलिन आदि जैसे अन्य जानवरों के साथ-साथ भारत में सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य माना जाता है. आप सफारी, जंगल कैंपिंग और अन्य गतिविधियों को ट्राई कर सकते हैं. 

वहीं, एक प्रमुख तीर्थस्थल, उमा महेश्वरम अपने सुंदर प्राकृतिक झरने के लिए जाना जाता है. ये बारहमासी झरने नल्लामाला जंगल के घने इलाकों में छिपे हुए हैं. झरने तक पहुंचने के लिए आपको लगभग आधे घंटे तक जंगल से होकर चलना पड़ता है. वहीं, अक्का महादेवी गुफाएं प्राकृतिक रूप से बनी हैं और इनका बहुत ज्यादा भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्व है. गुफाओं में शिव भगवान की एक मूर्ति स्थापित है लेकिन पुरातात्विक निष्कर्षों से पता चलता है कि इन गुफाओं का अस्तित्व लाखों वर्षों से ज्यादा पुराना है. 

यह स्थल पैदल चलने वाले यात्रियों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है. आप कृष्णा नदी पर ऊपर की ओर जाने के लिए पाताल गंगा से नाव की सवारी कर सकते हैं और गुफाओं के बेस तक पहुंच सकते हैं और यहां से टॉप तक ट्रेक कर सकते हैं.