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Trip to Somnath: महाशिवरात्रि के लिए करें सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की ट्रिप प्लान, मंदिर दर्शन के बाद कर सकते हैं बीच पर एन्जॉय

अगर आप भोले बाबा के भक्त हैं और Maha Shivratri के मौके पर किसी शिवधाम में जाना चाहते हैं तो काशी-उज्जैन के अलावा सोमनाथ भी जा सकते हैं. गुजरात का सोमनाथ देश के महत्वपूर्ण शिवधामों में से एक है.

Somnath Jyotirlinga Temple Somnath Jyotirlinga Temple
हाइलाइट्स
  • तीन नदियों का मिलन- त्रिवेणी संगम

  • सोमनाथ बीच पर करें एन्जॉय

गुजरात का सोमनाथ ज्योतिर्लिंग हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित बारह पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है. यह भारत के सौराष्ट्र, गुजरात में वेरावल के पास प्रभास पाटन में स्थित है. भले ही सोमनाथ एक ज्योतिर्लिंग है और यहां पर बहुत मंदिर हैं लेकिन फिर भी यह बहुत ही मजेदार टूरिस्ट स्पॉट है. क्योंकि यहां पर आप मंदिरों के दर्शन करके न सिर्फ भोले बाबा का आशीर्वाद ले सकते हैं बल्कि सोमनाथ बीच पर एन्जॉय भी कर सकते हैं. 

वैसे तो महाशिवरात्रि के मौके पर आपको सोमनाथ की ट्रिप प्लान करनी चाहिए. लेकिन सर्दी के मौसम में भी आप यहां घूमने आ सकते हैं. आपको बता दें कि "ज्योतिर्लिंग" शब्द का मतलब है "प्रकाश का स्तंभ." यह भगवान शिव की उज्ज्वल अभिव्यक्ति का प्रतीक है. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का बहुत ज्यादा महत्व है इसलिए अगर आप यहां आना चाहते हैं तो तीन-चार दिन का ट्रिप प्लान कर सकते हैं ताकि सोमनाथ में और आसपास की भी टूरिस्ट जगहों पर आप घूम सकें.  

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में करें दर्शन 
इस ज्योतिर्लिंग मंदिर के पीछे की कथा हिंदू महाकाव्य महाभारत से जुड़ी है. पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्र देवता को एक बार उनके ससुर दक्ष ने घटते रहने का श्राप दिया था. श्राप से मुक्ति पाने के लिए, चंद्र ने इस स्थान पर तपस्या की और भगवान शिव के सम्मान में एक ज्योतिर्लिंग स्थापित किया. परिणामस्वरूप, सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के आशीर्वाद और दिव्य प्रकाश का प्रतीक माना जाता है.

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कहा जाता है कि सोमनाथ का मूल मंदिर 11वीं शताब्दी में भगवान कृष्ण के पोते, राजा भीमदेव प्रथम ने बनाया था. सदियों से, मंदिर को विदेशी आक्रमणकारियों के कई आक्रमणों और विनाश का सामना करना पड़ा, विशेष रूप से 11 वीं शताब्दी में महमूद गजनी और 13 वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी के. बार-बार होने वाले इन विध्वंसों के बावजूद, हर बार हिंदू आस्था और भक्ति के प्रतीक के रूप में मंदिर का पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार किया गया. यह मंदिर अरेबियन समुद्र के तट पर है और आप यहां पहुंचकर भगवान सोमनाथ के दर्शन कर सकते हैं. सोमनाथ में शाम की आरती बहुत ही भव्य होती है. 

इन मंदिरों के भी करें दर्शन 
सोमनाथ में सोमनाथ मंदिर के अलावा और कई मंदिर हैं जहां आप जा सकते हैं. यहां वेनेश्वर महादेव मंदिर है जिसकी उम्र सोमनाथ मंदिर के बराबर मानी जाती है. यहां की विशेषता है - एक टूटा हुआ लेकिन अक्षुण्ण शिवलिंग. लोककथाओं के अनुसार, 1025 ई. में महमूद गजनी के आक्रमण के दौरान, वेनी नामक एक भक्त ने शिवलिंग के भीतर शरण मांगी और शिवजी ने उसे शरण दी जिससे शिवलिंग में दरार आ गई लेकिन यह टूटा नहीं है बल्कि इसी तरह खड़ा हुआ है. 

वेनेश्वर मंदिर के अलावा आप सूर्य मंदिर, देहोतसर्ग तीर्थ, कामनाथ महादेव मंदिर, श्री भीडभंजन महादेव मंदिर, श्री राम मंदिर, परशुराम मंदिर, प्राची तीर्थ जैसी जगहों पर भी जा सकते हैं. 

तीन नदियों का मिलन- त्रिवेणी संगम 
आप मंदिर के दर्शन के साथ-साथ त्रिवेणी संगम भी जरूर जाएं. यह तीन पवित्र नदियों - हिरन, कपिला और सरस्वती का मिलन स्थल है. यह स्थान पवित्र माना जाता है और मान्यता है कि यहां डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं. इसके बाद, भालका तीर्थ की ओर जाएं, जो सोमनाथ मंदिर से लगभग 5 किमी दूर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण को गलती से तीर लग गया था और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. 

यहां पंच पांडव गुफा भी है जिसे हिंगलाज माताजी गुफा के नाम से भी जाना जाता है. यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. गुफा के अंदर, मंदिर के प्रवेश द्वार पर पंच पांडवों की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं. इसके अलावा यहां माधवदास किमतमल संग्रहालय में 12वीं सदी के पुनर्निर्मित मंदिर के भीतर आध्यात्मिक पेंटिंग और पवित्र नक्काशी है. इस मंदिर की छत पर बारीक नक्काशी की गई है और कहा जाता है कि इसका नवीनीकरण अन्हिलवाड़ा पाटन के चालुक्य महाराजा श्री मूलराज देव सोलंकी ने किया था. इसके अतिरिक्त, टूरिस्ट पुराने सोमनाथ मंदिर के निर्माण के दौरान खुदाई में मिले अवशेषों को भी देख सकते हैं. 

सोमनाथ बीच पर करें एन्जॉय 
सोमनाथ बीच एक शांत समुद्र तट है जो अरब सागर के तट पर है. सोमनाथ बीच का दृश्य शानदार होता है, खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान. हालांकि, यह बीच स्वीमिंग के लिए नहीं क्योंकि यहां लहरें बहुत ऊंची होती हैं. लेकिन कोई भी यहां आकर प्रकृति के साथ समय बिता सकता है. लोग यहां ऊंट की सवारी के साथ-साथ स्थानीय स्टॉलों पर स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं. 

बात सोमनाथ के खाने की करें तो यह अपने काठियावाड़ी खाने के लिए मशहूर है. आप यहां ढोकला, खांडवी, खीचू, हांडवो, गुजराती कढ़ी, रोटलो, उंदियो, सेव टमाटर का साग, भाकरी और आमरस का आनंद ले सकते हैं. साथ ही, यहां से गिर नेशनल पार्क 45 किमी दूर है. अगर आपके पास समय रहे तो वहां भी घूमने जा सकते हैं. यह नेशनल पार्क एशियाई शेरों सहित वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों का घर है, और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. आप यहां जीप सफारी ले सकते हैं और वन्यजीव अभयारण्य को एक्सप्लोर कर सकते हैं.