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Vivekanand Rock Memorial Trip: दुनियाभर से यहां Sunset देखने आते हैं टूरिस्ट, स्वामी विवेकानंद का साधना स्थल, एक बार जरूर करें ट्रिप प्लान

Vivekanand Rock Memorial Trip: देश के दक्षिणी छोर पर बसा है विवेकानंद स्मारक शिला, एक बार जरूर करें यहां की ट्रिप. अपने दोस्तों या परिवार के साथ आप अपनी ट्रिप प्लान कर सकते हैं.

Vivekananda Rock Memorial Vivekananda Rock Memorial

'कश्मीर तू... मैं कन्याकुमारी...' यह गाना लगभग सभी ने सुना है. कहते हैं कि कश्मीर और कन्याकुमारी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. लेकिन हम आपको बता दें कि कश्मीर जितना खूबसूरत है, कन्याकुमारी में भी उतनी ही अच्छी जगहें हैं घूमने के लिए.

आज हम आपको बता रहे हैं भारत के सबसे दक्षिणी सिरे पर स्थित कन्याकुमारी के एक स्मारक और लोकप्रिय पर्यटक स्थल विवेकानंद स्मारक शिला (Vivekananda Rock memorial) के बारे में. आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां की ट्रिप प्लान कर सकते हैं.  

विवेकानंद रॉक मेमोरियल वावाथुराई की मुख्य भूमि से लगभग 500 मीटर की दूरी पर स्थित दो चट्टानों में से एक पर स्थित है. यह स्मारक 58 फीट ऊंचा है. यह एक चट्टान पर बना है जो तीनों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है और यहां का नजारा देखते ही बनता है.  

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क्या है यहां का इतिहास
1892 में 25, 26, और 27 दिसम्बर को स्वामी विवेकानंद ने भारत के अंतिम दक्षिणी छोर यानि कन्याकुमारी में स्थित इसी शिला पर साधना करने के बाद भारत के पुनरुत्थान के लिए अपना काम शुरू किया था. साल 1960 में स्वामी विवेकानंद के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर, विवेकानंद रॉक मेमोरियल बनाने का निर्णय लिया गया और 25 सितंबर 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल की आधारशिला रखी. फिर 2 जनवरी 1975 को स्वामी विवेकानंद की 113वीं जयंती पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फ़खरुद्दीन अली अहमद ने किया था. 

यहां देखें सूर्योदय और सूर्यास्त 
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां का नजारा मन मोह लेने वाला होता है और इसलिए विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारे देखने के लिए पॉपुलर जगहों में से एक है. यह स्मारक भारत के उस महान व्यक्ति को समर्पित है जिन्होंने न सिर्फ भारत में ही बल्कि भारत की संस्कृति और आध्यात्मिक प्रतिभा को विश्व पटल पर पहुंचाया है. इस जगह पर पहुचने के बाद यहां की खूबसूरती और शांति से आपका मन भी शांत होता है. 

विवेकानंद रॉक मेमोरियल परिसर में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें सबसे पहले शामिल है- विवेकानंद मंदिर. यह मंदिर स्वामी विवेकानंद को समर्पित है. मंदिर में संगमरमर की उनकी एक भव्य प्रतिमा है. इसके बाद आप विवेकानंद मंडप देख सकते हैं, यह एक ध्यान कक्ष है जहां स्वामी विवेकानंद को ज्ञान प्राप्त हुआ था. उसके बाद यहां एक पोस्ट ऑफिस है, यहां से आप अपने प्रियजनों को पोस्टकार्ड भेज सकते हैं. और अंत में आता है- विवेकानंद केंद्र पुस्तकालय. इस पुस्तकालय में स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्यों से संबंधित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है. किताबों में रूचि रखने वालों के लिए ये सबसे बेहतरीन जगह है.

इन जगहों पर बिता सकते हैं टाइम 
अब अगर आप विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट आ रहे हैं तो यहां पर और भी कई जगहें जहां जाने का आप प्लान कर सकते हैं. सबसे पहले "तिरुवल्लुवर मूर्ति"- यह तमिल कवि वल्लुवर की 41 मीटर ऊंची (133 फीट) पत्थर की मूर्ति है, जिसकी भव्यता और विशालता बहुत ही मनोरम है. यह विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट से 1 मील (1.6 किलोमीटर) दूर है. 

इसके बाद आप "अवर लेडी ऑफ रैनसम श्राइन" का नज़ारा ले सकते है. यह कैथोलिक चर्च गॉथिक रिवाइवल शैली में बना है और इसकी बाहरी सजावट सफेद रंग से की गई है. यह एक शांत और सुंदर जगह है. यह विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट से 0.4 मील (3 मिनट) की दूरी पर है.

कब कर सकते हैं ट्रिप प्लान 
विवेकानंद रॉक मेमोरियल पॉइंट घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है. इन महीनों में मौसम काफी सही और राहत भरा रहता है. इस दौरान तापमान 20°C से 30°C के बीच होता है और आकाश साफ रहता है. बारिश भी कम होती है, जिससे यह टाइम ट्रिप के लिए सही रहता है. इस समय आप नौका विहार और अन्य जल गतिविधियां भी कर सकते हैं. 

लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कन्याकुमारी एक पॉपुलर टूरिस्ट प्लेस है, खासकर दिसंबर से फरवरी तक के दौरान यहां टूरिस्ट्स की भीड़ होती है. इस दौरान, होटल और फ्लाइट्स सामान्य से महंगी हो सकती हैं और भीड़भाड़ ज्यादा हो सकती है. ऐसे में, आप अप्रैल या मई के महीने में जाने का प्लान कर सकते हैं.

कैसे पहुंच सकते हैं आप 
विवेकानंद रॉक मेमोरियल कन्याकुमारी शहर से लगभग 2 किमी दूर है. कन्याकुमारी तक आपको सीधी फ्लाइट नहीं मिलेगी. आपको यहां सबसे पास त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पहुंचकर, वहां से ट्रेन या बस लेनी होगी. या फिर आर सीधा ट्रेन से ही सफर कर सकते हैं.

कन्याकुमारी से मेमोरियल तक पहुंचने के लिए कई विकल्प है जिन्हें आप अपनी सुविधा अनुसार चुन सकते हैं. ऑटोरिक्शा या टैक्सी से मेमोरियल तक पहुंचने का सबसे सुविधाजनक तरीका है. आप आसानी से रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से ऑटोरिक्शा या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं. कुछ ट्रैवल बसें अपने पैकेज में विवेकानंद रॉक मेमोरियल यात्रा को भी शामिल करती हैं. 

मेमोरियल तक पहुंचने के लिए आप नौका की सवारी भी कर सकते हैं. नौका सेवा सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होती है. यहां रुकने और विश्राम करने के लिए बहुत से होटल्स हैं जिन्हें आप अपनी पसंद और बजट के आधार पर चुन सकते हैं. 

ध्यान रखें ये बातें  

  • सुबह जल्दी पहुंचें ताकि आप भीड़ से बच सकें और सूर्योदय का नज़ारा देख सकें.
  • आरामदायक जूते पहनें क्योंकि आपको चट्टान तक पहुंचने के लिए कुछ सीढ़ियां चढ़नी पड़ेंगी.
  • अपने साथ पर्याप्त पानी लेकर चलें. 
  • परिसर में प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध है, इसलिए अपने साथ कपड़े का थैला लाएं.