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Trip to Baba Baidyanath Dham: शिव ज्योतिर्लिंग के साथ शक्तिपीठ भी है बाबा धाम, सावन में घूमें श्रावणी मेले, जानिए कैसे पहुंचे और कितना रखें बजट

भारत के झारखंड में स्थित, देवघर का पवित्र शहर एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक परिसर - बाबा बैद्यनाथ धाम का घर है. शिव और शक्ति का यह अनोखा संगम बाबा बैद्यनाथ धाम को अद्वितीय तीर्थस्थल बनाता है.

Baba Baidyanath Mandir (Photo: Wikipedia) Baba Baidyanath Mandir (Photo: Wikipedia)

बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Baidyanath Dham) झारखंड के देवघर में स्थित एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है. देवघर का मतलब होता है देवी-देवताओं का निवास. और यह शहर भी कुछ ऐसा ही है जो शिव-शक्ति की भक्ति में लीन है. इस शहर को बारे में लोगों का यही कहना है कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का मिश्रण है.

देवघर भारत के उन शहरों में से एक है जो भोलेनाथ को समर्पित हैं. यहां का बाबा बैद्यनाथ मंदिर शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह भारत के 51 शक्तिपीठों में से भी एक है. मयूराक्षी नदी के तट पर स्थित यह मंदिर विश्वप्रसिद्ध है. 

बाबा बैद्यनाथ मंदिर की उत्पत्ति त्रेता युग (लगभग 1000 ईसा पूर्व) में हुई थी. माना जाता है कि भगवान राम ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी. हालांकि, मंदिर का मौजूदा स्वरूप पाल साम्राज्य के शासकों ने बनाया था. मंदिर का जीर्णोद्धार और विस्तार गंग राजवंश के शासकों ने किया था. 16वीं शताब्दी में यह मंदिर हिंदू संप्रदाय "बैरागी" का एक प्रमुख केंद्र बन गया था और फिर से इसका जीर्णोद्धार किया गया. 18वीं शताब्दी में मंदिर का जीर्णोद्धार मराठा साम्राज्य ने किया था. 

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कब है यहां आने का बेस्ट टाइम 
बाबा बैद्यनाथ धाम हर साल लाखों भक्तों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, खासकर श्रावण माह (जुलाई-अगस्त) के दौरान. सावन में यहां खास श्रावणी मेला लगता है. जिसे देखने और घूमने देश-विदेश से लोग आते हैं. 

क्या हैं यहां के मुख्य आकर्षण:
 

बाबा बैद्यनाथ मंदिर (मुख्य मंदिर)
12 ज्योतिर्लिंगों में बाबा बैद्यनाथ का विशेष स्थान है. ऐसा माना जाता है कि यहां का ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है, और प्राचीन काल से इसकी पूजा की जाती रही है. दूर-दूर से भक्त आशीर्वाद और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करने आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ज्योतिर्लिंग में उपचार करने की शक्तियां हैं, जिससे भगवान शिव को "बैद्यनाथ" की उपाधि मिली, जिसका अर्थ है "चिकित्सकों के भगवान."

बाबा बैद्यनाथ धाम प्रमुख शक्ति पीठ है. ऐसा माना जाता है कि माता सती का हृदय देवघर में गिर था, जिससे यह हृदय पीठ या हृदय तीर्थ बन गया. यहां का शक्तिपीठ देवी पार्वती के स्वरूप जया दुर्गा को समर्पित है.

नंदन पहाड़
नंदन पहाड़ भारत के झारखंड के देवघर जिले में पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर बना एक मनोरंजन पार्क है. नंदन पहाड़ सभी के लिए गतिविधियों के साथ एक पिकनिक स्थल के रूप में व्यापक है. 

तपोवन गुफाएं और पहाड़ियां
देवघर से सिर्फ 10 किमी दूर स्थित इस स्थान पर तपोनाथ महादेव नाम का शिव मंदिर है और यहां कई गुफाएं भी मौजूद हैं. गुफाओं में से एक में एक शिव लिंगम स्थापित है और कहा जाता है कि ऋषि वाल्मिकी यहां तपस्या के लिए आए थे. 

पगला बाबा आश्रम 
पगला बाबा आश्रम टावर चौक से सिर्फ 8 किमी दूर स्थित है जो देवगढ़ शहर के बाहर है और जसीडीह-रोहिणी सड़क से जुड़ा हुआ है. यह देवगढ़ शहर के निकट प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. आश्रम के अंदर आप राधा और कृष्ण की आकर्षक मूर्तियां देख सकते हैं जिनका वजन 6 क्विंटल है. यहां का प्रमुख आकर्षण श्रीकीर्तन है, जब यहां के पुजारी और भक्त भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण की स्तुति गाते हैं. 

नौलखा मंदिर
नौलखा मंदिर झारखंड के देवघर में स्थित है. 146 फीट ऊंचा यह मंदिर राधा-कृष्ण के प्रति आस्थावान है और इसके निर्माण की लागत 9 लाख रुपये थी, इसलिए इसे नौलखा (नौ-लाख) मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. यह मंदिर बेलूर के रामकृष्ण मंदिर से काफी मिलता जुलता है. 

देवघर कैसे पहुंचे
फ्लाइट से: देवघर हवाई अड्डा को बाबा बैद्यनाथ हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है. यह घरेलू हवाई अड्डा है जो झारखंड के देवघर शहर में है. शहर के केंद्र से लगभग 12 किमी दूर स्थित यह एयरपोर्ट देवघर और उससे आने वाली फ्लाइट्स को मैनेज करने वाला एक ही टर्मिनल है. 

ट्रेन से: कोलकाता, दिल्ली, पटना और रांची जैसे प्रमुख शहरों से ट्रेन से देवघर पहुंचा जा सकता है. जसीडीह जंक्शन देवघर के नजदीक मुख्य रेलवे स्टेशन है. देवघर से कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं. 

बस से: आसपास के विभिन्न कस्बों और शहरों से देवघर आसानी से पहुंचा जा सकता है. यह शहर झारखंड राज्य सड़क परिवहन निगम लिमिटेड, पश्चिम बंगाल राज्य सड़क परिवहन निगम लिमिटेड और निजी यात्रा सेवाओं के माध्यम से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. 

देवघर में आसपास/स्थानीय परिवहन: आप बसों, टैक्सियों और सवारी-शेयर करने वाली कैब जैसे विभिन्न परिवहन विकल्पों का उपयोग करके यात्रा कर सकते हैं. आप ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा और तांगा का विकल्प भी चुन सकते हैं. 

क्या रखें ट्रिप का बजट
ट्रिप का बजट इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस शहर से और किस परिवहन माध्यम से ट्रेवल कर रहे हैं. जैसे फ्लाइट से ट्रेवल करने पर बजट बढ़ जाएगा और ट्रेन से ट्रेवल किफायती रहता है. दूसरा आपको देखना होगा कि आप किस तरह के होटल या स्टे में रुकना चाहते हैं. अगर आप बहुत हाई-फाई होटल देखेंगे तो पैसे भी उसी हिसाब से लगेंगे. ऐसे में आप अपने बजट के हिसाब से रहने की जगह देख सकते हैं. अगर आप चाहें तो 10 से 15 हजार रुपए में आप दो-तीन दिन के लिए देवघर की ट्रिप प्लान कर सकते हैं.