
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है. हाल ही में इसके अंतिम स्टेशन सिवाय में गोचर सिवाय टनल का ब्रेकथ्रू हुआ, जिसके बाद कर्मचारियों, अधिकारियों, मज़दूरों ने जमकर जश्न मनाया.विस्फोट का धुआं छटा तो सुरंग के उस पार रास्ता नजर आया और इसी के साथ टनल में काम कर रहे मजदूर, कर्मचारी और अधिकारी खुशी से झूम उठे.
126 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी
दरअसल, इस टनल के बनने के साथ ही अब पहाड़ों में ट्रेन का सपना भी उड़ान भरने लगा है. न सिर्फ सिवाय तक रेल लाइन पहुंचना आसान हो गया है, बल्कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के जल्द पूरा होने की उम्मीद भी बनने लगी है. इस परियोजना के तहत करीब 126 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 104 किलोमीटर तक 17 लंबी सुरंगें हैं. वहीं इसमें 12 स्टेशन होंगे. इस रेल लाइन के बनने से ना सिर्फ पहाड़ी इलाकों के लोग देश के बाकी हिस्सों से सीधे जुड़ जाएंगे बल्कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग की दूरी भी महज 2 घंटे की रह जाएगी.
पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी
इस रेल लाइन के बनने से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी. वहीं बद्रीनाथ धाम का सफर आसान हो जाएगा. पर्यटन और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. माना जा रहा है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का रेल लाइन का कार्य अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा और इसी के साथ ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने का सपना भी पूरा हो जाएगा.
स्टेशनों की जानकारी
उत्तराखंड में अब तक ट्रेन की पहुंच ऋषिकेश तक ही थी, लेकिन अब पर्यटकों को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल की सुविधा मिलने वाली है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन हो या फिर ऑल वेदर रोड, जिस दिन ये दोनों परियोजनाएं पूरी हो चुकी होंगी, उस दिन उत्तराखंड की तस्वीर कुछ अलग ही दिखने लगेगी.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 12 स्टेशन होंगे
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 104 किलोमीटर रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी. इन 17 सुरंगों के अलावा परियोजना पर 12 निकाय सुरंगों के अलावा एडिट और क्रॉस पैसेज भी हैं, जिन्हें मिलाकर सुरंगों की कुल लम्बाई 213 किलोमीटर हो जाएगी. रेल परियोजनाओं में 16 बड़े और चार छोटे रेलवे पुल भी बनाए गए हैं. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 12 स्टेशन्स होंगे.
देवप्रयाग तक की यात्रा करने वालों को होगी आसानी
ऋषिकेश से ट्रेन पहली बार आगे चलेगी और अगला स्टेशन होगा देवप्रयाग. यानी जो लोग देवप्रयाग तक की यात्रा करना चाहते हैं, उनके लिए भी अब काफी आसानी होने वाली है. वहीं देवप्रयाग के बाद अगला स्टेशन होगा श्रीनगर. श्रीनगर के लिए बाय रोड जाने वाले यात्रियों के लिए काफी सुविधा होने वाली है. वहीं श्रीनगर के बाद अगला स्टेशन रुद्रप्रयाग होगा. रुद्रप्रयाग से केदारनाथ बेस कैंप यानी गौरीकुंड जाने के लिए सड़क के जरिए केवल 3 घंटे का सफर करना होगा. यानी बाबा केदार के दर्शन अब आप सबके लिए आसान होने वाले हैं. कर्णप्रयाग स्टेशन पर उतरने के बाद करीब 3 घंटे की रोड जर्नी कर बद्रीनाथ धाम भी पहुंचा जा सकेगा.