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Bhojshala Trip Plan: ऐतिहासिक जगहों और इमारतों को देखने के हैं शौकीन... तो जरूर करें मध्य प्रदेश के भोजशाला का दीदार... यहां की नक्काशी देख कह उठेंगे वाह

Tourist Place Bhojshala: शिक्षा और कला के महान संरक्षक राजा भोज ने भोजशाला का निर्माण कराया था. इस इमारत में जहां एक तरफ मंगलवार को हिंदू धर्म के लोग मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं तो वहीं मुस्लिम समाज के लोग शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं. 

Dhar Bhojshala (Photo Credit: India Today Archive)  Dhar Bhojshala (Photo Credit: India Today Archive) 
हाइलाइट्स
  • मुगलों के राज में भोजशाला को बदल दिया गया मस्जिद में 

  • सरस्वती मंदिर होने के सबूत आज भी हैं मौजूद 

Dhar Bhojshala: यदि आप ऐतिहासिक जगहों, इमारतों और इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिले स्थित भोजशाला (Bhojshala) एक बहुत अच्छी जगह हो सकती है.

यह एक ऐसी ऐतिहासिक इमारत है, जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों को लोग जाना पसंद करते हैं. यह इमारत इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि एक तरफ जहां मंगलवार को हिंदू धर्म के लोग यहां देवी सरस्वती की पूजा करते हैं तो वहीं मुस्लिम धर्म के लोग शुक्रवार को नमाज अदा करते हैं. आइए जानते है की यहां कैसे व कब जा सकते हैं और कितना खर्चा होगा?
 
राजा भोज ने बनवाया था महाविद्यालय
शिक्षा और कला के महान संरक्षक राजा भोज ने धार में एक महाविद्यालय बनवाया था, जिसका नाम भोजशाला रखा गया था. राजा भोज मां सरस्वती के अनन्य भक्त थे. हिंदू धर्म से जुड़े लोग भोजशाला को सरस्वती मंदिर भी मानते थे. राजा भोज ने यहां पर 1000 से 1055 ईस्वी तक शासन किया था.

मुगलों के राज के बाद यह महाविद्यालय तो नहीं रहा लेकिन यह इमारत आज भी भोजशाला के नाम से ही जानी जाती है. मुगलों के राज में इस इमारत को मस्जिद में बदल दिया गया लेकिन भोजशाला और सरस्वती मंदिर होने के सबूत आज भी मौजूद हैं. यही कारण है कि दोनों ही धर्मों के लोगों में यह इमारत प्रसिद्ध है.

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आखिर कैसी दिखती है भोजशाला
भोजशाला की खास बात यह है कि यहां मौजूद कमाल मौलाना मस्जिद में ही मंदिर के होने के सबूत भी देखने को मिलते हैं, जो इतिहास के कई पन्नों को आपके सामने खोल कर रख देंगे. यहां मस्जिद के अंदर कदम रखते ही  एक खुली जगह है, जिसके सामने की तरफ दो खंभों से घिरा एक बरामदा है. बरामदे की पश्चिम की ओर प्रार्थना करने लिए एक बड़ा सा कमरा बना हुआ है. कई पुरानी इमारतों की तरह यहां भी आपको मस्जिद की छत और दीवारों पर दिल मोह लेने वाली नक्काशी देखने को मिलेंगी, जिसे देखकर ऐसा लगता है मानो यह भोजशाला की ही हिस्सा हों.

भगवान विष्णु के दो अवतारों का किया गया है जिक्र
मस्जिद की दीवारों पर पत्थर के स्लैब बने हुए हैं और यह जानकर हैरानी होगी की उन्हीं स्लैब में भगवान विष्णु के दो अवतारों के बारे में लिखा गया है. दोनों स्तंभों पर भी 11वीं और 12वीं शताब्दी की लिपि में परमार राजाओं  के बारे में श्लोक के साथ संस्कृत भाषा के बारे में लिखा हुआ है. इससे यह साफ होता है की राजा भोज का महाविद्यालय और मंदिर यहीं था.

यह इमारत अपने आप में इतिहास के एक ऐसे हिस्से को बताती है, जिससे जानना काफी दिलचस्प है और यहां आकर कई ऐसी बातें जानने को मिलती हैं जो न तो आपने कभी सुनी होगी और न ही देखी होगी. यह इमारत ज्ञान का समावेश है, जो आपके इतिहास को जानने की उत्सुकता को और बढ़ा देगी. 

कैसे जाएं भोजशाला 
भोजशाला पहुंचना कोई कठिन नहीं है. आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. यह एक बजट फ्रेंडली ट्रिप है, जो आपकी जेब पर कोई जोर नहीं देगी. सबसे पहले जान लेना जरूरी है कि पर्यटकों के लिए भोजशाला शुक्रवार के अलावा सभी दिन खुला है. शुक्रवार को यहां नमाज पढ़े जाने के कारण घूमना मना है इसलिए ट्रिप प्लान करते वक्त इस बात का ध्यान रखें. यहां की एंट्री फीस सिर्फ 25 रुपए प्रति व्यक्ति है. यदि आप गाइड लेते हैं तो 100-200 रुपए प्रति व्यक्ति लेकर वो आपको भोजशाला के बारे में छोटी-छोटी चीजें बताएंगे. इससे आपको भोजशाला को जानने में काफी मदद मिलेगी.

इन मार्गों से पहुंच सकते हैं भोजशाला 
1. इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा धार से सिर्फ 65 किलोमीटर दूर है, जिसके बाद आप वहां से टैक्सी या बस लेकर धार पहुंच सकते हैं.
2. इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप वहां से बस या टैक्सी लेकर भोजशाला पहुंच सकते हैं.
3. धार के लिए इंदौर, उज्जैन और रतलाम से समय-समय पर बसें आसानी से मिल जाती हैं. 

घूमने के लिए दो दिनों का समय काफी 
घूमने के लिए दो दिनों का समय काफी होगा और इन दो दिनों में आप आसानी से भोजशाला के साथ इसके आसपास की अन्य जगहों का भी दीदार कर सकते हैं. धार पहुंचने के पहले दिन आप होटल में चेक-इन करके दोपहर में भोजशाला घूमकर मार्केट को एक्सप्लोर कर सकते हैं. इसके बाद दूसरे दिन धार फोर्ट, लाल मस्जिद और म्यूजियम घूम सकते हैं.

रहने के लिए आप 800 से 1000 रुपए में होटल में कमरा ले सकते हैं या ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं. खाने के लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत बिल्कुल नहीं पड़ेगी. यदि आप स्ट्रीट फूड खाने के शौकीन हैं तो सिर्फ 50 से 100 रुपए में ही एक टाइम का खाना हो जाएगा और अच्छे रेस्टोरेंट में 200 से 500 रुपए में भरपेट खाना खा सकते हैं.

कितना होगा खर्च
किसी भी ट्रिप को प्लान करते वक्त बजट तय करना बहुत जरूरी है. बजट के हिसाब से चलेंगे तो बाद में होने वाले पछतावे से बचे रहेंगे. ट्रांसपोर्टेशन, रहने का खर्च, खाना, एंट्री फीस और गाइड के खर्च को मिलाकर  4300 से 7600 रुपए में आप आराम से अपनी भोजशाला की ट्रिप पूरी कर सकते हैं .

... तो ऐसे आपकी ट्रिप रहेगी यादगार
कुछ बातों का ध्यान रखने से आप बिना किसी तकलीफ से आसानी से घूम सकते हैं जैसे हफ्ते के बीच के दिनों में अपनी ट्रिप प्लान करें. इससे भीड़ नहीं मिलेगी. कम्फर्टेबल और मंदिर के हिसाब से कपड़े पहनें, किसी सामान को खरीदने या होटल में कमरा लेते समय मोल-भाव करने में शरमाएं नहीं. वहां के लोकल खाने जैसे पोहा, जलेबी और दाल बाफला ट्राई करें. इससे आपकी ट्रिप यादगार होने के साथ पॉकेट फ्रेंडली रहेगी.