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Begunkodar Trip Plan: टूरिस्ट प्लेस में बदल गया देश का सबसे भूतिया रेलवे स्टेशन, कैसे जाएं बेगुनकोदर और क्या हैं घूमने की जगहें

Tourist Place Begunkodar: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले का बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन कभी भूतिया कहानियों के लिए जाना जाता था. 4 दशक तक रेलवे स्टेशन बंद रहा. लेकिन जब दोबारा स्टेशन को शुरू किया गया, उसके बाद से यह जगह टूरिस्ट प्लेस के तौर पर फेमस हो गया है. लोग इस जगह पर घूमने जाते हैं. इसके अलावा भी बेगुनकोदर में कई ऐसी जगहें हैं, जो घूमने लायक हैं.

Tourist Place Begunkodar Tourist Place Begunkodar

देश का एक ऐसा रेलवे स्टेशन, जो 4 दशक तक सिर्फ इसलिए बंद रहा, क्योंकि इसे भूतिया माना जाता था. लेकिन जब इसे दोबारा शुरू किया गया तो यह एक फेमस पर्यटन स्थल बन गया. बात पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन की हो रही है. इसका निर्माण 1960 के दशक के शुरू में किया गया था. शुरुआती कुछ सालों तक ये रेलवे स्टेशन गुलजार रहा. लेकिन उसके बाद ये भूत की कहानियों के लिए फेमस हो गया. भूत का इतना खौफ हो गया कि इस स्टेशन से मुसाफिरों का आना-जाना बंद हो गया. इस तरह से इस स्टेशन को बंद कर दिया गया. लेकिन 42 साल बाद एक बार फिर से इस स्टेशन को खोला गया और अब ये एक टूरिस्ट प्लेस बन गया है.

शुरुआत में गुलजार रहा बेगुनकोदर स्टेशन-
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बेगुनकोदर नाम का एक रेलवे स्टेशन है. साल 1960 में इस रेलवे स्टेशन को शुरू किया गया था. इसे शुरू कराने में संथाल की रानी लाचन कुमारी का अहम योगदान रहा. स्टेशन खुलने के कुछ सालों तक सबकुछ ठीक रहा. साल 1967 तक इस स्टेशन पर चहल-पहल होती थी. लेकिन इसके बाद इस स्टेशन को लेकर भूत की कहानियां सुनने को मिलने लगी. स्टेशन मास्टर ने स्टेशन पर एक महिला का भूत देखने का दावा किया. इस महिला को लेकर अफवाह फैली कि उसकी मौत ट्रेन हादसे में इसी स्टेशन पर हुई थी. जिसके बाद वो भूत बन गई.

स्टेशन मास्टर की फैमिली की मिली लाश-
इस रेलवे स्टेशन को लेकर ये अफवाह उड़ी ही रही थी. इस बीच एक ऐसी घटना घटी, जिससे भूत की अफवाही और भी पुख्ता होने लगी. कुछ दिनों बाद स्टेशन मास्टर और उनका पूरा परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया. इसको लेकर माना जाने लगा कि इस फैमिली की मौत में भूत का हाथ है. 
इस स्टेशन पर भूत को लेकर एक और कहानी सामने आई. जिसमें बताया गया कि जब भी कोई ट्रेन इस स्टेशन गुजरती है तो कोई भूत ट्रेन से साथ दौड़ता है. आसपास के इलाके में इसका इतना खौफ बढ़ गया कि यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में मुसाफिर स्टेशन आने से पहले खिड़की-दरवाजे बंद लेते थे. धीरे-धीरे इस स्टेशन से मुसाफिरों का आना-जाना बंद हो गया और स्टेशन सूनसान हो गया.

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साल 2009 में फिर से खोला गया स्टेशन-
साल 2009 में जब स्थानीय लोगों ने इस स्टेशन को खोलने की दोबारा मांग की तो तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर इस स्टेश को खुलवाया. उसके बाद से अब तक किसी भी भूत के होने की कहानी सामने नहीं आई है. हालांकि भूतों का डर अभी भी बना हुआ है. कोई भी इस स्टेशन पर शाम 5 बजे के बाद रुकने के कतराता है.

पर्यटन स्थल बन गया है बेगुनकोदर-
भूतिया कहानियों के लिए फेमस बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन पर्यटन स्थल बन गया है. लोग इस जगह घूमने आते हैं. यह जगह रसमंचा का घर है, जो अपनी प्लास्टर वास्तुकला के लिए मशहूर है. अगर इस गांव में घूमने जाते हैं तो आलू की ग्रेवी के साथ परोसा जाने वाला धुस्का जरूर खाना चाहिए. बेगुनकोदर एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट भी है. मुरुगुमा बांध सहाराजोर नदी पर बनाया गया है, जो कंगसाबती नदी की सहायक नदी है. यह बांध पहाड़ियों, जंगलों और कई छोटे द्वीपों से घिरा हुआ है. अजोध्या पहाड़ के पास बामनी झरना और तुर्गा झरना भी देख सकते हैं.

कैसे पहुंचे बेगुनकोदर-
पुरुलिया जिला पश्चिम बंगाल में है. लेकिन यह झारखंड के रांची के पास है. अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं तो पुरुलिया जंक्शन इसके सबसे पास है. बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन से पुरुलिया जंक्शन की दूरी 42 किलोमीटर है. कोलकाता से पुरुलिया ट्रेन से जाने के लिए 160 रुपए का जनरल टिकट मिलता है. अगर स्लीपर कोच में जाना चाहते हैं तो 215 रुपए का टिकट लेना होगा.

अगर रोड से जाना चाहते हैं तो कोलकाता से पुरुलिया की दूरी 250 किलोमीटर है. कोलकाता के बस से पुरुलिया जाने के लिए करीब 600 रुपए का टिकट लगेगा.

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