यूपी सरकार ने बुंदेलखंड गौरव महोत्सव (Bundelkhand Gaurav Mahotsav) के माध्यम से सैलानियों को क्षेत्र के राजाओं की अनेकों वीरगाथाओं और प्रकृति के मनमोहक रूप से परिचित कराने की मुहिम शुरू की है. इस महोत्सव का उद्घाटन झांसी से 23 जनवरी को हुआ था और समापन बुंदेलखंड के विश्व प्रसिद्ध कालिंजर दुर्ग में 18 फरवरी को होगा.
क्या है खास?
बुंदेलखंड गौरव महोत्सव का आयोजन बुंदेलखंड के 7 जिलों झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट और बांदा में होगा. इसमें पर्यटकों को Heritage Walk, हॉट एयर बैलून, वॉटर स्पोर्ट्स और बांदा के कालिंजर में भव्य टेंट सिटी का आनंद उठाने का अवसर मिलेगा. यूपी सरकार में पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस महोत्सव की रूपरेखा तय की गई है.
यूपी पर्यटन के निदेशक प्रखर मिश्रा ने कहा, 'बुंदेलखंड अज्ञात खजानों का खजाना है. यह विविध और अप्रयुक्त है. राज्य सरकार इन स्थानों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है ताकि स्थानीय लोग इस क्षमता से लाभान्वित हो सकें.' कालिंजर दुर्ग में सैलानियों के ठहरने के लिए टेंट सिटी बनाई जा रही है. सैलानी यहां ठहरकर ऐतिहासिक धार्मिक दुर्ग के दर्शन कर सकेंगे.
आइए जानते हैं बुंदेलखंड और इसके आसपास घूमने वाली जगहों के बारे में.
शबरी वाटरफॉल, चित्रकूट
यूपी के चित्रकूट धाम के पास शबरी झरना बुन्देलखण्ड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है. शबरी वाटरफॉल का परिदृश्य चट्टानों पर बहते पानी से भरा हुआ है. चट्टान की ऊंचाई से गिरते हुए पानी को देखना बड़ा ही मनमोहक लगता है.
राहिला सागर सूर्य मंदिर, महोबा
महोबा में राहिला सागर सूर्य मंदिर, 1000 साल पुराना है. इसे चंदेलों ने बनाया था. राहिला सागर सूर्य मंदिर का निर्माण 5वें चंदेल शासक राहिला देव वर्मन ने अपने शासन काल (890-915 ई) के दौरान करवाया था. रहिलिया गांव (महोबा से दक्षिण-पश्चिम दिशा में 3 किमी दूर) में स्थित है, जिसका नाम राजा राहिला देव के नाम पर रखा गया था.
बृहस्पति कुंड वाटरफॉल, पन्ना
इस कुंड को अक्सर "भारत का नियाग्रा फॉल्स" कहा जाता है. बुन्देलखंड के पन्ना जिले के पहाड़ी खेड़ा गांव में 400 फीट ऊंचा यह प्राकृतिक चमत्कार प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. चाहे घाटी के माध्यम से ट्रैकिंग करना हो, झरने के नीचे ताज़ा स्नान का आनंद लेना हो, या बस मनोरम दृश्यों का आनंद लेना हो, बृहस्पति कुंड परिवारों, दोस्तों और प्रियजनों के साथ जाने के लिए मस्त जगह है.
श्री परमहंस धारकुंडी आश्रम, मानिकपुर
प्रकृति के बीच आध्यात्मिक विश्राम के लिए, मानिकपुर और सतना के पास श्री परमहंस धारकुंडी आश्रम एक शांत अभयारण्य है. रानीपुर वन क्षेत्र से घिरा, यह आश्रम शहर के जीवन की हलचल से एक शांत मुक्ति प्रदान करता है.
कालिंजर किला
भारतीय इतिहास का अभिन्न अंग, कालिंजर किले ने प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक युगों में निर्णायक लड़ाई देखी है. अपने सैन्य महत्व से परे, कालिंजर किला सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव का प्रतीक है. किले के भीतर पौराणिक कहानियों वाला यूनीक नीलकंठ महादेव मंदिर भी शामिल है.
चित्रकूट धाम
आपको सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के बीच शांति का अनुभव करना है तो चित्रकूट धाम हो आइए. यह तीर्थस्थल एक शांत वातावरण प्रदान करता है और पूरे वर्ष विभिन्न आयोजनों का आयोजन करता है. चित्रकूट बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है. चित्रकूट महान संत गोस्वामी तुलसीदास की तपोभूमि भी है.
गणेश बाग, चित्रकूट
चित्रकूट के पास गणेश बाग के ऐतिहासिक और प्राकृतिक आकर्षण की खोज करें. मराठा राजकुमार पेशवा विनायक राव द्वारा निर्मित महल का घर, इस स्थान में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर और एक भव्य बावड़ी है. गणेश बाग का पुरातात्विक आकर्षण इसके शाही अतीत की झलक प्रदान करता है, जो इसे इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक मनोरम पड़ाव बनाता है.
झांसी का किला
झांसी में आप किले की सैर कर सकते हैं. झांसी का किला बगीरा नाम की एक पहाड़ी पर स्थित है. जिसका एक हिस्सा 1857 की क्रांति में नष्ट हो गया था. इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह ने करवाया था. इस किले से रात के समय झांसी शहर का नजारा बहुत ही मनमोहक नजर आता है. बता दें कि झांसी के किले में लक्ष्मीबाई पार्क और गणेश मंदिर भी स्थित है.
राजा गंगाधर राव की छतरी
झांसी में आप राजा गंगाधर राव की छतरी देखने जा सकते हैं. बता दें कि ये छतरी झांसी नरेश और रानी लक्ष्मीबाई के पति राजा गंगाधर राव को समर्पित है. इस छतरी का निर्माण रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पति की याद में करवाया था. छतरी के पास ही लक्ष्मी झील और महालक्ष्मी मंदिर भी स्थित है.
शाही महल
झांसी शहर में झांसी की रानी का महल मौजूद है, जिसको शाही महल भी कहा जाता है. इस महल की वास्तुकला बहुत ही खूबसूरत है. रानी महल का दीदार भी आप झांसी की सैर के दौरान कर सकते हैं. बता दें कि ये महल दो मंजिला है और इस महल में छह हॉल मौजूद हैं. इनमें दरबार हॉल को महल की शान कहा जाता है.