
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान वाराणसी में भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ के पलटप्रवाह के चलते वाराणसी में भी पूरे कुंभ मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओ के आने की उम्मीद है. इतनी भारी तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए जहां एक ओर पर्यटन विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है तो वही विश्वनाथ मंदिर ने भी कुछ बदलाव किए हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर समिति ने फैसला किया है कि पूरे महाकुंभ के डेढ़ महीने के मेले के दौरान मंदिर मं स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी. साथ ही, वीआईपी प्रोटोकॉल को पहले से ही सस्पेंड कर दिया गया है.
वाराणसी भी आएंगे 4 से 8 करोड़ भक्तजन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि सभी कुंभ में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ होता है और जिस तरह के आंकड़े प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं कि 40 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में हिस्सा लेंगे और वहां से काशी में होने वाले पलट प्रवाह के मुताबिक 10 से 20% श्रद्धालु आते हैं. इस प्रकार चार से आठ करोड़ श्रद्धालु डेढ़ माह में आएंगे.
वाराणसी में महाकुंभ से होकर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 10 लाख तक का आंकड़ा छू सकती है. इसको देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में सारी व्यवस्थाएं कर ली गई है. बैरिकेड भी लगा दिए गए हैं. ललिता घाट पर एक्स्ट्रा लॉकर की व्यवस्था की गई है. एक्स्ट्रा पेयजल की व्यवस्था की गई है. अल्पाहार और मेडिकल टीम की व्यवस्था है.
लागू होगा सावन का प्रोटोकॉल
सभी विभागों से पत्राचार कर लिया गया है चाहे सुरक्षा हो या फिर अग्निशमन हो और खाद्य सुरक्षा विभाग हो. पुलिस प्रशासन, सीआरपीएफ, पीएसी और अन्य सुरक्षा बल से भी अनुरोध कर लिया गया है. एनडीआरएफ के साथ भी कार्य योजना तैयार कर ली गई है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था देने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन दृढ़ संकल्पित है.
पूरे महाकुंभ के दौरान श्रावण मास का प्रोटोकॉल काशी विश्वनाथ मंदिर में लागू रहेगा. इसमें स्पर्श दर्शन घोषित रूप से पूर्णता बंद है. महाकुंभ के दौरान गर्भगृह में प्रवेश श्रद्धालुओं का वर्जित रहेगा. केवल पुजारी अर्चक और साफ सफाई करने वाले लोग ही गर्भगृह में जा सकेंगे. इसके अलावा किसी को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सारे VIP प्रोटोकॉल पहले से ही सस्पेंड कर दिए गए हैं.
बनाए गए पर्यटक काउंटर
वाराणसी और विंध्याचल मंडल के उपनिदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत ने खास बातचीत में बताया कि उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ के दौरान वाराणसी में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. बनारस में गंगा आरती, विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर, क्रूज और सारनाथ जैसे सारे स्थल आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा सर्वेद मंदिर में भी पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं. इसको ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, गंगा घाट और सारनाथ आदि में पर्यटक काउंटर बनाए हैं. इन टूरिस्ट काउंटर पर 24 घंटे स्टाफ की ड्यूटी रहेगी.
आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए कुंभ के दृष्टिगत लिटरेचर जैसे सिटी मैप वाराणसी के पर्यटन स्थल उपलब्ध रहेंगे. इसके अलावा हाईवे पर लगने वाले साइनेज के जरिए भी काफी सुविधा पर्यटकों को मिलेगी. महाकुंभ के दौरान न केवल देश, बल्कि विदेश से भी पर्यटक भारी संख्या में आते हैं. पर्यटकों की संख्या को देखते हुए बनारस में काफी संख्या में होटल बन चुके हैं. पेइंग गेस्ट स्कीम में भी काफी बड़ी संख्या में लोगों को लाइसेंस दिया गया है, ताकि कुंभ में आने वाले लोगों के लिए रुकने की व्यवस्था हो सके.
दो से तीन दिनों में 212 पेइंग गेस्ट की एप्लीकेशन को लाइसेंस दे दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बड़े और बजट होटल के अलावा वाराणसी में पेइंग गेस्ट, गेस्ट हाउस, आश्रम धर्मशाला और रैनबसेरा की व्यवस्था रहेगी. वाराणसी में ठहरने को लेकर किसी भी तरह की समस्या नहीं है.